योगी आदित्यनाथ को UP का CM बनाना – कहीं आत्मघाती साबित न हो BJP का ये फैसला

13 March 2017 को जिस तरह उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजे आये उसे देखकर ऐसा लगा कि UP के लोग अब सच में बड़े बदलाव की ईच्छा रखते हैं। जाती धर्म को दरकिनार कर लोगों नें एकजुटता पेश की और भारतीय जनता पार्टी जो मुख्यतः हिन्दू विचारधारा के तहत राजनीति करती है ये जानते हुये उन्होंने इस पार्टी को एक विशाल जनमत दिया। स्वयम भा ज पा के लिए भी 325 सीटों पे विजेता होना चौकाने वाला था क्योंकि पार्टी का स्वअनुमान भी करीब 200 सीटों के आस पास ही जा रहा था। इसमें कोई संदेह नहीं की Uttar Pradesh Assembly Election 2017 का Result BJP को उत्साहित तो करता है पर मन में एक शंका भी करता है कि कहीं जनता नें उनसे अधिक अपेक्छायें तो नहीं कर लीं। इसी कश्मकश के तहत बी जे पी जैसी विशाल पार्टी को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री चुनने में कुल पाँच दिन का वक्त लग गया।

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ज्यादा गहराई में ना जाकर मैं सिर्फ बात करना चाहूँगा हालिया नियुक्त हुए Uttar Pradesh के chief minister श्री Yogi Adityanath की। क्या योगी आदित्यनाथ वास्तव में उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बना सकते हैं ? क्या योगी जी वास्तव में अपनी कट्टर हिंदूवादी छवी से बहार निकलकर सबका साथ सबका विकास के राह पर चल सकते हैं ? ये सवाल सच में गंभीर हैं क्योंकि BJP को UP में फतह पूरे 14 साल के बाद मिली है ऐसे में श्री योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद पर बैठना भारतीय जनता पार्टी के लिए आत्मघाती भी साबित हो सकता है।

श्री योगी आदित्यनाथ जी का संछिप्त परिचय :

  • इनका वास्तविक नाम अजय सिंह बिष्ट है और जन्म 5 जून सन 1972 का है , जन्म स्थान – पंचूर, पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड।
  • गोरखपुर चुनाव क्षेत्र से सन 1998 से लगातार सांसद बने, इनका विजयरथ आज भी जारी है।
  • भारत के प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर गोरखनाथ के ये पुजारी होने के साथ वहाँ के मठाधीश भी हैं।
  • हिन्दू युवा वाहिनी के संस्थापक भी है जो कि एक ठेठ हिन्दूवादी संगठन है जिसके उद्देश्य कट्टर हिंदूवाद में निहित हैं।
  • योगी आदित्यनाथ जी राजपूत बिरादरी से आते हैं जिन्होंने B.Sc in Mathematics में Graduation भी किया हैं।

श्री योगी आदित्यनाथ जी के ऊपर लगे आपराधिक मामले : (निचे दिए हुए आपराधिक मामले लोकसभा चुनाव 2014 के हलफनामें में मौजूद हैं)

  • धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न संगठनो एवं समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आधार पर ; समाज में व्याप्त शांति व सदभाव को दूषित करने के आधार पर आईपीसी की धारा 153 ए के तहत दो मामले दर्ज हैं।
  • वर्ग विशेष , धर्म विशेष के धार्मिक स्थानों को अपमानित करनें के आरोप में आईपीसी की धारा 295 के दो मामले दर्ज हैं।
  • श्री योगी जी के खिलाफ कृषि योग्य भूमि को विस्फोटक पदार्थ का इस्तेमाल कर नुकसान पहुंचाने के इरादे से कार्य करने आदि का मामला भी दर्ज है।
  • अतियनाथ जी के खिलाफ आपराधिक धमकी का एक मामला आईपीसी की धारा 506 के तहत दर्ज है।
  • श्री योगी आदित्यनाथ जी के विरुद्ध आईपीसी की धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास का एक संगीन मामला भी अभी चल रहा है।
  • आईपीसी धारा 147 के तहत दंगों के मामले में सजा से सम्बंधित 3 आरोप भी योगी जी पर हैं. आईपीसी खंड 148 के तहत योगी जी पर घातक हथियारों द्वारा दंगों से संबंधित होने के दो आरोप दर्ज हैं। इसके अलावा उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 297 के तहत कब्रिस्तान में जबरन घुसने के दो मामले भी हैं।
  • आईपीसी धारा 336 के तहत योगी जी पर दूसरों की व्यक्तिगत सुरक्षा एवं जीवन को खतरे में डालने से संबंधित 1 मामला है। आईपीसी की धारा 504 के तहत उन पर जानबूझकर शांति का उल्लंघन व् अशांति फ़ैलाने का एक आरोप दर्ज है।
  • योगी जी सीआरपीसी की धारा 151A, 146, 147, 279, 506 के तहत जेल भी जा चुके हैं , इनको गोरखपुर दंगों के दौरान गिरफ्तार किया गया था। इसी के दौरान हिन्दू युवा वाहिनी संगठन के सदस्यों नें मुंबई-गोरखपुर गोदान एक्सप्रेस के कुछ डिब्बों में आग लगा दी थी जिसमें कई यात्री बाल – बाल बचे थे।

