भारत में ऑडियो बुक्स के भविष्य पर चर्चा

जैसा कि हम जानते हैं, ऑडियो बुक्स वर्तमान परिपेक्ष्य में कोई नया नाम नहीं है। इस समय आधुनिक भारत में लगभग हर व्यक्ति ऑडियो बुक्स से किसी न किसी रूप में परिचित है। खासकर युवा वर्ग के लिए यह एक नया ट्रेंड बनता जा रहा है। आजकल स्मार्टफोन हर व्यक्ति के लिए सुलभ हो चुका है। इंटरनेट क्रांति के दौर में, जहां हम बिना किसी व्यक्ति के एक दूसरे से जुड़ सकते हैं, तो वहीं हम किताबों से दूरियां भी बनाते जा रहे हैं। लेकिन ऑनलाइन उपलब्ध कुछ एप्प्स ने इस कमी को दूर कर दिया है।

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भारत में ऑडियो बुक्स, मोबाइल एप्प्स के रूप में पहली बार 2017-18 के दौर में लोगों के सामने आयी थी। वहीं बीते कुछ सालों में अब ये मोबाइल एप्प्स लोगों के बीच अच्छी खासी प्रसिद्ध होने लगी है। गूगल प्ले स्टोर पर ऑडियो बुक्स नाम की अनगिनत एप्प्स को बड़ी आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।

Pocket FM Audiobook App

हिंदी किताबों की बात करें तो Pocket FM नाम का एप्प लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध होता जा रहा है। इसके अतिरिक्त अन्य विदेशी कंपनियां भी हिंदी किताबों से जुड़े एप्प्स को धड़ल्ले से प्ले स्टोर में उपलब्ध करा रही हैं। एक अनुमान के मुताबिक इन एप्प्स के द्वारा 2 लाख से ज्यादा किताबों को ऑडियो एप्प्स में बदला जा चुका है जिसमें हिंदी और अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषाओं जैसे बंगाली, मराठी, गुजराती, तमिल आदि किताबें भी शामिल हैं। इन एप्प्स को इस्तेमाल करने वाले लोगों में अधिकतर युवा वर्ग के लोग शामिल हैं, वहीं दूसरी ओर बच्चे व बूढ़े भी इन एप्प्स को काफी पसंद कर रहे हैं। आजकल की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में जहां इंसान के पास समय की कमी होती जा रही है, वहीं मानसिक तनाव के मामलों में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है। ऐसे समय में कहानियों के सजीव वर्णन को सुनकर मानसिक तनाव को कम करने की दिशा में ऑडियो बुक्स ने महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है।

हिंदी किताबों की बात करें तो Pocket FM नाम का एप्प लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध होता जा रहा है। इसके अतिरिक्त अन्य विदेशी कंपनियां भी हिंदी किताबों से जुड़े एप्प्स को धड़ल्ले से प्ले स्टोर में उपलब्ध करा रही हैं। एक अनुमान के मुताबिक इन एप्प्स के द्वारा 2 लाख से ज्यादा किताबों को ऑडियो एप्प्स में बदला जा चुका है जिसमें हिंदी और अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषाओं जैसे बंगाली, मराठी, गुजराती, तमिल आदि किताबें भी शामिल हैं। इन एप्प्स को इस्तेमाल करने वाले लोगों में अधिकतर युवा वर्ग के लोग शामिल हैं, वहीं दूसरी ओर बच्चे व बूढ़े भी इन एप्प्स को काफी पसंद कर रहे हैं। आजकल की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में जहां इंसान के पास समय की कमी होती जा रही है, वहीं मानसिक तनाव के मामलों में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है। ऐसे समय में कहानियों के सजीव वर्णन को सुनकर मानसिक तनाव को कम करने की दिशा में ऑडियो बुक्स ने महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है।

तथ्यों के अनुसार ऑडियो बुक्स का सबसे पहला सफल प्रयोग अमेरिका में किया गया था, जहां अंधत्व से जूझ रहे लोगों को किताबें सुलभता से उपलब्ध कराने के लिए उन्हें ऑडियो प्रारूप में बदला गया था। इस तरह के सफल प्रयोग के साथ साथ ऑडियो बुक्स बुजुर्गों में भी लोकप्रिय होने लगी क्योंकि कमजोर नज़र के कारण वे भी किताबें नहीं पढ़ पाते थे। धीरे धीरे समय के साथ साथ ऑडियो बुक्स का चलन युवाओं में भी लोकप्रिय होने लगा एवं फुर्सत के क्षणों में ऑडियो बुक्स के माध्यम से युवाओं का किताबों के प्रति रुझान देखने को मिलने लगा।

आंकड़ों की माने तो ऑडियो बुक्स के सबसे अधिक उपयोगकर्ताओं में आज की युवा पीढ़ी सर्वाधिक है जो अपने दैनिक कार्यों के अतिरिक्त किताबों को समय देने में स्वयं को असहाय पाते हैं। चूँकि किताबों के बिना जीवन नीरस सा लगने लगता है, साथ ही किताबें ज्ञान का असीम भंडार होती हैं, ऐसे में ऑडियो बुक्स एक ऐसे विकल्प के रूप में सामने आया है जिसमें हम किताबों की आसानी से उपलब्धता सुनिश्चित कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त किसी किताब को सुनने से उसके भावों को ग्रहण करने का दायरा भी बढ़ जाता है। भारत में ऑडियो बुक्स के आगमन के साथ ही इंटरनेट की उपयोगिता में एक कदम इजाफा हुआ है। उपयोगकर्ताओं ने भी इसे हाथों हाथ लिया है।

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Pocket FM Audiobooks Mobile App

गूगल प्ले स्टोर पर देखा जाय तो Pocket FM नाम की स्वदेशी ऑडियो बुक्स एप्लीकेशन को बहुत कम समय में 10 लाख से अधिक लोगों ने डाउनलोड किया है। वहीं इसपर किताबों को सुनने वाले श्रोताओं की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। दैनिक आधार पर चलने वाले धारावाहिक श्रंखला को सुनने वाले श्रोताओं में गृहणियों के अलावा बुजुर्गों और कार्यरत पुरुषों की भी रूचि देखी जा सकती है। गौरतलब है की बालकथाओं का दौर पुनः जीवित करने एवं बच्चों को टीवी और कंप्यूटर की दुनियां से निकाल कर परीकथाओं के सुनहरे लोक की सैर कराने में भी ऑडियो बुक्स का योगदान अतुलनीय है। सभी आंकड़ों पर नज़र डाली जाय तो भारत में ऑडियो बुक्स का भविष्य सुनिश्चितता के पायदान पर खड़ा नज़र आता है। लोगों का झुकाव इस ओर बढ़ता देख यह अनुमान लगाया जा सकता है की भविष्य में मनोरंजन के क्षेत्र में ऑडियो बुक्स एक सशक्त माध्यम के रूप में लोगों के सामने अपनी अलग आभा लिए खड़ा होगा।

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  1. रमन लाल
  2. Tulip Jansen