CPA मार्केटिंग क्या है और कैसे करते हैं
CPA Marketing in Hindi, सीपीए मार्केटिंग क्या होती है आज पखेरू के इस विशेष लेख में समझेंगे। दोस्तों इंटरनेट केवल समाचार पढ़ने और ईमेल भेजने के लिए ही इस्तेमाल नहीं होता। आज 21वीं सदी में इंटरनेट हमारी रोजमर्रा की जरूरत बन पड़ा है; कुछ पल के लिए यदि हमारे स्मार्टफोन का इंटरनेट बंद हो जाता है तो हमें ऐसा लगता है की हम अकेले हो गए हैं। ज्यों ज्यों इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है त्यों त्यों इसकी महत्ता और उपयोगिता भी बढ़ती जा रही है। इंटरनेट की उपयोगिता का सबसे अहम पहलु है ‘पैसा’, जी हाँ हम इंटरनेट का इस्तेमाल करके न सिर्फ सूचना का आदान-प्रदान कर सकते हैं बल्कि अपने जीवन यापन के लिए धन भी अर्जित कर सकते हैं। पखेरू हिंदी ब्लॉग पर इंटरनेट से पैसा कैसे कमाएं से संबंधित कुछ लेख पहले से ही प्रकाशित हैं जिन्हें आप पढ़ सकते हैं। किन्तु आज हम चर्चा करेंगे CPA Marketing के संबंध में, जो निश्चित तौर पर Online Money प्राप्त करने का एक जाना माना और पुराना नाम है। विदेशों में तो CPA मार्केटिंग कई सालों से की जा रही है किन्तु भारत में यह अभी कुछ सालों से चर्चा में आयी है।
सीपीए मार्केटिंग को बतलाने से पूर्व मैं आपको यह बता दूँ की सीपीए मार्केटिंग एफिलिएट मार्केटिंग से भिन्न है। CPA Marketing और Affiliate Marketing दोनों में कहीं से भी कोई समानता नहीं है। अतः आपसे निवेदन है की आप CPA और Affiliate दोनों को एक सामान समझने की भूल ना करें।
सीपीए मार्केटिंग और एफिलिएट मार्केटिंग में अंतर:
Difference between CPA Marketing and Affiliate Marketing
सीपीए मार्केटिंग:
- यहाँ पर आपको किसी को प्रोडक्ट नहीं बेचना होता।
- यहाँ पर आपको कमीशन प्राप्त होता है कोई एक्शन या टास्क को पूरा करा के।
एफिलिएट मार्केटिंग:
- यहाँ पर आपको प्रोडक्ट बेचने की अनिवार्यता होती है।
- यहाँ हर एक प्रोडक्ट बेचने के बाद ही आपको उसका कुछ कमीशन प्राप्त होता है।
ऊपर लिखे बिंदुओं से आप समझ चुके होंगे की CPA और Affiliate में किस प्रकार की भिन्नता है। एफिलिएट में पैसा किसी कंपनी के उत्पाद को बेचने के बाद ही मिलता है जिसे कमीशन कहते हैं। सीपीए में ज्यादातर डिजिटल उत्पाद होते हैं और कभी कभी इस्तेमाल में ली जाने वाली वस्तु भी होती है। डिजिटल उत्पाद जैसे कोई सॉफ्टवेयर, एप्प, सर्वे फॉर्म या ऑनलाइन टूल्स जिसे यूजर को खरीदने की अनिवार्यता नहीं होती। सीपीए के डिजिटल उत्पादों को डाउनलोड करके, रजिस्ट्रेशन करके, किसी लिंक पर क्लिक करके कमीशन के तौर पर एक निश्चित प्रतिशत (राशि) कमाया जा सकता है।
चलिए जानते हैं सीपीए मार्केटिंग क्या होती है:
what is CPA Marketing in Hindi ?