उपयुक्त मामलों को अगर ध्यान से देखा जाये तो वह कोई साधारण आरोप नहीं हैं। दिये हुए तमाम मामले श्री योगी आदित्यनाथ के चरित्र का वर्णन कर रहे हैं , ऐसे में इनका मुख्यमंत्री चुना जाना सच में चौंकानें वाली बात है। क्या सच में UP को योगी आदित्यनाथ की जरूरत है ? BJP हिन्दुवाद के साथ विकास की धारा को कैसे आगे बढायेगी ? क्या योगी आदित्यनाथ के आने से सूबे में अशांति का भय नहीं होगा ? या योगी को लेकर समाज के एक विशेष तबके को डराने का प्रयास किया जा रहा है ? मेरे मन में ऐसे अनगिनत सवाल हैं जिनका उत्तर मैं ढूंढ नहीं पा रहा हूँ।

भारतीय जनता पार्टी को मिला ये 325 का अद्भुत बहुमत सिर्फ उत्तर प्रदेश के कल्याण और तरक्की की मुहर है ना कि कोई हिन्दूवाद की। अब वक़्त बदल गया है दुनिया अब इक्कीसवीं सदी में जी रही है ऐसे में कट्टरता, धार्मिकता और अहिष्णुता के आधारपर राजीनीति को आगे बढ़ाना किसी भी राजनितिक दल के लिये असंभव है। BJP एक विशाल राजनितिक’दल है जिसके पास चेहरों की कमी नहीं फिर श्री योगी आदित्यनाथ को ही CM क्यों चुना गया UP का, क्या कोई ऐसा व्यक्ति नहीं हो सकता था जो निष्पाप हो , निष्कलंक हो , निरपराध हो , सौम्य हो , समाज का ज्ञाता हो , सदभावना का पुजारी हो और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की बात सबका साथ सबका विकास को आगे लेकर चलने की कला रखने वाला हो।

यहाँ स्वम बी जे पी को भी परेशानी हो सकती है योगी जी के अड़ियल रवैये से , इनके हिन्दू संगठनों से जो सिर्फ योगीनाथ की ही बात सुनते हैं। चूँकि श्री योगी आदित्यनाथ धर्म, पूजा-पाठ, साधू-संतों की टोली से आते हैं ऐसे में वो अपने एक विशेष समाज के दबाव को भी महसूस करेंगे जो उनको उकसायेगा हिंदूवादिता और मंदिर मस्जिद जैसे तमाम मुद्दों पर। जब श्री Yogi Adityanath जी चलते हैं तो उनके पीछे समर्थक जय श्री राम के नारे लगाते हैं , राम मंदिर के नारे बुलंद करते हैं , तलवार और भाले की बात करते हैं ऐसे में उत्तर प्रदेश में रहने वाला एक खास समाज इनसे भयभीत भी होगा और तो और स्वयम वो हिन्दू जो प्रेम भाव से चलने में यकीन रखते हैं वह भी इनसे दूरी ही बनायेंगे। फिर भला सबका साथ सबका विकास कैसे होगा ?

यू पी में रहना है तो …. योगी योगी कहना है ” – ये नारा जो समाज को पृथक करता है।

मैं खुद Uttar Pradesh से हूँ – मैं यह चाहूँगा कि UP अपने पिछड़ेपन से आगे निकले चाहे कोई योगी के हाथ या फिर कोई आम जनमानस के हाथ। श्री Yogi Adityanath फिलहाल बधाई के पात्र हैं। उम्मीद है योगी जी उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश के रास्ते पर ले जायेंगे और श्री नरेंद्र मोदी जी के विकास की प्राथमिकता को तवज्जो देंगे ना की हिन्दूवाद को।

325 आंकड़ों का जनादेश और श्री योगी उर्फ़ अजय सिंह जी अगले 2 वर्ष और पूरे पाँच वर्षों में UP को कहाँ तक लेकर जाते हैं यह सच में देखने लायक होगा। पर मैं उत्तर प्रदेश के अच्छे भविष्य की कामना करता हूँ। काम के आधार पर जनता 2019 में अपना निर्णय देगी की श्री योगी आदित्यनाथ विकास की कसौटी पर कितना खरा उतर पाये।