भारत से हारा पाकिस्तान फिर भी भारतीयों ने की तारीफ
बीते 4 जून 2017 को पाकिस्तान इंडिया की विराट सेना से बहुत बुरी तरह हारा ; बुरी तरह इसलिये क्योंकि पाकिस्तानी टीम 10 या 20 नहीं 124 रनों से टीम इंडिया से हारी। अगले मुकाबले में पाकिस्तान ने पिछली हार से सबक लेते हुए साउथ अफ्रीका को हराया और अपनी जीत से ये एहसास करवाया कि वसीम अकरम , शाहिद अफरीदी और शोयब अख्तर के बिना भी पाकिस्तान क्रिकेट मैच जीत सकता है।
आप सोच रहे हैं इसमें नया क्या है! पर पाकिस्तान की तारीफ भारत मे क्यों ? तो जनाब बात ये है कि पाकिस्तान ने साउथ अफ्रीका के विरुद्ध मैच जीता जिसमें मैन ऑफ़ दी मैच चुना गया ‘हसन अली’ को। हां बिलकुल लाजवाब पकड़ा है ये हसन अली वही है जिनसे अपने युवी (युवराज सिंह) का कैच नहीं पकड़ा गया था , लेकिन हसन अली ने साउथ अफ्रीका वाले मैच में 8 ओवर में मात्र 24 रन देकर 3 खिलाङियों को चलता किया और 3 भी ऐसे वैसे नहीं बल्कि एक नंबर के खिलाड़ी । पहले ‘फा डू-प्लेसी’ फिर ‘जे.पी डयूमिनी’ और फिर ‘वायन पारनेल’ इन मुख्य खिलाडियों को आउट करना काफी महत्वपूर्ण था, इसलिये हसन अली को मैन ऑफ़ द मैच दिया गया ।
मैन ऑफ़ द मैच के दौरान सबसे बड़ी मुसीबत आई हसन अली पर क्योंकि हसन अली को अंग्रेजी बोलने नहीं आती थी और ‘साइमन डूल’ जो माइक थामे खड़े थे हसनी अली से सवाल-जवाब के लिए; पर उन जनाब को तो हिंदी आती नहीं यह देख हसन अली के साथ मोर्चा संभाला उनके ही टीम के खिलाड़ी ‘इमाद वसीम नें। ‘साइमन डूल’ अंग्रेजी में सवाल पूछ रहे थे और इमाद उस सवाल को हिंदी में हसन को बता रहे थे, हसन फिर साइमन डूल को हिंदी मे ही जवाब दे रहे थे, जिसका फिर अंग्रेजी में अनुवाद कर इमाद वसीम साइमन डूल को हसन का जवाब सुना रहे थे।
ये मैन ऑफ़ द मैच सेरेमनी देख कर लग रहा था कि पाकिस्तान एक और मैच खेल रहा है क्योंकि साइमन जो बोल रहे थे वो हसन को भले समझ ना आ रहा हो लेकिन इमाद वसीम उनका भरपूर साथ दे रहे थे और इमाद की बातों पर आंख मूंद के भरोसा करके हसन अली, साइमन डूल को हिंदी मे आंख छुपा के नहीं बल्कि आंख मिला के जवाब दे रहे थे। जो लोग पाकिस्तान की अंग्रेजी कि हंसी उड़ाते हैं वही लोग मन ही मन हसन अली की तारीफ कर रहे थे क्योंकि हसन नें सबको एक बात बड़े अच्छे से समझाई की उनको तेज़ बॉल करने के लिए चुना गया है और उनको वो काम अच्छे से आता है। अंग्रेजी उनकी योग्यता का मापदंड बिलकुल नहीं हो सकती, उनकी योग्यता व ताकत है उनकी बॉल करने की क्षमता जिसके दम पर पाकिस्तान नें साउथ अफ्रीका जैसी टीम को हरा दिया ।
इस बात नें भारत मे खूब तारीफ़ बटोरी और उन लोगों को फिर से सोचने पर मजबूर किया जो ये सोचते हैं की बिना अंग्रेजी जग सून है । अरे भाई हिंदी मातृभाषा है भारत की और अंग्रेजी मात्र एक स्किल है। हर स्किल हर इन्सान को नहीं आती जैसे किसी को लिखना आता है तो किसी को गाना । सब आदमी सब काम नहीं कर सकता, इसीलिए जहां हो जो करते हो अच्छे से करो क्योंकि कर्म ही प्रधान है जो हमें पहचान दिलाता है कि हम कौन हैं। हसन अली की तरह तुम्हारी भी तारीफ होगी अगर कर्म अच्छे हैं तो ; और अगर लगे की अंग्रेजी की अत्यधिक जरुरत है तो इस भाषा को भी जरुर सीखो यह भी आ जायगी परन्तु हिंदी बोलकर शर्मिन्दगी महसूस ना करो।