बवाल-ए कोरोना: चिंता विमर्श
हाय रे कोरोना उर्फ़ कोविड-19,
ई चाइना वाले कब से असली माल बनावे लागे बे ! इनकर डुप्लीकेट अउर नकली माल का सेहत पर आज तक कउनो गलत प्रभाव नाय पड़ा, मगर जबसे “कोरोना” नाम का असली आइटम बनावा है, साला..तबे से सबकर सेहत डांवां-डोल होई गा है। देखो भईया ‘जि-पिंग’ आप असली समान न बेचो; आपके नकली माल में ही सबकर भलाई है।
आज पहली बार पूरी दुनियां नेगेटिव होना चाहती है, बगल वाले मोटिवेशनल स्पीकर साहब भी कह रहे थे कि ईश्वर कर हम सब नेगेटिव हों। अरे भाई Corona Negative की बात हो रही है। हाँथ मिलाने से प्यार बढ़ता है मगर ध्यान रहे कोरोना भी बढ़ता है अतः कृपया अपने हाँथ को जेब से बाहर ना निकालें और लाठ साहब की तरह खड़े रहें। यदि आपका कोई दुश्मन है तो उसके घर के दरवाजे पर खड़े होकर उसे ललकारने का यह सुनहरा अवसर है…ओये ‘मान सिंह’ बाहर निकल…दम है तो मुझे हाँथ लगाकर दिखा !!!
खैर..आज शर्माजी बिल्कुल मजाक के मूड में नहीं हैं।
मैंने अपने आपको Quarantine कर लिया है शनिवार और रविवार तक के लिए। सोच लिया है चाहे जो हो जाय मैं अपनी तरफ से कोरोना फैलने नहीं दूंगा। प्रधानमंत्री साहब कहे हैं 2 से 3 हफ्ते तक Social Distance बनाकर रखें…क्योंकि हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ।
मगर करें क्या भारत में Literate ज्यादा हैं Educate कम हैं, इसलिए उनको Social Distance वाली बात हजम ना हो रही। कुछ तो ऐसे हैं जो कह रहे हैं ‘जो होगा सो देखेंगे’…अरे भाई तुम्हारी वजह से हमें वो न हो जो हम देखना नहीं चाहते। अतः कुछ हफ्ते तक आप “संकल्प और संयम” का प्रदर्शन करें तो बेहतर।
मेट्रो की सीढ़ियों पर बैठा रोमियो-जूलिएट का जोड़ा प्रेम आसन में लीन ‘कोरोना’ से बेख़ौफ़ है।
उधर सोनी अपने महिवाल को गले लगाये ‘कोरोना’ को चुनौती दे रही है, तो कहीं लैला नाक पोछते हुए और मजनू खांसते हुए ‘कोरोना संक्रमण’ का प्रसाद यात्रीगण कृपया ध्यान दें कहकर बाँट रहा है। ये क्या !! सलीम, बिमार अनारकली से संक्रमित होकर अपने घर के बुजुर्ग माता पिता का जीवन दांव पर लगा चुका है। वो…क्या है कि Covid-19 नाम का Virus बुजुर्गों को सूट नहीं कर रहा; देश का Literate युवा बिमार अनारकली के आगोश में बैठकर Covid-19 की स्वयं अपने ही घर में होम डिलीवरी कर रहा है।
मौजूदा स्थिति में भारत ने 295 रन पर 5 विकेट गवां दिए हैं।
आगे कितने रन बनेंगे और कितने विकेट गिरेंगे यह निर्भर करता है Literate लोगों पर।
ऐतिहाद के तौर पर कोरोना को T20 और One Day की तरह फटाफट चौका छक्का न लगाने दें वरना हमारा आउट होना तय है।
सुना है एक बिमार गायिका UK से लौटकर भारत आयी और वाटरप्रूफ मेकअप लगाकर लखनऊ, कानपूर, ताज होटल सहित अन्य जगहों पर Coronavirus का वितरण करने लगी। यूँ तो प्रधानसेवक ने Social Isolation की बात कहकर लोगों को जागरूक किया किन्तु अपनी ही पार्टी के नेताओं को जागरूक नहीं कर पाये।
कनिका कपूर नाम की बिमार गायिका नें ‘दुनियां पीतल दी’ कहकर नेताओं और अफसरों को Covid-19 डोनेट कर दिया है।
