अर्धकुम्भ महामेला: भारत की अखंडता की तस्वीर

हिंदुत्व के अस्तित्व को और भी गौरान्वित करता हुआ धार्मिक पवित्रता की ओर अग्रसर एक बड़ा पहलू, भारत ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व का सबसे बड़ा अर्धकुम्भ मेला। इस Ardh Kumbh Mela, का नाम सुनते ही इसकी तस्वीर आँखों के आगे दिखाई देने लग जाती है। अनगिनत भक्तों की मौजूदगी, ईश्वर की भक्ति में डूबा हुआ संपूर्ण वातावरण इसे और भी खूबसूरती प्रदान कर देता है। इस बात में कोई दो राह नहीं कि Ardh Kumbh की महिमा कभी ना खत्म होने वाली एक असीम छवि को धारण करता हुआ महा मेला है। लेकिन आज मैं महाकुंभ के ही भाग या यूं कहें कि कुंभ के छोटे रूप ‘अर्धकुंभ’ , जो की प्रतिवर्ष प्रयाग नगरी में लगने वाले माघ मेला से कई गुना अधिक विशाल मेला है; की व्याख्या आप लोगों के सामने प्रकट करने का पूरा प्रयास करूंगी, तो आइए आपको ले चलते हैं और अर्द्ध कुम्भ के बारे में बताने के लिए एक खास सफर पर, मुझे यकीन है कि आप मेरा साथ अवश्य देना चाहेंगे।



Ardh-Kumbh-Allahabad-Kya-Hota-Hai अर्धकुंभ रोचक बातें क्या है




जैसा कि नाम से स्पष्ट है Ardh Kumbh दो शब्दों के मेल से बना है अर्ध और कुंभ जिसका तात्पर्य यह है कि कुंभ मेले की आंशिक महिमा को प्रकट करने वाला एक महान मेला। अर्ध कुंभ का आयोजन 6 वर्ष में एक बार भारत के चार हिस्सों में किया जाता है। इन चार हिस्सों में इलाहाबाद, उज्जैन, नासिक और हरिद्वार शामिल है। इसे अर्धकुंभ का नाम इसलिए भी दिया गया क्योंकि यह Maha kumbh के आयोजन के 6 वर्ष बाद अर्थात मध्य समय में आयोजित होता है। अर्ध कुंभ में स्नान करने का अनुभव बेहद कीमती होता है ऐसा माना जाता है कि यहां स्नान करने से आप को सर्वश्रेष्ठ मुक्ति की प्राप्ति होती है।

Allahabad में तो Ardhkumbh की सुंदरता देखते ही बनती है। मानों जैसे Ardhkumbh के दौरान Allahabad रातों में कभी सोता ही ना हो। यहाँ के विशाल पंडाल, संतों और अघोरियों की उपस्तिथि, अखाड़ो का जादू, भक्तजनों को रिझाने वाली बहुत सी दुकानें और सबसे महत्वपूर्ण कल्पवास की सूरत ही कुछ और होती है। अर्धकुंभ में ग़ौर करने वाली एक बात यह भी है कि यहाँ पर भक्त जनों की मौजूदगी के अलावा बड़े बड़े वैज्ञानिक भी अपने शोध कार्य को नई दिशा प्रदान करने आते है। अर्धकुंभ को सफलता के साथ एक बेहतर मुकाम देने के लिए Uttar Pradesh Goverment हर बार सराहनीय प्रयासों को सामने रखती है। यदि आप कुछ ऐसा अनुभव करना चाहते हैं जो आपके दिल में ता उम्र बसर करें तो आपको Ardh Kumbh के इस महान मेले का जीवन में एक बार ही सही पर हिस्सा ज़रूर बनना चाहिए। असुरों और देवताओं के बीच हुए समुद्र मंथन को अमर जीवन प्रदान करते हुए अर्धकुम्भ मेला हिंदुत्व आराधना का प्रतीक है।

Ardhkumbh-Mela-Allahabad-Hindi इलाहबाद अर्धकुम्भ क्यों मनाया जाता है



अब मैं आप को बताना चाहूँगी अर्धकुंभ से जुड़ी हुई कुछ रोचक बातें –

सत्संग की शैली:

अर्द्घ कुंभ के दौरान यहां पर सत्संग की एक अद्भुत शैली का प्रस्तुतीकरण किया जाता है। सत्संग ईश्वर से जुड़ने का एक रूप है जो आपके मन को अत्यधिक प्रफुल्लित करता है। Prayag Ke Ardhkumbh में सत्संग का रूप और भी विस्तृत हो जाता है क्योंकि यहाँ पर सभी महापुरुषों और संतों का जमावड़ा लगता है।

अखंडता की परिभाषा:

अर्धकुंभ Hindu Dharm के विशाल रूप को पुनः अवतरित करता हुआ हिंदुत्व की अखंडता को परिभाषित करता है। यही एक मुख्य कारण है कि देश ही नहीं अपितु विदेश से भी हर बार यहां पर अनगिनत भक्तजन अर्द्धकुंभ मेले के साक्षी बनते आये हैं।

आश्चर्यजनक सम्मेलन:

यदि हम Unesco की नजर से देखें तो अर्धकुंभ समस्त विश्व में सम्मेलनों की श्रेणी में दूसरे पायदान पर अपना स्थान निश्चित करता है और मेरे विचार में अर्धकुंभ का यह स्थान निश्चित कर पाना ही आपको एक गहरे आश्चर्य में डाल देने के लिए पूरी तौर से समर्थ है।

एक संपन्न उत्सव:

Ardhkumbh Mela, Bharat के सबसे बड़े उत्सव में से एक ऐसा उत्सव है जो मानव जीवन को एक बेहतर रास्ता दिखाता है, यह रास्ता है शांति का, भक्ति का और ईश्वर की रंग में रंग जाने का। यह एक ऐसा उत्सव है जहाँ पर भक्तजनों का मेल परम आनन्द से होता है।

भारत तमाम अचरचों की भूमि है यहां पर अनगिनत सभ्यताओं का मेल अपनी अलग पहचान बनाता है। अर्धकुंभ भी भारत की इस अमूल्य संस्कृति का एक अभिन्न भाग है और सदा रहेगा।

  • खगोलीय गड़नाओं के अनुसार Ardh Kumbh Mela मकर संक्रांति के दिन से प्रारंभ होता है।
  • Makar Sankranti के दिन होने वाले इस योग को ही कुम्भ स्नान योग कहा जाता है।
  • मान्यता है की Kumbh Snan करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है।
  • यह Maha Snan हमारी आत्मा को उच्च लोकों की प्राप्ति करवाता है।
  • Ardh Kumbh में स्नान करना साक्षात स्वर्ग दर्शन के समान है।

लेखिका:
वैदेही शर्मा

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