निवेश के प्रमुख तरीके – कहाँ और कैसे करें

Investment in Hindi इन्वेस्टमेंट इन हिंदी अर्थात निवेश को हिंदी में जानिए।

पैसा कमना, फिर पैसा खर्च करना, फिर पैसा बचाना यही कार्य हम सदियों से करते आ रहे हैं। हमारे माता पिता अथवा दादा के ज़माने में यह कुछ ऐसे लिया जाता था – पैसा कमाना, फिर पैसा बचाना, फिर पैसा खर्च करना। हमें अपने घर में सीख भी यही दी जाती है कि पैसा ज्यादा बचाओ और कम से कम खर्च करो। पर अगर हम अपने दादा या फिर पिता की पूरी ज़िन्दगी को ध्यान से देखें तो वे पैसा बचाने के प्रयासों से भी अपनी ज़िन्दगी संवार पाने में नाकामयाब रहे। सवाल उठता है आखिर क्यों ? दादा अथवा पिता द्वारा बचाये गए पैसे उनकी और हमारी ज़िन्दगी को संवार पाने में असक्षम क्यों रहे ? क्या पैसा बचाना गलत बात है ? ऐसे कई प्रश्नों का उठना लाज़मी है किन्तु हम कभी इसके मूल कारण को नहीं जान पाते।

पखेरू पर आज के विशेषांक में Investment के बारे में बतलाया व समझाया जायेगा जिससे कि आप Earning Expenses and Saving के पुराने ढर्रे से बाहर निकलकर Money Investment के बारे में भी जान सकें।

Investment in Hindi इन्वेस्टमेंट इन हिंदी
Money investment tips in Hindi, मनी इन्वेस्टमेंट कहाँ करें

पहले समीकरण के अनुसार –

Earning – Expenses = Saving अर्थात कमाई – खर्च = बचत

घर में अक्सर बड़े हमें यही सिखाते हैं कि अपनी कमाई में से खर्च को घटा दोगे तो कुल बचा हुआ पैसा बचत कहलायेगा। इस फॉर्मूला के अनुसार हमारी बचत निर्भर करती है हमारे खर्च पे। यानि हम जितना कम या ज्यादा खर्च करेंगे उतने कम या ज्यादा पैसे बचा पायेंगे।

मगर क्या आप जानते हैं दुनियां के धनी व्यक्तियों की नज़र में यह फार्मूला गलत है। दुनियां के मशहूर व सफल निवेशक वारेन बुफे (Warren Buffett) इसे कुछ ऐसा मानते हैं –

Earning – Saving = Expenses अर्थात कमाई – बचत = खर्च

वारेन बुफे कहते हैं, अपनी हर महीने की कमाई का कुछ हिस्सा आप सबसे पहले बचत में डालें फिर जो पैसा बचे उसे खर्च के लिए उपयोग करें। अगर एअर्निंग में से एक्सपेंस को पहले घटायेंगे तो सेविंग हमेशा कम ही होगी इसलिए आप एअर्निंग में से सेविंग को पहले निकाल दें फिर जितना पैसा बचता है उसे खर्च के लिए उपयोग में लायें।

ध्यान रहे, वारेन बुफे के लिए सेविंग का अर्थ केवल ये नहीं की आप बैंक खाते में पैसे जमा करते जायें। वो कहते हैं कि सेविंग के दो हिस्से होने चाहिए जिसमें एक हिस्सा इन्वेस्टमेंट है।

उनके अनुसार अब फॉर्मूला कुछ ऐसा होगा –

Earning – Saving+(Investment) = Expenses

ये तो रही वारेन बुफे की बात जो कि बिल्कुल सही है। हम अक्सर अपने महीने की कमाई में खर्च पूरे महीने केवल खर्च करते रहते हैं और महीने के अंत में जो पैसा बच जाता है उसे बचत मान लेते हैं जो कि गलत है। ऐसे भी कई लोग हैं जो महीने में बड़ी अच्छी बचत कर लेते हैं मगर उनके द्वारा की गयी बचत भविष्य का खर्च बनकर रह जाती है। इसका अर्थ ये है की – अगर आप कमाई में से केवल बचत ही करते रहेंगे तो वह एक दिन भविष्य के खर्च में दब्दील हो जायेगा। अतः अपनी सेविंग को आप कुछ छोटा करके उसके कुछ हिस्से को ‘निवेश’ के रूप में जरूर इस्तेमाल करें।

क्यों जरूरी है निवेश ?

हमारे द्वारा आज किया गया Investment भविष्य में होने वाले Inflation को control करता है। जबकि Saving में जमा किये गये पैसे भविष्य में होने वाले Inflation Ratio के मुकाबले काफी बौने रह जाते हैं। हमें यह जान लेना चाहिए की नार्मल Saving Account में जमा Money के ऊपर Bank केवल 4 से 6 प्रतिशत का ही अधिकतम ब्याज दे रहे हैं। मगर भारत जैसे देश में महंगाई का प्रतिशत हर साल करीब 8 से 9 प्रतिशत के बीच रहता है।

  • महंगाई दर अथवा मुद्रास्फीति पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है। इंफलेशन कितने गुना आगे बढ़ जायेगा हम नहीं जानते पर हमें यह तो हमेशा ज्ञात रहता है कि Bank एक निश्चित Percent का ही ब्याज देगा चाहे हम उसमे अपने पैसे 10 साल या 20 तक ही क्यों न रखें।
  • महंगाई एक ऐसा राक्षस है जो धीरे धीरे हमारे जमा किये गए पैसे के मूल्य को घटाता जाता है। सन 2000 में आलू टिक्की 5 रुपये की एक प्लेट मिलती थी, वही आलू टिक्की 2019 में आकर 40 रुपये की हो गयी। जिसका अर्थ ये है कि बीते 18 सालों में एक प्लेट आलू टिक्की की कीमत में ‘आठ-गुना’ इजाफा हुआ।
  • किसी भी वस्तु की कीमतों पर अगर हम नजर फेरें तो हर 10 साल के अंतराल पर उसकी कीमतों में 10 से 15 गुना की बढ़ोतरी हो जाती है। कई ऐसी वस्तुयें भी हैं जैसे मकान , फ्लैट , ज़मीन इनका प्रतिशत तो 20 गुना से भी ज्यादा हो जाता है।

अब तक शायद आप मेरी बात समझ गये होंगे, यदि आपके पैसे Bank Account में रखे हैं चाहे वो Fixed Deposit ही क्यों न हों वह अगले 10 साल के बाद बेहद कमजोर हो जायेंगे। Inflation Ratio का मुक़ाबला Saving या Fixed Deposit से नहीं किया जा सकता। अगर आप Inflation के बराबर या उससे ऊपर निकलना चाहते हैं तो आप अपनी कमाई का कुछ Percent पैसा Future Investment में जरूर लगायें। अगर आप ऐसा नहीं करते तो आप धीरे धीरे ग़रीब बनने के रास्ते पर आ जायेंगे। भविष्य में आपकी Purchasing Power घटती जायेगी और आप निर्धन हो जायेंगे।

कहां निवेश करें ? चलिये जानते हैं 10 प्रमुख स्थानों के बारे में जहाँ हम अपना पैसा Investment के तौर पर रख सकते हैं –

  • Public Provident Fund
  • Mutual Funds
  • Direct Equity or Share Purchase
  • Real Estate
  • Investing In Gold
  • Post Office Saving Scheme
  • Company Fixed Deposits
  • Invest In IPOs
  • Insurance Plan
  • Invest In Bonds