समझते हैं CPA क्या है, मैं आपको बता दूँ की सीपीए का पूरा नाम है Cost Per Action इसे दूसरे शब्द में Cost Per Acquisition के नाम से भी जाना जाता है।
CPA ऑफ़र प्रायः Affiliate Marketing के साथ स्वीकार किए जाते हैं किन्तु ये एफिलिएट मार्केटिंग के व्यवहार से अलग होते हैं। क्योंकि सीपीए में खरीद और बेच जैसे कार्य ना होकर केवल उत्पाद का प्रचार-प्रसार व ट्रॉयल इस्तेमाल ही शामिल है ।
एफिलिएट मार्केटिंग क्या है हिंदी में जानें:
अब वक़्त आ गया है ये जानने का की CPA Cycle कैसे काम करता है:
CPA Cycle का मतलब ‘सीपीए चक्र’ से है । सीपीए का पूरा चक्र कैसे काम करता है और इसमें क्या क्या शामिल है मैं आपको नीचे बता रहा हूँ कृपया आप ध्यान से देखें ।
सीपीए चक्र में मुख्यतः 4 चीजें शामिल हैं जो इस प्रकार हैं –
1: कंपनी >> 2: सीपीए नेटवर्क >> 3: यूजर >> 4: ट्रैफिक
ऊपर दर्शाये चारों बिंदु ही पूरे सीपीए चक्र को संचालित करते हैं । यहाँ हम जानेंगे की इन चारों बिंदुओं का क्या कार्य है –
1: कंपनी
कंपनी वो है जो अपना कोई डिजिटल उत्पाद बना रही है जैसे मोबाइल एप्लीकेशन या सॉफ्टवेयर। और ये कंपनी अपने बनाये उत्पाद को सीधे ग्राहकों तक पहुँचाना चाहती है अर्थात अपने उत्पाद का प्रचार प्रसार कराना चाहती है ताकि जल्द से जल्द उसके बनाये मोबाइल एप्लीकेशन या सॉफ्टवेयर को लोग जान सकें और इस्तेमाल में ले सकें।
2: सीपीए नेटवर्क
इसे सीपीए विंडो भी कहा जा सकता है। सीपीए नेटवर्क का कार्य व्यवहार ठीक एफिलिएट नेटवर्क या विंडो की तरह ही होता है। डिजिटल प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी अपने बनाये गए प्रोडक्ट को सीपीए नेटवर्क में डाल देती है। सीपीए नेटवर्क उस कंपनी का प्रोडक्ट शामिल करने के बदले कुछ राशि लेता है। जिस प्रकार एफिलिएट नेटवर्क एक से अधिक होते हैं ठीक उसी प्रकार सीपीए नेटवर्क भी एक से अधिक होते हैं। सभी सीपीए नेटवर्क किसी कंपनी के प्रोडक्ट को अपने नेटवर्क में शामिल या लिस्ट करने के लिए पैसे लेते ही हैं।
3: यूजर
मैं और आप ही यूजर कहलाते हैं, अर्थात जो लोग सीपीए मार्केटिंग से पैसे कमाने के इच्छुक हैं वे सभी सीपीए नेटवर्क पर पहले अपना रजिस्ट्रेशन करते हैं। रजिस्ट्रेशन यानी हमें किसी सीपीए नेटवर्क पर जाकर अपना यूजर अकाउंट बनाना होता है जो कि पूरी तरह मुफ्त होता है। कोई भी सामान्य व्यक्ति सीपीए नेटवर्क में मुफ्त में अपना अकाउंट बना सकता है।
4: ट्रैफिक
अब ट्रैफिक क्या कहलाता है ! जी ट्रैफिक भी तो मेरे और आपके जैसे लोग ही कहलाते हैं। जब कोई व्यक्ति किसी सीपीए नेटवर्क में जाकर अपना अकाउंट बना लेता है तब वो अपनी इच्छानुसार वहां मौजूद किसी भी प्रोडक्ट का चुनाव कर उस प्रोडक्ट के लिंक को अपने मित्रों व अन्य जानने वाले लोगों को साझा करता है। साझा करने पर जितने अधिक लोग उस लिंक पर आते हैं वही ट्रैफिक कहलाता है।
