क्योंकि यह ज़िंदगी है

ज़िंदगी, यह जितना खूबसूरत लफ्ज़ है शायद उतना ही जटिल भी या यूँ कहें कि हम इसे जटिल बनाने पर उतारू होते है, उन परिस्थितियों को उत्पन्न करते हुए जो वास्तव में आधार शून्य हैं; या फिर जिनको भ्रम की आधारशिला प्रदान कर दी गई हो। फिर इस पथ पर साहस, दृढ़ निश्चय और सब्र का फ़िज़ाओं में गुम हो जाना भी लाज़मी है। यहाँ पहला सवाल है कि ऐसा करना हमारे स्वभाव में शामिल है या हम उसे अपने आप का एक हिस्सा बना चुके है? क्योंकि यह दोनों हालात बहुत अलग हैं, यदि यह हमारे स्वभाव में शामिल है तो इस बात में कोई दोराय नहीं की इसको बदले जाने की गुंजाईश असीमित है, स्वभाव को प्रयासों से बदला या बेहतर किया जा सकता है, और यदि दुर्भाग्यवश यह हमारा हिस्सा बन चुकी है तो इस हिस्से को तोड़ना अतुलनिलय तौर से मुश्किल है।

क्योंकि यह ज़िंदगी है Kyonki Yah Zindagi Hai

हारना हमारी ज़िंदगी मे बहुत ज़रूरी हिस्सा है क्योंकि हार हमें जीत की सम्पूर्णता की ओर अग्रसर करती है। जब तक हम हारेंगे नहीं तब तक जीत की महत्वकांशा का ज्ञात हो पाना असंभव है। हार महज़ रूकावट है अंत नहीं और हार को अंत लेना एक मात्र अंत है।

चलिए अब विश्लेषण करते है, ज़िंदगी की समस्याओं का, मैं एक तथ्य सामने रखना चाहूँगी। यदि समस्या को समस्या समझने के स्थान पर एक चुनौती के तौर पर स्वीकार करें तो हम हल यकीनन तलाश लेंगे। अब ज़रा सोचिए की आप कितने खुश-किस्मत हैं की ख़ुदा ने इस चुनौती का सामना करने के लिए आपको चुना है, क्योंकि चुनौतियाँ उस शक़्स की ही राहों में आती हैं जो उनसे लड़कर अपनी विजय सुनिश्चित करने की हिम्मत रखता है।

हर मुकाम पर पहुँचना कठिन नहीं लेकिन अगर कुछ कठिन है तो वो है, उस मुकाम पर बरकरार रहना। मंज़िल को हासिल कर लेने के बाद भी अपनी हृदय की पारदर्शिता बनाए रखना और स्वयं को किसी भी प्रकार के अहंकार से दूर रखना भी अपने आप में एक अतुलनिलय मंज़िल है। ईमानदारी सबके वश की बात नहीं इसलिए इतने योग्य बनें की ईमानदारी सदा आपके हाथ को थाम कर रखे। हर सफर खूबसूरत है बशर्ते आपको उस सफर का लुत्फ़ उठाने के अंदाज़ का ज्ञान हो।

बदलाव बेहतरी का दूसरा नाम है, इसलिए कभी भी किसी भी तरह के बदलाव से बे-चैन होना जायज़ नहीं। फिर चाहे वो बदलाव किसी भी शक्ल का हो, इन लफ़्ज़ों के ये मायने है कि रिश्तों में बदलाव, स्वभाव में बदलाव, मूल संरचनाओं में बदलाव सब आपके पक्ष में होते है, फर्क महज़ इतना होता है कि हमें इस बात का एहसास कुछ देर से होता है। बदलाव सकारात्मक है या नकारात्मक ये मायने नहीं रखता, मायने यह रखता है की हर तरह का बदलाव ज़रूरी होता है। उस बदलाव से आगे आना और कुछ सीखते रहना ही जीवन सार है।

ज़िंदगी से ज़्यादा खूबसूरत औऱ कुछ भी नहीं क्योंकि ये ज़िंदगी है। यदि आप मेरी इस बात से इत्तेफ़ाक़ नहीं रखते हैं तो अपना नज़रिया बदलिए मुझे यकीन है की आपको यकीन हो जाएगा।

लेखिका:
वैदेही शर्मा