1 – Public Provident Fund: इसे PPF के नाम से भी जाना जाता है। पीपीएफ अकाउंट आप किसी भी बैंक या फिर पोस्ट ऑफिस से खुलवा सकते हैं। PPF में निवेश अच्छा माना जाता है क्योंकि ये बेहद सुरक्षित होता है। PPF एक long term investment है जिसकी समय अवधि 15 साल की होती है। PPF के अंदर आप सालाना 500 रुपये से लेकर 1,50,000 तक रुपये जमा करा सकते हैं। पीपीएफ में निवेश की शुरुआत 1968-69 से की गयी थी जो अब तक जारी है। पीपीएफ में सालाना मिलने वाला ब्याज घटता बढ़ता रहता है, जब पीपीएफ की शुरुआत हुई थी तब मात्र 4.80% का ही ब्याज मिलता था, समय के साथ सरकार ने इसमें निवेश को बढ़ावा देने के लिए ब्याज प्रतिशत में बढ़ोतरी करनी शुरू की। सन 1984-85 और सन 2001-2 में PPF पर मिलने वाला ब्याज 9.50% का हुआ करता था किन्तु फ़िलहाल 2019 में 8% का ब्याज दिया जा रहा है। पीपीएफ में निवेश प्राइवेट और सरकारी नौकरी प्राप्त लोगों के लिए बेहद अच्छा है क्योंकि पीपीएफ के पैसों पर tax deduction under Sec.80C के तहत छूट भी मिलती है। PPF में सालाना अधिकतम डेढ़ लाख रुपये ही जमा किये जा सकते हैं जिसे आप चाहें तो एक बार में दें या फिर हर महीने थोड़ा थोड़ा करके। सालाना PPF में 1,50,000 रुपये जमा करने की कोई अनिवार्यता नहीं है आप न्यूनतम 500 रुपये भी दे सकते हैं। 15 साल का PPF locking period समाप्त होने पर आप चाहें तो इसे अगले 5 साल के लिए और आगे बढ़ा सकते हैं। पीपीएफ निवेश का एक फायदा ये भी है कि निवेशक PPF में जमा कराये अपने पैसों पर 3 से छठवें साल में Loan भी ले सकता है।

2 – Investing In Mutual Fund: म्यूच्यूअल फण्ड को एसेट मैनेजमेंट कंपनी चलाती है जिसके तहत वो अलग अलग लोगों से पैसा लेती है; फिर लोगों से लिए गए पैसों को कई टुकड़ों में बांटकर उनसे अन्य लाभदायक जगहों में निवेश कर देती है और निवेश के प्राप्त किये गए लाभ को वापस उन लोगों को दे देती है जिससे उसने पैसा लिया था। म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश 1 साल से लेकर 30 साल तक किया जा सकता है। म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश किये गए पैसों पर करीब 15% तक का लाभ प्राप्ति होने की संभावना रहती है और कभी कभी तो यह लाभ 25 से 30% तक का भी हो सकता है जो निर्भर करता है की आप कितना रिस्क लेने में सक्षम हैं। आपको बता दूँ कि Mutual Fund में Investment कम से कम 10 साल तक के लिए तो करना ही चाहिए ताकि अच्छे Return के साथ Risk भी कम रहे। म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश कभी भी 1 साल या 2 से 3 साल के लिए तो ना ही करें, अगर आप म्यूच्यूअल फण्ड में जाना ही चाहते हैं तो कम से कम 5 साल के लिए जरूर जाएं। म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश हर महीने की SIP डालकर या एकबार में Lump Sum Amount डालकर किया जा सकता है।

3 – Direct Equity or Share Purchase: क्या आप शेयर मार्केट के बारे में जानते हैं ? क्या आपको ये पता है कि किसी शेयर को ख़रीदने से पहले उसकी समीक्षा कैसे करते हैं ? अगर हां तो फिर आप इसमें जरूर जायें अगर नहीं तो कृपया आप म्यूच्यूअल फण्ड में ही निवेश करें।
शेयर मार्केट में निवेश हमेशा से ही जोखिम भरा रहा है किन्तु यह भी उन लोगों के लिए आसान है जिनको शेयर मार्केट सम्बंधित अच्छी जानकारी है। अगर आप खुद को आजमाना भी चाहते हैं तो कम से कम 15 साल के लिए Stock Share में निवेश करें, जिससे कि आपका पैसा डूबने की संभावना कम रहे और आप अच्छा Return Value प्राप्त कर सकें।

