गणतंत्र विशेष – पूर्ण स्वराज और गणतंत्र दिवस इतिहास, क्यों इतना है महत्वपूर्ण
Gantantra Diwas Kya Hai ? वैसे तो इस विषय की जानकारी लगभह प्रतेय भारतवासी को होगी। Republic Day Kyu Manate Hain इसके बारे में भी हम सभी देशवासी जानते होंगे। किन्तु प्रायः ये देखने अथवा सुनने में आता है कि युवा पीढ़ी, स्कूली बच्चे अभी भी इसके पूर्ण ज्ञान से वंचित हैं। वे सभी बस इतना ही जानते हैं कि गणतंत्र दिवस का मतलब 26 January, तो आज पखेरू पर 26 जनवरी के साथ-साथ ‘गणतंत्र दिवस’ क्या है और इसे भारत में क्यों मनाया जाता है इसके बारे में बताया जायेगा।
दिनांक 26 जनवरी सन 1950 को भारत सरकार अधिनियम (Act, 1935) को निरस्त कर के भारतीय संविधान को लागू किया गया था। दिनांक 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान अपनाया गया और दिनांक 26 जनवरी 1950 में Bhartiya Samvidhan को लोकतांत्रिक प्रणाली के साथ पूरे देश के लिए लागू किया गया। इस प्रकार भारत एक स्वतंत्र गणराज्य बना जिसके तहत पूरे देश में कानून का राज्य स्थापित हुआ।
भारत को गणराज्य करने के लिए 26 January को ही क्यों चुना गया ?
भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस (INC) ने सन 1935 में 26 जनवरी के दिन ही ‘भारत को पूर्ण स्वराज’ घोषित किया था, इसी वजह से भारत अर्थात India 26 January को ही गणराज्य बना। इसलिए पूरे भारतवर्ष में 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। यहां 26 जनवरी तो मात्र एक तारीख है, असल विषय गणराज्य अथवा गणतंत्र का है जिसे शासनतंत्र के नाम से भी अभिव्यक्त किया जाता है।
क्या अर्थ है गणतंत्र या गणराज्य का ?
देश किसी का निजि संपत्ति अथवा विरासत नहीं होता है। यहां गणतंत्र के लिहाज से देश एक सार्वजानिक मामला है न कि किसी शासक की अपनी निजि संस्था व संपत्ति। गणराज्य होने का अर्थ यह है कि देश का अब कोई पारिवारिक मुखिया या राजा न होकर सरकार का एक रूप है जिसमें सरकार नागरिक निकाय का प्रतिनिधित्व संविधान के तहत करती है।
गणराज्य या गणतंत्र के दृष्टिकोण से सरकार स्वयं शासक न होकर एक शासनतंत्र का ढाँचा है जिसे संविधान के तहत बनाया गया है। गणतंत्र देश में सरकार की शक्तियां भी नियंत्रित होती हैं, जिसमें उनकी शक्तियों का पृथक्करण भी शामिल है। गणराज्य में ‘गण’ संस्कृत से लिया गया है: जिसका मूल अर्थ है जनता और ‘राज्य’ का अर्थ है: रियासत अथवा देश।
ध्यान रहे:
जनता द्वारा निर्मित प्रणाली को ही गणतंत्र अथवा शासनतंत्र कहते हैं। लोकतंत्र या प्रजातंत्र इससे बिलकुल अलग है, लोकतंत्र वह शासनतंत्र है जिसमें सामान्य जनता के बहुतमत से शासन चलता है। यह हमेशा ध्यान रखें कि हर गणराज्य लोकतान्त्रिक नहीं होता या यूँ कहें की हर गणराज्य लोकतान्त्रिक हो ये अनिवार्य नहीं। जैसे – तानाशाह हिटलर का नाज़ीवाद, मुसोलीनी का फ़ासीवाद, फौजी तानाशाही जैसे पाकिस्तान, साम्यवादी तानाशाही चीन-सोवियत संघ इत्यादि देश गणराज्य की श्रेणी में आते हैं, क्योंकि वहां उन देशों के राष्ट्राध्यक्ष एक सामान्य व्यक्ति हैं या था। किन्तु यह देश जनता की इच्छा से नहीं चलते और यहाँ चुनाव भी नहीं होता। ठीक इसी प्रकार हर लोकतान्त्रिक देश का गणराज्य होना भी अनिवार्य नहीं। ऐसे देशों का राष्ट्राध्यक्ष एक वंशानुगत राजा होता है परन्तु असल शासन जनता द्वारा चुनी संसद ही चलाती है।
गणतंत्र दिवस समारोह:
26 जनवरी की तारीख को प्रत्येक वर्ष गणत्रंत्र दिवस के रूप में याद किया जाता है। 26 January भारत के राष्ट्रीय अवकाशों में से एक है जिसका महत्त्व सरकारी तौर पर ज्यादा है। इस दिन भारत के तमाम राज्यों में अवकाश रहता है; सरकारी ऑफिस से लेकर स्कूल और विश्वविद्यालय जैसे शिक्षा संसथान बंद रहते हैं। यह दिन भारतीय संविधान (लोकतंत्र) की स्थापना के रूप में भी याद किया जाता है। छब्बीस जनवरी को देश में हर जगह ध्वजा रोहण किया जाता है जिसमें राष्ट्रपति भवन और दिल्ली लाल किला प्रमुख है। लाल किले से लेकर इंडिया गेट तक 26 जनवरी के दिन परेड व भिन्न प्रकार की झांकियों की नुमाईश की जाती है। इस उत्सव पर कई विदेशी राजनयिकों को भी भारत सरकार द्वारा आमंत्रित किया जाता है।
याद रखने योग्य बिंदु:
- भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य देश के नाम से जाना जाता है।
- भारतीय संविधान के निर्माता श्री भीमराव रामजी आम्बेडकर जी थे।
- दिनांक 26 जनवरी सन 1930 को पूर्ण स्वराज की प्राप्ति हुयी थी अतः इसी को ध्यान में रखकर 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाते हैं।
- भारत के प्रथम राष्ट्रपति – डॉ.राजेंद्र प्रसाद, ने 26 जनवरी सन 1950 को गवर्नमैंट हाऊस में शपथ ली थी।
- गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश के राष्ट्रपति तिरंगा ध्वज फहराते हैं और हर साल 21 तोपों की सलामी दी जाती है।
- भारतीय संविधान की अनुसूची में – कुल 12 अनुसूचियां हैं।
- संविधान स्वीकृति पर हस्ताक्षर करने वाले सदस्यों की संख्या कुल 284 थी।
- सन 1955 को दिल्ली के राजपथ पर गणतंत्र दिवस की पहली परेड हुयी थी।
- भारतीय संविधान की 2 प्रतियां हैं जिन्हें हाथ से हिंदी और अंग्रेज़ी भाषा में लिखा गया है।
लेखक:
रवि प्रकाश शर्मा