अब तक हमने सीपीए चक्र के मुख्य मायनों को समझ लिया है । अब जानते हैं इसकी कार्यविधि क्या है और यूजर को कमीशन कैसे प्राप्त होता है।
मान लीजिये,
कंपनी का कार्य:
कंपनी ने मोबाइल एप्लीकेशन बनाया जो एंड्रॉइड और आई.ओ.एस दोनों पर कार्य करता है। अब कंपनी अपने मोबाइल एप्लीकेशन का प्रचार करना चाहती है। प्रचार करने के लिए कंपनी ने CPA Marketing या CPA Campaign का तरीका चुना। इसके तहत कंपनी ने कुछ बड़े छोटे कई CPA Network या CPA Window से बात की और एक निश्चित समय अवधि के लिए 500 डॉलर की डील में फाइनल कर दी।
सीपीए नेटवर्क का कार्य:
CPA Network ने कंपनी से 500 डॉलर लेकर उसके मोबाइल एप्लीकेशन को अपने नेटवर्क में शामिल कर लिया या लिस्ट कर लिया।
यूजर का कार्य:
उस सीपीए नेटवर्क से जुड़ा व्यक्ति जिसने अपना अकाउंट सीपीए नेटवर्क में पहले से बना रखा है या अभी नया अकाउंट बनाकर आया है। उसे वहां मोबाइल एप्लीकेशन का ऑफर दिखाई देता है। यूजर देखता है की इस मोबाइल एप्लीकेशन की मार्केटिंग करने से Per Action या Per Task को पूरा हो जाने पर सीपीए नेटवर्क 50 डॉलर का कमीशन देगा। अतः यूजर को यह ऑफर बेहद पसंद आने के साथ साथ ज्यादा कमाई वाला लगता है। यूजर इस ऑफर को चुनकर उस मोबाइल एप्लीकेशन को प्रमोट करना शुरू कर देता है।
ट्रैफिक का कार्य:
यूजर पैसा कमाने की चाहत में उस मोबाइल एप्लीकेशन को कई माध्यमों द्वारा प्रचारित करना शुरू कर देता है। जितने अधिक लोग यूजर द्वारा साझा किये गए लिंक पर जाकर उस मोबाइल एप्लीकेशन को अपने फ़ोन में डाउनलोड करते हैं, यूजर को Per Download पर 50 Dollar का कमीशन मिल जाता है। कभी डाउनलोड के साथ उस एप्लीकेशन में रजिस्ट्रेशन करना भी अनिवार्य होता है। इस प्रकार कंपनी द्वारा निर्मित मोबाइल एप्लीकेशन बेहद आसानी से कई लोगों तक न सिर्फ पहुँच जाता है बल्कि उन तमाम लोगों के मोबाइल फ़ोन में डाउनलोड और रजिस्टर भी हो जाता है।
जानते हैं कितने प्रकार के ऑफर होते हैं सीपीए मार्केटिंग में:
Types of Offers in CPA Marketing
कॉस्ट पर लीड CPL (cost per lead):
जब कोई मोबाइल एप्लीकेशन को डाउनलोड करके उसपर अपना रजिस्ट्रेशन करता है तब यह क्रिया ‘Lead’ कहलाती है। कंपनी को अपने मोबाइल एप्लीकेशन के लिए एक लीड प्राप्त हुई और इस एक लीड का कमीशन उसे मिलेगा जो सीपीए नेटवर्क से यह ऑफर लेकर आगे अन्य यूजर को शेयर कर रहा है। शेयर किये गए लिंक से जितने भी लोग मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड करके उसपे अपना रजिस्ट्रेशन करेंगे, उनके हर एक रजिस्ट्रेशन का कमीशन सीपीए मार्केटिंग करने वाले व्यक्ति को मिल जायेगा। आपकी जानकारी के लिए बता दूँ की cost per lead को pay per lead के नाम से भी जाना जाता है।
