गूगल ऐड या फेसबुक ऐड दोनों में कौन बेहतर ?

किसी भी व्यापार को सफल बनाने में ‘विज्ञापन‘ के महत्त्व को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।

  • अख़बार के माध्यम से वर वधु की तलाश करना भी विज्ञापन कहलाता है।
  • नौकरी या साक्षात्कार के लिए भी विज्ञापन उपयोगी है।
  • किसी प्रकार की सरकारी सूचना में भी विज्ञापन का इस्तेमाल किया जाता है।

हमारे जीवन में विज्ञापन हर कदम पर दिखाई देता है, पुराने ज़माने में राजा महाराजा भी ढोल नगाड़े बजवाकर राज्यवासियों को सूचना जारी करते थे। अतः विज्ञापन विज्ञानं की खोज नहीं बल्कि समाचार, सूचना, घोषणा को जन साधारण में पहुँचाने का एक सरल व पुरातन तरीका है।

हां ये जरूर है की माजूदा दौर में टेलीविज़न, रेडियो, अख़बार, पत्रिका, इश्तेहार, होर्डिंग, वेबसाइट, सर्च इंजन, मोबाइल एप्प एवं सोशल मीडिया का सहारा लेकर अपने किसी उत्पाद व सेवा आदि को सार्वजनिक रूप से लोगों को आसानी से बतलायाजा रहा है।

आज की चर्चा गूगल ऐड और फेसबुक ऐड पर की जा रही है।

हमें यह जानना जरूरी है कि गूगल और फेसबुक दोनों में कौन सबसे बेहतर है Campaign करने के लिए। यह तो हम जानते हैं की दोनों ही Online Ads के जाने माने Platform हैं किन्तु दोनों की विशेषता क्या है ? किन हालात में Google का इस्तेमाल किया जाना चाहिए और किन हालात में Facebook का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, इसे जान लेना आवश्यक है ताकि आप अपने उत्पाद या सेवा को प्रचारित करने अथवा सेल प्राप्त करने लिए पैसे का सही उपयोग कर सकें।

Google Ads Vs Facebook Ads तो चलिए शुरू करते हैं:

गूगल फेसबुक आज के समय में दोनों ही बादशाह हैं इंटरनेट की दुनियां के। गूगल सर्च इंजन में प्रति सेकंड 40,000 सर्च परफॉर्म की जाती है। इसके अलावा गूगल ऐड, ग्लोबल ऐड रेवेन्यू का कुल 33% हिस्सा जनरेट करता है। बात अगर फेसबुक की करें तो इसके पास 1.18 बिलियन डेली एक्टिव यूजर हैं।

आँकड़े तो दोनों के ही मजबूत हैं फिर किन परिस्थितियों में Google एवं Facebook का इस्तेमाल किया जाना चाहिए इसको समझते हैं।

नीचे लिखे 3 बिंदुओं को ध्यान से देखें:

  • 1 – आपका उद्देश्य क्या है ?
  • 2 – आप क्या बेच रहे हैं ?
  • 3 – आपका बजट क्या है ?

मेरे खयाल से आप समझ गए होंगे मैं क्या कहना चाहता हूँ।
गूगल और फेसबुक दोनों ही बेहतर हैं किन्तु दोनों से आप चाहते क्या हैं उसे आप जरूर सोच लें। क्योंकि दोनों से आप सबकुछ नहीं प्राप्त कर सकते, कोई कुछ मायने में अच्छा है तो कोई कुछ मायने में। इसलिए अपना उद्देश्य, बेचना और बजट इन तीन बातों पर मंथन अवश्य कर लें।

आपका उद्देश्य क्या है What Is Your Objective ?

