भारत जैसे समृद्ध और विविधतापूर्ण देश में , जंहा घाट-घाट पर पानी बदले बीस कोस पर बानी जैसी कहावतें वास्तविकता हों , वंहा कलाओं एवं नाना प्रकार के शिल्प का होना कोई नयी बात नहीं । दरअसल ये विविधता ही हमारी विरासत है , चाहे वो भौगोलिक दृष्टि से , मौसम , भाषा , वेशभूषा , कला संस्कृति , रीतिरिवाज़ , खानपान से ही क्यों न
उन आँखों ने भी देखें होंगे कुछ ख्वाब, ख्वाब एक भरे पूरे परिवार का, बच्चों के प्यार और अपनेपन का, ख्वाब खुद के सम्मान का, जीवन के अंतिम पलों में तनाव रहित समय का । अपने पूरे जीवन को बच्चों की ख़ुशी के लिए समझौते का रूप दे देते हैं जो माता-पिता , क्या
भारत हमेशा से ही विविधता से समृद्ध रहा है। भले वो भौगोलिक परिदृश्य हो, मौसम हो, खान-पान, रहन-सेहन यँहा तक कि कला-संस्कृति भी इससे अछूती नहीं है। इस देश में मौलिकता भी विविधता से विभूषित है। इसलिये इस अद्भुत देश का कण-कण विशेषता की अपनी परिभाषा से अभिव्यक्त है। तभी तो हमारे देश में ये कहावत
विश्व में जब से सूचना-प्रौद्योगी क्रांति द्वारा सूचनायें सर्वसुलभ होने लगी है, तब से समाज में नवचेतना के साथ कई तरह की विसंगति भी देखने में आयी है। तकनीक ने जंहा एक ओर जीवन को नवीन जानकारी एवम संसाधन पूर्ण बनाया है, वंही सामाजिक बुराईयों को भी नये कलेवर के साथ पेश किया है।
कन्या भ्रूण हत्या अर्थात मादा भ्रूण को गर्भ में ही खत्म कर देना। उसकी सांसों का फैसला क्यों उसके जन्म लेने से पहले ही सुना दिया जाता है ? क्या लड़की होना अभिशाप है !! क्यों उसे कोख में ही मार दिया जाता है ? कुछ लोग इस हद तक भी क्रूर होते है
औद्योगीकरण के जंजाल में फँसकर आज का मानव खुद भी मशीन की तरह एक निर्जीव पुर्जा बनकर रह गया है। आधुनिकता की एक होड़ में मानव को पर्यावरण की शुद्धता का ध्यान ही नहीं रह गया और यही कारण है कि उसका जीवन समस्याओं से ग्रस्त होने लगा है। मानव इस सृष्टि की सबसे
गत कुछ वर्षों से सभी को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का बेसब्री से इंतजार था। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 को लेकर सभी के मन में बहुत सारे सवाल उतपन्न हो चुके हैं कि कहीं शिक्षक की भर्ती प्रक्रिया जो थी वो मुश्किल तो नहीं हो गयी है ? तो हम बता दें कि
नर्स ने बाहर आकर जैसे ही यह खबर सुनाई राजन सहम गया, अनायास ही मुख से निकल पड़ा, हे ईश्वर ! क्यों भेजा इस मासूम को इस दानवी समाज में अपने पास ही सुरक्षित रखते हरि, अपनी बिटिया को। यह सिर्फ एक घर की बात नहीँ, आज हर एक लड़की के माता-पिता दहशत में
आज के समय में Smartphone हर किसी के हाथ की शोभा बना हुआ है। स्मार्टफोन आज के समय में हर किसी के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बना हुआ है। आज फोन सिर्फ बात करने का एक जरिया नहीं रह गया है अपितु Entertainment के अलावा अन्य जरूरी कार्यों के लिए भी लोग स्मार्टफोन पर
ओडिशा भारत का एक ऐसा राज्य है जो पर्यटन की दृष्टि काफी लोकप्रिय है। ओडिशा राज्य भारत के पूर्वी तट पर स्थित है। अगर क्षेत्रफल की बात करें तो ओडिशा भारत का नौंवा सबसे बड़ा राज्य है और वहीं अगर जनसंख्या की बात करें तो ओडिशा भारत का ग्यारहवां सबसे बड़ा राज्य है। जलवायु: