गूगल ऐड कुछ और नहीं बल्कि गूगल कंपनी का ही एक प्रोडक्ट है जिसके माध्यम से हम ऑनलाइन अपने विज्ञापन को दिखा सकते हैं। संछित शब्दों में गूगल ऐड एक एड्वरटाइजिंग प्लेटफार्म है। गूगल ऐड के इस्तेमाल से आप अपनी कंपनी अथवा उसकी सेवाओं का विज्ञापन गूगल सर्च इंजन के अतिरिक्त गूगल के सर्च
द्वार पर बैठे ‘बाबा सुखीराम‘ ने अपने नाती-पोतों को आवाज़ मारते हुए कहा – सांझ हो गया जी, तुमलोग लालटेन नहीं बारे ? चलो सबलोग लालटेन लेकर आओ पढ़ाई करो ! प्रतिदिन शाम के 7 बजते ही ‘बाबा सुखीराम’ यूँ आवाजें मारकर बच्चों को पढ़ने के लिए बुलाते। सुखीराम अपने ज़माने के बड़े पढ़े
सारंगी या ‘षडंगी’ ? मित्रों आपकी जानकारी के लिए मैं बता दूँ कि प्रताप चंद्र सारंगी नहीं बल्कि षडंगी है अर्थात प्रताप चंद्र षडंगी है। यूँ तो हम सभी जानते हैं कि अंग्रेजी कोई वैज्ञानिक भाषा नहीं है। अंग्रेजी एक विकलांग भाषा है इसमें ष , श , स जैसे शब्दों को लिखने का
कविता शीर्षक – राह किनारे चलता हूँ शाम को थके हारे, पीठ पर ऑफिस का बस्ता लादे मैं अपने कदम बढ़ता हूँ, राह किनारे चलता हूँ । शिथिल शरीर, व्याकुल नयन धैर्य रहित, अधीर मनमैं स्वयं से बातें करता हूँराह किनारे चलता हूँ ।। चलते-चलते कुछ दूर तलक, एक मोड़ नज़र आता हैसहसा मेरे
Investment in Hindi इन्वेस्टमेंट इन हिंदी अर्थात निवेश को हिंदी में जानिए। पैसा कमना, फिर पैसा खर्च करना, फिर पैसा बचाना यही कार्य हम सदियों से करते आ रहे हैं। हमारे माता पिता अथवा दादा के ज़माने में यह कुछ ऐसे लिया जाता था – पैसा कमाना, फिर पैसा बचाना, फिर पैसा खर्च करना।
सन 1993, उत्तर प्रदेश के एक छोटे कस्बे से निकलकर आज मैं एक अंजाने शहर की ओर प्रस्थान करने वाला था। उम्र महज 9 साल, गांव का एक साधारण जा जान पड़ने वाला रेलवे स्टेशन जहाँ मैं अपने पिता और माँ के साथ आने वाली ट्रेन की प्रतीक्षा कर रहा था। मिलिट्री में कार्यरत
रामधारी सिंह दिनकर हिन्दी साहित्य के प्रमुख लेखकों में से एक थे। राष्ट्र कवि दिनकर जी अपनी श्रेष्ट रचनाओं के साथ एक ‘वीर रस’ के कवि माने गये। बिहार प्रांत के ‘बेगूसराय जिले’ का सिमरिया घाट रामधारी सिंह दिनकर जी की जन्मस्थली है। आपने इतिहास, दर्शनशास्त्र और राजनीति विज्ञान की पढ़ाई पटना विश्वविद्यालय से
Ajay Devgan Biography in Hindi, हिंदी बॉलीवुड अभिनेता अजय देवगन का जीवन परिचय। भारतीय हिंदी फिल्म का इतिहास बेहद पुराना है। इस पुराने इतिहास में कई अभिनेता व अभिनेत्री आये और गये जिनके सहयोग Hindi Bollywood आज अपने देश भारत में ही नहीं वरन विदेशों में भी पहचान बना चुका है। अभिनेताओं के क्रम
कई प्रश्न ऐसे भी होते हैं जिनका कोई माकूल जवाब नहीं होता। कुछ ऐसा ही एक प्रश्न है ‘जीवन क्या है ?’ इसका अर्थ क्या है ? इसकी परिभाषा क्या है ?जब मैं अपने दृष्टिकोण से इसका उत्तर ढूंढता हूँ तो मुझे बस यही बात समझ में आती है कि उत्पत्ति और अंत के
” सीता राम चरित अति पावन ! मधुर सरस अरु अति मन भावन !! पुनि-पुनि, कितनेहू सुने सुनाये हिय की प्यास, बुझत ना बुझाये ! सीता राम चरित अति पावन ! मधुर सरस अरु अति मन भावन !! “ सन 1987 दिन रविवार समय सुबह 9:30 मिनट पर टीवी सीरियल ‘रामायण’ की यह चौपाईयाँ