चारा घोटला के आरोपी लालू को मिला कैदी नंबर 3351
2G स्प्रेक्टम पर जब फैसला आया जिसमें 1 लाख 76 हज़ार करोड़ के घोटले के आरोपी जितने भी थे वो बरी कर दिये गए। कोर्ट ने उन्हें इसलिए बरी कर दिया क्योंकि सीबीआई कोई भी सबूत या गवाह पेश नहीं कर पाई। जिस वजह से ए.राजा, कनिमोझी और बाकि 14 लोगों को बरी कर दिया गया। अदालत का फैसला आते ही कांग्रेस और डीएमके को संजीवनी मिल गयी। ये खबर जब लालू को लगी तो उनको लगा की उनका फैसला भी कुछ ऐसे ही होगा अगर वो बरी न भी हुए तो जमानत तो ले ही लेंगे। लालू यादव ने इसलिए कह दिया की वो अदालत का सम्मान करते हैं लेकिन वो भूल गए कि सम्मान या और कोई भी चीज़ नहीं चलती वहां; चलता है “सबूत और गवाह” लालू के साथ जो अफसर इस घोटाले मे शामिल थे उनमे से कुछ सरकारी गवाह बन चुके हैं। जो भी कागजात अदालत मे पेश किये गए वो कह रहे हैं की लालू जी दोषी हैं अदालत ने उनको उन्हीं कागजातों और गवाहों के बिनाह पर दोषी माना है।
जगन्नाथ मिश्रा को बरी कर दिया गया, उनके साथ 5 और लोगों को भी बरी कर दिया गया। अन्दर की एक बात सुनो, लालू यादव की पार्टी RJD भले विधानसभा में बहुमत न साबित कर पायी हो लेकिन कल लालू यादव को बहुमत मिल गया क्योंकि अदालत में जगन्नाथ मिश्रा और लालू यादव पेश हुए दोनों पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
रांची की सीबीआई अदालत में जज शिवपाल सिंह ने फैसला सुनाया जिसमे जगन्नाथ मिश्र को मिला कर 6 लोग बरी कर दिये गए। लालू यादव समेत 16 लोगों को दोषी मानते हुए बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया और नसीहत दी गयी की आत्ममंथन कीजिये। वो लोग जज की सलाह माने या माने लालू को बहुमत तो मिल गया, राजनीति मे ये ही सबसे जरुरी चीज़ है। बाकी लालू यादव को कैदी नंबर 3351 मिला है उनके पड़ोस मे भी सब नेता है कोई मंत्री तो कोई विधायक। 3 जनवरी को देखिये नया साल लालू और बिहार के लिए कैसा रहेगा।
लेखक:
विभू राय