‘डिंक’ डुअल इनकम नो किड्स – जानिए क्या है DINK
“डिंक DINK” जी हाँ, आपने शायद इस शब्द के बारे में पहली बार सुना हो। आज मैं इस अनोखे विषय पर आपसे बात करने जा रही हूँ। इस विषय पर बात करने से पहले मैं डिंक शब्द का अर्थ स्पष्ट कर देना चाहती हूँ। डिंक शब्द मूलतः अंग्रेजी का शब्द है जो कि अंग्रेजी के चार शब्दों का मेल है जिसका पूर्ण रूप है “डुअल इनकम नो किड्स” (Dual Income, No Kids) जिसे संक्षिप्त रूप में डिंक (DINK) कहा जाता है। DINK Couples वे विवाहित जोड़े होते हैं जो खुद का बच्चा पैदा करने में विश्वास नहीं रखते, वे ये मानते हैं की बच्चे का भार उठाने से बेहतर है की अपनी ज़िन्दगी अच्छे से जियो।
अब आपको आश्चर्य हो रहा होगा कि यह “Dual Income, No Kids” का माजरा क्या है ? तो चलिए मैं आपको बताती हूँ कि DINK आजकल की बदलती दुनिया का एक बड़ा हिस्सा है और इस संकल्पना को बहुत से हिंदुस्तानी विवाहित युगल भी अपना रहे हैं। इस परिदृश्य के चलते पति और पत्नी दोनों ही पैसे कमाते हैं या फिर यूँ कहें कि उनके पास आय के अधिक स्रोत होते हैं, लेकिन वह आपसी स्वीकृति से बच्चे पैदा करना आवश्यक नहीं समझते। उनके विचारों में बच्चे को जन्म देने से ज्यादा जरूरी अपनी जीवनशैली को विकसित करना होता है।
ऐसे विवाहित युगल (married couples) जो कि DINK Concept को अपना रहे हैं उन्हें डिंकी DINKY के नाम से जाना जाता है। यकीनन यह तरीका बेहद अलग है लेकिन कुछ लोगों के लिए बेहद सारगर्भित है।
डिंक की पृष्ठभूमि (DINK Background):
डिंक शब्द की उत्पत्ति सर्वप्रथम सन 1980 के मध्य में संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में हुई। उसके बाद से बहुत सारे लोगों ने इस श्रेणी में खुद को शामिल करना बेहतर समझा। यह बात और है कि भारत में इस स्वरूप को अभी कम देखा गया है लेकिन यह बात भी सच है कि हमारे आने वाले कल का यह एक बड़ा सत्य बनने वाला है।
डिंक की संकल्पना के फायदे (Benefits of Concept of DINK):
डिंक संकल्पना का अनुसरण करने का एक सबसे बड़ा फायदा यह है कि दो लोग बेहद आसानी से अपनी जिंदगी के लुत्फ को संपूर्ण रूप से उठा सकते हैं । उनके पास बच्चों पर खर्च करने की जिम्मेदारी नहीं होती, ऐसे में वे अपने द्वारा अर्जित किये गए धन का उपयोग अपनी जीवनशैली को ऊपर उठाने के लिए कर सकते हैं।
डिंक को मुख्यतः ऐसे युगल अपनाते हैं जिन्हें घूमने फिरने का ज़्यादा शौक हो। वह एक उच्च जीवन शैली को चुनना पसंद करते हैं। वह बेहतर कपड़े पहनना पसंद करते हैं वे बेहतर खाना पसंद करते हैं साथ ही साथ अलग-अलग जगहों पर जाकर आज़ाद रूप से अपनी ज़िंदगी बसर करना पसंद करते हैं।
डिंक संकल्पना के चलते लोगों को एक लंबे वक्त के लिए अपने काम से छुट्टी लेने की आवश्यकता भी नहीं होती क्योंकि यह ज़ाहिर सी बात है कि बच्चे की परवरिश में माता या पिता में से किसी एक का घर पर होना बेहद आवश्यक होता है, तब तक जब तक बच्चा इस काबिल ना हो जाए कि वह अपना ख़याल स्वयं रख सके। साथ ही साथ इससे जनसंख्या भी कम हो रही है, जो विश्व के लिए बेहतर है।
लेकिन इन फायदों के अलावा DINK Concept के कुछ अपने नुकसान भी हैं जिनमें सर्वप्रथम मानवीय सम्बंधों या आपसी लगाव व प्रेम में कमी अजाना है। साथ ही साथ ऐसे भारतीय परिवार जो वंश की परंपरा को बेहद प्राथमिकता देते हैं उनके लिए डिंक संकल्पना को स्वीकार कर पाना नामुमकिन प्रतीत होता है।
DINK Kya Hai मुझे उम्मीद है कि आप इसे समझ पाए होंगे !! सच में Double Income, No Kids या फिर Dual Income, No Kids जैसी विचारधारा हिंदुस्तान जैसे देश के लिए एक नया विषय है जिसपर एक लंबी चर्चा हो सकती है। डुअल इनकम नो किड्स के विषय में आपकी सोच क्या है ये मुझे कमेंट करके जरूर बतलायें।
लेखिका:
वैदेही शर्मा