Direct Equity में Invest करने के 2 तरीके होते हैं –
पहला – PRIMARY MARKET
दूसरा – SECONDARY MARKET

जब कोई कंपनी पहली बार पब्लिक को शेयर ऑफर करती करती है तो उसे Initial Public Offering कहा जाता है जो PRIMARY MARKET द्वारा होता है। दूसरी तरफ SECONDARY MARKET में उन कंपनियों के शेयर होते हैं जो पहले से ही Stock Exchange में Listed होतीं हैं।

मैंने पहले ही कहा कि शेयर मार्केट का खेल बेहद सूझ बूझ भरा होता है अतः आप Share Stock Purchase करने से पहले किसी अच्छे सलाहकार से इसे समझ लें। Share Stock Investment लाभ तो बड़ा दे सकता है किन्तु ये बेहद Risky भी होता है।

4 – Real Estate Investment: हमारे देश में जमीन को ही जायदाद माना गया है। Investment in Properties सदियों से एक जाना माना तरीका है पैसे कमाने का और अपनी विरासत को मजबूत बनाने का। रियल एस्टेट के तहत आप – house, land, flat, commercial shop, farms and plots को खरीदकर Invest कर सकते हैं। हां ये जरूर है कि इस प्रकार के निवेश हर किसी के बस की बात नहीं है इसमें अधिकांशतः वही लोग होते हैं जिनके पास पैसा होता है। मगर फिर भी एक साधारण इंसान छोटा मोटा प्लाट खरीदकर निवेश कर सकता है या फिर किसी commercial shops को EMI पर लेकर उसे Hold कर सकता है जिसे वो आगे अच्छे मुनाफे में बेच सके। रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट बहुत सोच समझकर किये जाने चाहिए और वहीं करना चाहिए जहाँ पर काग़जात साफ़ और मजबूत हों। साथ में यह भी ध्यान रखना रखना चाहिए कि लोकेशन कैसा है और आगे 5 सलों तक कितना price value बढ़ सकता है। रियल एस्टेट में मुनाफा 30 से 100% तक का होता है।

5 – Investment In Gold: सोने में निवेश भी अच्छा माना जाता है और इसमें निम्न तरीकों से निवेश कर सकते हैं –

a) Gold Deposit Scheme – इसे साल 2015 के बजट में सरकार द्वारा बताया गया था। इसके अंतर्गत निवेशक न्यूनतम 200 ग्राम सोना निवेश कर सकता है गोल्ड बॉन्ड के बदले में। इस गोल्ड बॉन्ड में निवेशक को 3 से 5% का ब्याज मिलेगा और इसका लॉकिंग पीरियड 3 से 7 साल तक का होगा। इतना ही नहीं गोल्ड डिपाजिट स्कीम पूरी तरह टैक्स फ्री है। अंत में जो assured amount है उसे निवेशक Gold या फिर Cash दोनों ही रूप में ले सकता है।
b) Gold ETF
c) Gold Bar
d) Gold Mutual Fund

6 – Post Office Saving Scheme: अगर आप नौकरी पेशा हैं तो पोस्ट ऑफिस निवेश आपके लिए बेहद अच्छा है। बिज़नेस क्लास के लोगों के लिए भी पोस्ट ऑफिस निवेश अच्छा विकल्प है। सरकार द्वारा संचालित होने के नाते यह पूरी तरह सुरक्षित है और रिटर्न भी अवधि के अनुरूप अच्छा मिल जाता है।