आपने कालजई गीत ‘चिटियां कलाईयाँ’ तो सुना ही होगा !! इस कालजई गीत को सुनने के लिए वसुंधरा राजे, बेटे दुष्यंत सिंह, सरकारी अफ़सर और एलीट क्लास के तमाम Literate जीवों ने Educated लोगों की बात नकारते हुए कोरोना वायरस को संजीवनी प्रदान की। महारानी वसुंधरा राजे के बेटे और बीजेपी के युवा नेता ‘दुष्यंत सिंह’ एक चलती फिरती आँख से दिखाई देने वाली कोरोना संग फोटो खिंचवाने को बेहद ललाहित दिखे। गौरतलब है की वे राष्ट्रपति भवन में भी कोरोना को सौंप आये हैं।…चर्चा चल रही है की राष्ट्रपति कोविंद जी भी अपनी जाँच करवायेंगे।
देश में व्याप्त तथाकथित बुद्धिजीवी,..अरे भाई Intellectuals और Progressive या Urban Naxals गिरोह के आदमी कह लीजिये।
ये प्रधानमंत्री मोदी जी के अभिभाषण में कहे गए वाक्य 5 बजे थाली, ताली और घंटी की बात से नाराज़ हैं। इनका कहना है की इससे हिंदुत्व को बढ़ावा मिलता है; और क्या थाली पीटने से कोरोना चला जायेगा। जी मेरा तो कहना ये है कि जिसे थाली पीटने में समस्या हो वे अपनी छाती पीट सकते हैं।
ये उसी गिरोह के लोग हैं जो साल भर भारत को How Sickening, How Dirty, How Pathetic, How Disgusting जैसा नाम देते हैं। फ़िलहाल ये तमाम लोग अपने Dream Destinations वाले देश – इटली, अमेरिका, चाइना, स्विटज़रलैंड, जर्मनी, रूस, सऊदी अरब, ईरान, मलेशिया, स्पेन, स्वीडन, ब्रिटेन से वापस अपनी तफ़रीश ला रहे हैं और साथ में Free Corona Virus भी।
‘हमें चाहिए आज़ादी’ का नारा बुलंद करने वाले नौजवान बांग्लादेश समेत अन्य मुस्लिम देशों से निराश होकर पुनः हम वतन लौट रहे हैं। बात ये है की अरब देशों के शेख़ भाईयों ने तेल बेचकर सोने का टॉयलेट बनाया, आतंक बढ़ाया मगर टेक्नोलॉजी, मेडिकल, एजुकेशन, वीमेन एम्पावरमेंट, आर्ट कल्चर जैसी जरूरी चीज़ों को बढ़ावा नहीं दिया। फ़िलहाल वे मरे हुए लोगों पर तेल छिड़ककर, उनपर चूना डालकर ज़मीन में गाड़ रहे हैं।
इधर शाहीनबाग़ की महिलायें कोरोना से किंचित भी भयभीत नहीं हैं।
अपने दाँत में फंसे चिकन के टुकड़े को सींक से निकालते हुए कह रही हैं ‘हम यहां से नहीं हटेंगे’ चाहे कोरोना हमें क्यों न काट ले। पान थूकते हुए दादी कहती हैं NO CAA, NO CORONA. दुनियां के सभी मुस्लिम देशों ने अपने देश में एक साथ नमाज़ अदाई पर पाबन्दी लगायी है और यहां तक की मोहम्मद साहब की जन्म स्थली को भी हिदायत के तौर पर बंद कर दिया गया है; मगर अपने भारत में कोई भी पढ़ा लिखा इमाम बाहर निकलकर आवाम को सही दिशा-निर्देश नहीं दे रहा।…अरे भाई मोदी का विरोध करने के लिए 2024 तक का वक़्त है आपके पास; फ़िलहाल आप अपने परिवार को Covid-19 बचाइये।
भारत जैसे निम्न मेडिकल सेवाओं वाले देश में कोरोना यदि छोटे शहर और गांव तक पहुंचा। तब आप समझ लेना की हम इटली को पीछे छोड़कर मरने वाले देशों में पहला स्थान प्राप्त कर लेंगे। अतः “आप स्वस्थ तो जग स्वस्थ” इस संकल्प को आगे बढ़ाइये और भारत को इस महामारी से बचाइये क्योंकि यहाँ हमारा पूरा परिवार रहता है।
खाने में फैक्ट्री प्रोडक्ट जैसे – ब्रेड, क्रीम, मक्खन, चॉक्लेट, अंडा कम करें।
घर का भोजन ग्रहण करें, जूस और फल का सेवन बढ़ा लें ताकि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहे।
यदि आप चाहें तो गिलोय, आँवला या एलोविरा का जूस भी ले सकते हैं।
अब भईया का कहें,
यूँ तो चाइना साँप की केंचुली उतारकर फ़ौरन बैग बना देता है।
जानवरों की हड्डियों से बोन चाइना का बर्तन बना देता है।
मगर दिसंबर 2019 से अब तक कोरोना की दवा नहीं बना पाया।
जी-पिंग साहब जब आपको असली आइटम बनाने की आदत नहीं थी तो काहे असली आइटम बनवा दिए।
लेखक:
रवि प्रकाश शर्मा