ऑनलाइन ऐड के सन्दर्भ में हमारा ऑब्जेक्टिव अर्थात उद्देश्य क्या हो सकता है ? नीचे लिखे पाँच बिंदु हमारे ऑब्जेक्टिव हो सकते हैं जैसे –

  • 1 – Building Awareness
  • 2 – Driving Engagement
  • 3 – Achieving Leads
  • 4 – Growing Sales
  • 5 – Promoting Events

मेरे खयाल से जब भी हम ऑनलाइन ऐड चलाते हैं चाहे गूगल या फेसबुक पर तो ऊपर लिखे पाँच उद्देश्य ही सबसे अहम होते हैं। हालांकि किसी विशेष परिस्थिति में कुछ अन्य बातें भी शामिल हो सकती हैं मगर ऊपर की 5 बातें सर्वोपरी हैं।

अब अपने ऑब्जेक्टिव को फेसबुक ऐड पर रखते हैं:

Facebook Ads: के द्वारा Building Awareness, Driving Engagement एवं Promoting Events को बड़ी आसानी से Target किया जा सकता है। सीधे शब्दों में ब्रांड अवेयरनेस, यूजर इंगेजमेंट और प्रमोटिंग इवेंट के लिए फेसबुक विज्ञापन या कैंपेन बेहद अच्छा है।

अब अपने ऑब्जेक्टिव को गूगल ऐड पर रखते हैं:

Google Ads: के द्वारा Growing Sales और Achieving Leads को बड़ी आसानी से Target किया जा सकता है। इसका मतलब यह है की गूगल ऐड कैंपेन चलाकर आप सेल, लीड प्राप्त कर सकते हैं।

आप क्या बेच रहे हैं What Are You Selling ?

क्या बेच रहे हैं आप ? कुछ ऐसा बेच रहे हैं जो सब लोग बेच रहे हैं या फिर कुछ ऐसा बेच रहे हैं जो सिर्फ आप ही बेच रहे हैं। इसका अर्थ ये हुआ की आपका प्रोडक्ट यूनिक है या कॉमन है !

इसे गूगल ऐड पर रख कर समझते हैं:

Google Ads: यदि आप गूगल सर्च में एक बेहद ही यूनिक प्रोडक्ट का कैंपेन चला रहे हैं तो आपको घाटा ही होगा। आपको यह समझना होगा की गूगल सर्च कैंपेन या ऐड निर्भर करता है गूगल सर्च इंजन में सर्च किये जाने वाले कीवर्ड्स के ऊपर। यदि आपका प्रोडक्ट इतना यूनिक है कि उसकी कोई सर्च ही नहीं है तो भला उसपर कैंपेन चलाने का फायदा क्या ? गूगल सर्च में अपने कैंपेन को रैंक करा लेना कोई बड़ी बात नहीं पर जब हमारे कैंपेन से संबंधित कोई सर्च क्वेरी ही नहीं आ रही तो कैंपेन से हमें कोई लाभ कैसे मिलेगा। अर्थात, यहाँ पर कैंपेन एवं सर्च कीवर्ड की रेलेवेंसी का होना जरूरी है।

आप सोच रहे होंगे यूनिक प्रोडक्ट के लिए डिस्प्ले ऐड चलना ठीक होगा। हां गूगल डिस्प्ले का सहारा लिया जा सकता है किन्तु ‘Ad Blocker’ के बढ़ते चलन की वजह से अब Google Display Ad उतना प्रभावी नहीं रह गया। फिर भी आप कुछ हद तक इसका इस्तेमाल Unique Product कैंपेनिंग के लिए कर सकते हैं।

इसे फेसबुक ऐड पर रख कर समझते हैं:

Facebook Ads: यूनिक प्रोडक्ट की कैंपेनिंग या ऐड के लिए फेसबुक से बेहतर कोई विकल्प नहीं है। यूनिक प्रोडक्ट से सम्बंधित कीवर्ड सर्च कम होती है अतः उसका सर्च ऐड न चलाकर ब्रांड अवेयरनेस, यूजर इंगेजमेंट पर जोर देना चाहिए जिसके लिए फेसबुक अच्छा है गूगल की बजाय।

आपका बजट क्या है What Is Your Budget ?