National Saving Scheme, Recurring Saving Scheme, Senior Citizen Saving Scheme, Sukanya Samriddhi Yojana इत्यादि प्रसिद्ध पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम माने जाते हैं। National Saving Scheme एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है अगर आप 10 साल से अधिक समय के लिए निवेश करना चाहते हैं तो।

7 – Company Fixed Deposits: अगर आप high interest प्राप्त करना चाहते हैं तो आप Bank FD की बजाय Company FD में निवेश करें। बेशक इसमें ब्याज प्रतिशत अधिक मिलता हो किन्तु यह बेहद जोखिम भरा भी होता है क्योंकि इसे RBI Operate नहीं करती अतः आप केवल कंपनी फिक्स्ड डिपाजिट पर आधारित ना रहें और सोच समझकर ही इसमें पैसे लगायें वह भी ज्यादा नहीं।

8 – Investing In IPOs: यह initial public offering है जिसमें कोई नई कंपनी पहली बार अपने शेयर पब्लिक को ऑफर करती है। नई कंपनी का पब्लिक ऑफरिंग करने का एकमात्र कारण होता है कि वो कंपनी पब्लिक का पैसा लेकर अपनी ग्रोथ को बढ़ा सके। इस IPOs Market को Primary Market भी कहते हैं। IPOs भी जोख़िम भरे होते हैं क्योंकि इसमें वही कंपनी आती हैं जो अभी नई हैं। अगर आप Risk से नहीं घबराते तो इसमें पैसा लगा सकते हैं। कंपनी की ग्रोथ पर आपको interest भी काफी अच्छा मिल जाता है। हां मगर आप IPOs में पैसा डालने से पहले पहले इसके अंदर आने वाली कंपनी के बारे में पूरी जानकारी जुटा लें।

9 – Insurance Plans: इससे तो आप वाकिफ़ होंगे, यह एक प्रकार का एग्रीमेंट होता है जिसके तहत insurance देने वाली कंपनी आपको compensation मुहैया कराती है किसी भी प्रकार के loss, damage, illness और death के लिये। इसमें निवेशक को सालाना तौर पर एक निश्चित premium देना होता है।

इसके फायदों की अगर हम बात करें तो – ये कंपनसेशन के लिए बेहतर विकल्प है, मृत्यु और प्रॉपर्टी लॉस के सन्दर्भ में।
इसके नुकसान की अगर हम बात करें तो – सालाना प्रीमियम देने का बोझ, बेहद लंबी समय सीमा, लेस लिक्विडिटी, लेस और मॉडरेट रिटर्न।

10 – Invest In Bonds: बॉन्ड कुछ विशेष नहीं है, इसमें कंपनी लोगों से पैसा लेती है और एक फिक्स्ड रेट से लोगों को पैसा देती है। अगर आप Mutual Fund या फिर Equity में अपना पैसा नहीं लगाना चाहते तो Bond लेना अच्छा चुनाव है। ये भी लॉन्ग टर्म के लिए अच्छा इन्वेस्टमेंट माना जाता है। बांड कई प्रकार के होते हैं जिनपर चर्चा हम अपने अगले लेख के अंदर करेंगे जो केवल बांड पर आधारित होगा।

और अंत में,

मुझे उम्मीद है कि आप Investment के बारे में अच्छे से समझ गए होंगे। भारत में आप कहाँ और कौन से क्षेत्र में निवेश कर अपने पैसे को और अधिक बढ़ा सकते हैं वो सबकुछ हमने Hindi में बता दिया है। यह कोई आखरी लेख नहीं है आगे पखेरू पर आप Investment से संबंधित अनेकों लेख पढ़ते रहेंगे। मैं यही कहूंगा कि पैसा कमाने के साथ साथ उसे उचित जगह पर निवेश करने की आदत डालें ताकि आप कि आप अपने कमाए गए पैसे को रुपये से लाख फिर करोड़ तक ले जा सकें।

लेखक:
रवि प्रकाश शर्मा