कॉस्ट पर सेल CPS (cost per sale):
इसके अंतर्गत कई प्रकार के प्रोडक्ट होते हैं। कंपनी इसमें ब्यूटी प्रोडक्ट, हेल्थ सप्लीमेंट आदि कई प्रकार के प्रोडक्ट भी रखती है। कंपनी अपने इन उत्पादों को सीपीए नेटवर्क में ट्रायल के तौर पर लिस्ट कर देती है जिसका अर्थ है कि किसी को ये उत्पाद खरीदने की आवश्यकता नहीं है केवल वह शिपिंग कॉस्ट देकर मुफ्त में इन उत्पादों का इस्तेमाल कर सकता है। जो यूजर सीपीए मार्केटिंग करना चाहता है वो सीपीए नेटवर्क में जाकर ऐसे उत्पादों का लिंक प्रमोट करने लगता है। उसके द्वारा प्रमोट किये गए लिंक पर क्लिक करके कोई भी उपभोक्ता उस उत्पाद को सिर्फ शिपिंग की कीमत अदा करके मुफ्त में मंगा सकता है और Per Order का कमीशन सीपीए मार्केटिंग करने वाले व्यक्ति को प्राप्त हो जाता है।
रेवेन्यू शेयर Revenue Share:
अब ये थोड़ा हटकर है। इसके अंतर्गत कंपनी अलग तरह के उत्पाद रखती है जैसे – कार इन्शुरन्स, हेल्थ इन्शुरन्स, क्रेडिट कार्ड लॉस प्रोटेक्शन आदि। मुख्यतः रेवेन्यू शेयर के अंदर उन उत्पादों को रखा जाता है जिसे सालाना दुबारा रिन्यू कराने की आवश्यकता पड़े। हम जानते हैं की सभी इन्शुरन्स सर्विस सालाना रिन्यू होती ही हैं अन्यथा आपकी पॉलिसी ख़त्म हो जाती है। ध्यान रखें इसमें केवल इन्शुरन्स सर्विसेज ही नहीं अन्य कई प्रकार की सर्विसेज आती हैं जिनको प्रतिवर्ष या हर महीने रिन्यू करने की आवश्यकता हो। ऐसे में सीपीए मार्केटिंग करने वाला व्यक्ति इन उत्पादों को लोगों तक पहुंचाकर हर साल या हर महीने कमीशन कमाता रहता है। इस प्रकार, रेवेन्यू शेयर वाले प्रोडक्ट लाइफ टाइम अर्निंग का जरिया बन जाते हैं जिससे सीपीए मार्केटर खूब पैसा कमाते हैं।
सीपीए मार्केटिंग करने के क्या तरीके हैं और कंपनी के प्रोडक्ट को लोगों तक कैसे पहुँचाया जाता है अर्थात उसको प्रमोट कैसे किया जाता है ?
How to do CPA Marketing or Product Promotion and Getting Traffic
ऑनलाइन किसी भी प्रोडक्ट या वेबसाइट को प्रमोट करने की विधि एक जैसी ही है जिसमें फ्री प्रमोशन और पेड प्रमोशन आता है। जाहिर सी बात है अपनी वेबसाइट या फिर प्रोडक्ट पर ट्रैफिक लाने के लिए हमें Free and Paid दोनों प्रकार के Promotions करने पड़ेंगे।
फ्री सीपीए मार्केटिंग कैसे करें ?
फ्री सीपीए मार्केटिंग करने के लिए तीन तरीके अपनाने होते हैं। पहला जिसमें आप अपने सीपीए लिंक को व्हाट्सएप्प में शेयर करें, अपने फेसबुक अकाउंट में शेयर करें, अन्य सोशल अकाउंट में शेयर करें, ईमेल में शेयर करें, अपने ब्लॉग पर आर्टिकल लिखें, किसी दूसरे ब्लॉग पर अपना पोस्ट डालें और एस.ई.ओ करें इत्यादि। इन सभी तरीकों को अपनाकर आप फ्री में सीपीए लिंक को प्रमोट कर पायेंगे।
पेड सीपीए मार्केटिंग कैसे करें ?
