भारतीय बाहुबली कंम्पनियों के मुकाबले बहुत कमजोर है चीनी कंम्पनियां

भारत चाइना बॉर्डर पर टेंशन जारी है ; हालांकि यह कोई पहली बार नहीं हो रहा कि चाइना हमें आँखें दिखाये। जी-20 से अलग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद भी भारत-चाइना सीमा पर गतिरोध खत्म नहीं हुआ । चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को लगता है कि चाइना बहुत बड़ी इकॉनमी है; खैर कुछ हद तक उनका ऐसा सोचना सही है मगर चाइना अन्य कई विकसित राष्ट्रों से बहुत पीछे है। जहाँ तक भारत का प्रश्न है इसमें कोई गुरेज नहीं है कि भारत चाइना इकॉनमी के मुकाबले थोड़ा कमजोर है, पर विगत कुछ वर्षों में हमनें अपनी इकॉनमी को तेज गति प्रदान की है जिसे चाइना भी बखूबी जानता है। चाइना की आर्थिक मजबूती का सबसे बड़ा आधार है चीन में निर्मित वस्तु, जिसका एक बहुत बड़ा बाज़ार भारत भी है ; लेकिन चीन की वस्तु भारत जैसे देश में या किसी अन्य देश में अगर बिक रही है तो उसकी केवल एक प्रमुख वजह है वस्तु का सस्ता होना ।

चाइना में अनगिनत Manufacturing Units हैं जिसमें भिन्न प्रकार के Products का उत्पादन भारी तादात में होता है , इन उत्पादों में इलेक्ट्रॉनिक्स के बने सामान अग्रणी हैं । इस बात को चीन भी अच्छी तरह जानता और समझता है और यही वो प्रमुख वजह है जिससे चीन का दिमाग सातवें आसमान पर रहता है । “नवोदय टाइम्स” अखबार में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार कई भारतीय कंम्पनियां अपने क्षेत्र में अकेले अपने दम पर चीन को टक्कर देती हैं उनमें हीरो मोटोकॉर्प से ले कर टाटा की टी.सी.एस. तक का नाम आता है । दवाई या वैक्सिन (टीका) बनाने वाली कंम्पनियों कि बात अगर की जाए तो दूर-दूर तक चीनी कंम्पनियां नजर नहीं आती हैं ; ये कंम्पनियां मारकेट वैल्यू से प्रोडक्शन तक चीनी कंम्पनियों से बहुत आगे हैं । ऑटोमोबाइल एक्सपोर्ट करने में भी चाइना भारत से कहीं पीछे है।

आइये देखते हैं कितना आगे हैं हम चीन से:

1 – सॉफ्टवेयर
टी.सी.एस.– भारत की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कम्पनी
मार्कीट कैंम्प – 4.9लाख करोड़ रूपए
युनयू – चीन की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कम्पनी
मार्कीट कैंम्प – 23.6 हजार करोड़ रूपए

2 – बाइक / 2 व्हीलर
हीरो मोटोकॉर्प – भारत की सबसे बड़ी टू व्हीलर कम्पनी
एक साल का प्रोडक्शन – 70 लाख यूनिट
लिफान – चीन की सबसे बड़ी टू व्हीलर कम्पनी
एक साल का प्रोडक्शन –15 लाख यूनिट

3 – दवाईयां
सन फार्मा – भारत की सबसे बड़ी दवा कम्पनी
मार्कीट कैंम्प – 1.31 लाख करोड़ रूपए
गुआनझाऊ फार्मा होल्डिंग – चीन की सबसे बड़ी दवा कम्पनी
मार्कीट कैंम्प – 41.7 हजार करोड़ रूपए

4 – वेक्सिन (टीका)
सीरम इंस्टीच्यूट ऑफ़ इंडिया – भारत ही नही दुनिया की सबसे बड़ी वेक्सिन बनाने वाली कम्पनी
एक्सपोर्ट – 100 से ज्यादा देशो मे
बीजिंग टिनटैन बायो – चीन की सबसे बड़ी वेक्सिन बनाने वाली कम्पनी
एक्सपोर्ट – चीन तक ही सीमित

 

ऊपर लिखे चार बिंदु जिसमें भारत की प्रमुख कंपनियां शामिल हैं जो अपने अपने क्षेत्र में मील का पत्थर हैं। भारत – चाइना सीमा पर चल रहा विवाद महज दिखावा है या यूँ कहें कि चीन की व्याकुलता जो यह हजम करने को तैयार नहीं कि भारत विश्व शक्तियों के बीच उठ बैठ सके।