चाहे गूगल ऐड हो या फेसबुक ऐड हो, दोनों पर कैंपेन चलाने के लिए पैसा खर्च करना ही पड़ता है। अतः Cost Per Click (CPC) और Cost Per Acquisition (CPA) दोनों की समझ रखना जरूरी है।

इसे गूगल के हिसाब से देखते हैं:

Google Ads: गूगल ऐड की CPC ज्यादा होती है लेकिन एक्वीजीशन प्रतिशत भी अच्छी होती है जिसे सरल भाषा में कन्वर्जन कह सकते हैं। CPC का अर्थ है ‘पर क्लिक’ के ऊपर खर्च होने वाली ‘राशि’ । वहीं CPA एक फॉर्मूला है जिसका मतलब है – ‘कुल खर्च की गयी राशि’ / ‘कुल कन्वर्जन या सेल’ ।

कुछ इस तरह,
CPA = Total Spending / Total Sale or Conversion

मान लीजिये,
गूगल ऐड में 1 क्लिक (cpc) के लिए आपको 5 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं,

अतः,
कुल 100 क्लिक का खर्चा आया 500 रुपये।

लेकिन,
गूगल ऐड पर 500 रुपये खर्च करके हमें कुल सेल मिली 50

तो सीपीए क्या होगा,
ऊपर के फॉर्मूले के अनुसार –
500 / 50 = 10

अर्थात, कुल 500 रुपये खर्च करने पर आपको कुल सेल प्राप्त हुई 50, जिसका अर्थ यह है की यहां गूगल ऐड आपको Per Conversion या Sale के लिए मात्र 10 रुपये Cost कर रहा है।

इसे फेसबुक के हिसाब से देखते हैं:

Facebook Ads: यहां आप ध्यान दें कि, फेसबुक ऐड की CPC कम होती है गूगल के मुकाबले लेकिन एक्वीजीशन प्रतिशत भी ख़राब होता है। ऊपर के समीकरण को पुनः रखते हुए बात करते हैं।

कुछ इस तरह,
CPA = Total Spending / Total Sale or Conversion

मान लीजिये,
फेसबुक ऐड में 1 क्लिक (cpc) के लिए आपको 3 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं,

अतः,
कुल 100 क्लिक का खर्चा आया 300 रुपये।

लेकिन,
फेसबुक ऐड पर 300 रुपये खर्च करके हमें कुल सेल मिली 20

तो सीपीए क्या होगा,
ऊपर के फॉर्मूले के अनुसार –
300 / 20 = 15

अर्थात, कुल 300 रुपये खर्च करने पर आपको कुल सेल प्राप्त हुई 20, जिसका अर्थ यह है की यहां फेसबुक ऐड आपको Per Conversion या Sale कॉस्ट कर रहा है 15 रुपये, जो कि गूगल ऐड से 5 रुपये अधिक है।

अंत में,

मेरे ख्याल से आप अब Google Ad Campaign और Facebook Ad Campaign के प्रमुख अंतर को समझ चुके होंगे।

एक बार मैं फिर आपको सरल भाषा में समझाते हुए कहता हूँ, चूँकि फेसबुक कीवर्ड सर्च ओरिएंटेड प्लेटफॉर्म नहीं है अतः आप फेसबुक से सेल, कन्वर्जन या लीड की उम्मीद ना करें। हो सकता है कहीं कहीं लीड के लिए फेसबुक काम भी कर जाय किन्तु Sale and Conversion जैसे विषय के लिए फेसबुक नहीं बना। बेहतर होगा आप फेसबुक का इस्तेमाल Brand Awareness, User Engagement और Promoting Events के लिए करें।

जहां तक गूगल की बात है गूगल एक विशुद्ध रूप से कीवर्ड सर्च ओरिएंटेड प्लेटफॉर्म है, अतः लोग गूगल सर्च तभी ओपन करते हैं जब उन्हें कुछ सर्च करना हो। इसलिए गूगल की पकड़ Sale और Conversion जैसे विषय पर ज्यादा मजबूत है।

हालांकि Google Display का इस्तेमाल Brand Awareness के लिए किया जाता है किन्तु मौजूदा समय में Facebook यहां पर ज्यादा प्रभावी नज़र आता है।

लेखक:
रवि प्रकाश शर्मा

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