इसके अंतर्गत पेड कैंपेनिंग प्रमुखता से आती है जो 2 प्रकार की है PPC और PPV, जैसे – आप चाहें तो अपने फेसबुक अकाउंट के इस्तेमाल से उसमें पेड फेसबुक ऐड बनाकर सीपीए मार्केटिंग कर सकते हैं। वहीं एक तरीका है की किसी बड़े प्रसिद्ध ब्लॉग पर जाकर जिनके पास हजारों व लाखों का डेली ट्रैफिक हो उनसे आप बैकलिंक खरीद सकते हैं या फिर उनके ब्लॉग पर पॉपअप एड्वरटीजमेंट करा सकते हैं जिसे तकनीकि भाषा में page per view (PPV) कहा जाता है। इस प्रकार की CPA marketing में पैसे खर्च होते हैं अतः ये मार्केटिंग तब ही करनी चाहिए जब कमीशन बड़ा हो।
अगर आप यहाँ तक पढ़ चुके हैं तो आप अब तक सीपीए मार्केटिंग को अच्छी तरह जान चुके होंगे। अब बात आती है की क्या हम सीपीए मार्केटिंग कैसे भी कर सकते हैं ? क्या सीपीए लिंक को प्रमोट करने का कोई भी तरीका अपना सकते हैं ? मेरा जवाब है नहीं !! CPA Networks आपकी हर हरकत पर नज़र रखते हैं। वो ये देखते हैं की मार्केटिंग करने का कोई ब्लैक हैट तरीका तो आप नहीं अपना रहे। तो चलिए जानते हैं सीपीए मार्केटिंग में क्या नहीं करना चाहिए वरना आपका सीपीए नेटवर्क अकाउंट ससपेंड हो जायेगा या फिर आप हमेशा के लिए ब्लॉक कर दिए जायेंगे।
आपका CPA Network Account ब्लॉक हो सकता है:
नंबर-1:
किसी भी कंपनी का प्रोडक्ट अपने देश के अनुसार होता है। इसलिए आप यह सदैव ध्यान रखें की यदि कंपनी अपना प्रोडक्ट ऑस्ट्रेलिया में प्रमोट करना चाहती है तो आप उसे इंडिया या कहीं दूसरे देश में प्रमोट ना करें, क्योंकि इंडिया से आने वाली लीड कंपनी के किसी काम की नहीं होगी। सीपीए नेटवर्क की विश्वसनीयता भी उनसे जुड़े सीपीए मार्केटर पर निर्भर करती है। अतः यदि कोई cpa marketer कंपनी के प्रोडक्ट को गलत देश में प्रचारित कर रहा है तो सीपीए नेटवर्क उसके अकाउंट को ब्लॉक कर देता है या ससपेंड भी कर सकता है।
नंबर-2:
अगर आप VPN या VPS तकनीकि का इस्तेमाल करके कंपनी एप्लीकेशन अलग अलग IP से डाउनलोड कर रहे हैं और खुद ही रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं तब आपको सीपीए नेटवर्क हमेशा के लिए ब्लॉक कर देगा और आपका सीपीए अकाउंट कभी चालू नहीं होगा। इसलिए आप कंप्यूटर VPN से IP बदलकर काम ना करें।
नंबर-3:
इसमें इंसेंटिव ट्रैफिक आता है जिसका अर्थ है फ्रीलांसिंग वेबसाइट पर जाकर प्रमोशन देना और लोगों को डाउनलोड व रजिस्ट्रेशन के लिए बोलना। इसमें सीपीए मार्केटिंग करने वाला व्यक्ति अपना कमीशन दूसरे व्यक्ति के साथ शेयर करके उसे लालच देता है ताकि वह रजिस्ट्रेशन कर ले। इस प्रकार के काम को भी सीपीए नेटवर्क नापसंद करता है और ऐसी हरकत करने वाले का अकाउंट सदा के लिए समाप्त कर देता है।
चलिए अब जान लेते हैं CPA Offers किस प्रकार के होते हैं:
सीपीए ऑफर अनगिनत प्रकार के होते हैं मैं यहाँ सबकी सूची नहीं दे रहा हूँ।
(क)- डाउनलोड ऑफर:
इसके अंतर्गत यदि सीपीए मार्केटर द्वारा प्रमोटेड लिंक पर कोई क्लिक करके प्रोडक्ट डाउनलोड करता है वो सीपीए मार्केटर को उसका कमीशन प्राप्त हो जाता है।
(ख)- रजिस्ट्रेशन ऑफर:
इसके अंतर्गत यदि यूजर सीपीए लिंक पर क्लिक करके वहां अपना रजिस्ट्रेशन करता है तो सीपीए मार्केटर को उसका कमीशन प्राप्त हो जाता है।
(ग)- पिन सबमिट ऑफर:
इसके अंतर्गत सीपीए लिंक पर क्लिक करते ही एक पॉपअप विंडो खुल जाता है जिसमें यूजर अपना मोबाइल नंबर डालता है और फिर उसके मोबाइल पर एक PIN प्राप्त होता है जिसे वह फिर उस पॉपअप विंडो बॉक्स में डालकर अपना मोबाइल नंबर वेरिफाई करता है। ऐसा करने के बाद उसका कमीशन सीपीए मार्केटर को चला जाता है जिसने वो लिंक आपको शेयर किया था।
(घ)- सर्वे ऑफर:
इसके अंतर्गत सीपीए लिंक पर क्लिक करते ही एक फॉर्म खुल जाता है जिसमें कई प्रकार के सवाल होते हैं। यूजर एक एक करके उन सभी सवालों का जवाब देता है और अंत में अपनी डिटेल देकर सबमिट कर देता है। सर्वे फॉर्म पर थोड़ा कमीशन ज्यादा होता जो सीपीए मार्केटर के खाते में चला जाता है।
(ङ)- ट्रॉयल प्रोडक्ट ऑफर:
इसके अंतर्गत कंपनी कुछ ट्रॉयल प्रोडक्ट रखती है जिसे उपभोक्ता मात्र उसकी shipping cost अदा करके मुफ्त में अपने घर मंगा सकता है। इस तरह के ऑफर लोगों को काफी पसंद भी आते हैं जिसके अंदर हेल्थ सप्लीमेंट , फ़ूड सप्लीमेंट या ब्यूटी प्रोडक्ट शामिल होते हैं। यहाँ उपभोक्ता को मुफ्त में प्रोडक्ट प्राप्त हो जाता है और उसका कमीशन सीपीए मार्केटिंग करने वाले व्यक्ति को मिल जाता है।
सीपीए मार्केटिंग के काम को तो आपने समझ लिया। अब इतना काम किया है तो पैसा कैसे प्राप्त होगा यह जान लेना भी अनिवार्य है।
सीपीए नेटवर्क से पैसा कैसे प्राप्त होता है ?
Payment mode of CPA Networks
मैं आपको बता दूँ की हर सीपीए नेटवर्क के अपने कायदे कानून होते हैं किन्तु पेमेंट के निम्नलिखित माध्यम होते हैं जो नीचे दिए गए हैं।
पहला – पेपाल, जी हाँ आप विश्वप्रसिद्ध पेमेंट ट्रांसफर सिस्टम Paypal के माध्यम से अपना पैसा प्राप्त कर सकते हैं।
दूसरा – पेओनियर, Payoneer भी एक प्रकार का ऑनलाइन पेमेंट ट्रांसफर सिस्टम है जहाँ से पैसा आप प्राप्त कर सकते हैं।
तीसरा – यदि आप चाहें तो सीधा अपने बैंक खाते में भी पैसा ले सकते हैं।
चौथा – सीपीए नेटवर्क आपको बैंक चेक के माध्यम से भी पैसा पे करते हैं।
दोस्तों जहाँ तक मैं समझता हूँ मैंने आपको CPA Marketing के बारे में विस्तार से बता दिया है। यदि आप CPA Marketing करने के इच्छुक हैं तो आप जान लें यह सरल नहीं है। काफी मेहनत और सूझ बूझ के साथ ही सीपीए मार्केटिंग में काम करके पैसा कमाया जा सकता है।
अंत में मैं आपको बता दूँ हर सीपीए नेटवर्क के अपने कायदे होते हैं काम करने और पैसा प्राप्त करने को लेकर। कुछ सीपीए नेटवर्क आप जितना कमाते हैं उतना पैसा आपको देते चले जाते हैं तो कुछ ऐसे भी होते हैं जो न्यूनतम 100 डॉलर आपके खाते में आ जाने की अनिवार्यता रखते हैं।
लेखक:
रवि प्रकाश शर्मा