सफलता के अचूक नुस्खे

सफलता कोई रहस्य नहीं जीवन यात्रा का एक पड़ाव मात्र है, सफलता अत्यधिक परिश्रम मंगली है। आप सफल नहीं हुए अर्थात पर्याप्त मात्रा में परिश्रम नहीं किया गया। सफलता का एक रहस्य और है वह यह है कि जीवन के कुछ पहलुओं का सही और सुनिश्चित उपाय।

सफलता के अचूक नुस्खे

आपका ‘आज’, ईश्वर की ओर से आपको दिया गया उपहार है; आपके प्रदत यह 24 घंटे दैवीय भावना युक्त हैं। उपहार के साथ किया गया दुर्व्यवहार उसके दाता के प्रति दुर्व्यवहार होगा। इन 24 घंटों में से कुछ मिनट बर्बाद करना भी विश्वासघात है। ‘आज’ को महत्व दें और इसे मूल्यवान बनाएँ 9:00 बजे का अर्थ 8 बज कर 60 मिनट होता है, यह बेहतर ढंग से समझ लें और देखें कि चमकदार सफलता से मिलने को आतुर है।

इतिहास पढ़ने वालों और इतिहास रचने वालों में फर्क होता है। पढ़ने वाले सुबह देर से जगा करते हैं जब तक दुनिया घंटे, 2 घंटे का सफर तय कर चुकी होती है। देरी हो गई अब आप पीछे-पीछे चलिए। इतिहास रचने वालों ने सुबह की मीठी बयार का स्वाद लिया, खुशबू से मन भर लिया, सूरज से नैन मटक्का किया और मैराथन के लीडर बन दौड़ना शुरू कर दिया। अब आप भी शुरू करें और आनंद लें; हम नहीं कर सकते यह रटना छोड़ दे , वास्तविकता यह है कि हम करते नहीं। सफलता आनंद है और आनंद परिश्रम के साथ आता है इकलौती कभी नहीं हमारी जिम्मेदारी जहाँ खत्म होती है, वहीं से सफलता का पहला अंकुर होता है। देखना होगा कि हमने हमारे हिस्से का काम कितनी शांति से किया कितना सटीक किया। अधीरता, उतावलापन और जल्दबाजी शांतिपूर्ण सफलता में बाधक है। सही समय पर निर्णय लेकर अपनी समस्त जिम्मेदारी पूरी करना सफलता की तैयारी है बस इन ज़िम्मेदारीयों को बोल्ड लेटर्स में लिखकर कमरे की दीवार पर चिपका दें, संसार के लिए सूचना कि आप सफलता की राह पर चल निकले है

दो अलग-अलग लोगों द्वारा तैयार नींबू के शरबत का स्वाद अलग अलग होगा, घटक जबकि एक है- शहद नींबू का रस शकर और चुटकी भर नमक। ऐसा क्यों? हम जो कुछ भी बनाते हैं या तैयार करते हैं उसमें एक अदृश्य घटक होता हैं और यह अदृश्य घटक ही बेहतर और बेहतरीन अच्छे और उत्कृष्ट के बीच अंतर पैदा करता है। जो भी कार्य किया गया यदि वह रुचिपूर्ण निष्ठा और प्रेम पूर्वक किया गया तो रंग सोने सा चोखा और पक्का होता है। निष्ठा खुशी और प्रेम पूर्वक किया गया कार्य सफलता की उर्वरा है , साथ ही साथ सफलता की समस्त परिभाषा, जो हर परिपेक्ष में लागू होती है, इसे जान लें। दिन भर के कार्यों का आकलन करें और सोते समय खुद से प्रश्न करें मैं इसे और बेहतर कैसे कर सकता हूँ ? और खुद को ही उत्तर दें, और अगली सुबह सुधार की गुंजाईश के साथ काम शुरू कर दें, इस सुधरे काम की मात्रा बढ़ाएँ जितना कल किया था आज उससे अधिक करें अपनी योग्यता को निखारे अपनी क्षमता को बढ़ाएँ, यही सफलता है।

लेखक:
वैदेही शर्मा

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