कन्या भ्रूण हत्या अर्थात मादा भ्रूण को गर्भ में ही खत्म कर देना। उसकी सांसों का फैसला क्यों उसके जन्म लेने से पहले ही सुना दिया जाता है ? क्या लड़की होना अभिशाप है !! क्यों उसे कोख में ही मार दिया जाता है ? कुछ लोग इस हद तक भी क्रूर होते है
औद्योगीकरण के जंजाल में फँसकर आज का मानव खुद भी मशीन की तरह एक निर्जीव पुर्जा बनकर रह गया है। आधुनिकता की एक होड़ में मानव को पर्यावरण की शुद्धता का ध्यान ही नहीं रह गया और यही कारण है कि उसका जीवन समस्याओं से ग्रस्त होने लगा है। मानव इस सृष्टि की सबसे
गूगल ऐड कुछ और नहीं बल्कि गूगल कंपनी का ही एक प्रोडक्ट है जिसके माध्यम से हम ऑनलाइन अपने विज्ञापन को दिखा सकते हैं। संछित शब्दों में गूगल ऐड एक एड्वरटाइजिंग प्लेटफार्म है। गूगल ऐड के इस्तेमाल से आप अपनी कंपनी अथवा उसकी सेवाओं का विज्ञापन गूगल सर्च इंजन के अतिरिक्त गूगल के सर्च
नर्स ने बाहर आकर जैसे ही यह खबर सुनाई राजन सहम गया, अनायास ही मुख से निकल पड़ा, हे ईश्वर ! क्यों भेजा इस मासूम को इस दानवी समाज में अपने पास ही सुरक्षित रखते हरि, अपनी बिटिया को। यह सिर्फ एक घर की बात नहीँ, आज हर एक लड़की के माता-पिता दहशत में
आज के समय में Smartphone हर किसी के हाथ की शोभा बना हुआ है। स्मार्टफोन आज के समय में हर किसी के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बना हुआ है। आज फोन सिर्फ बात करने का एक जरिया नहीं रह गया है अपितु Entertainment के अलावा अन्य जरूरी कार्यों के लिए भी लोग स्मार्टफोन पर
सारंगी या ‘षडंगी’ ? मित्रों आपकी जानकारी के लिए मैं बता दूँ कि प्रताप चंद्र सारंगी नहीं बल्कि षडंगी है अर्थात प्रताप चंद्र षडंगी है। यूँ तो हम सभी जानते हैं कि अंग्रेजी कोई वैज्ञानिक भाषा नहीं है। अंग्रेजी एक विकलांग भाषा है इसमें ष , श , स जैसे शब्दों को लिखने का
नशा जहर है, मौत है। जी हाँ, नशा मनुष्य को मार देता है, आज स्वयम् की, कल परिवार की, परसों रिश्तों की फिर समाज की और उसके अगले दिन राष्ट्र की मौत। आज हम शराब के नशे से होने वाले नुक्सान और फायदे पर चर्चा कर रहे हैं; नशा सुनिश्चित मौत है। कुछ पल
“माँ” जितना छोटा है यह शब्द उतना ही बड़ा है इसका अर्थ, समेटे है अपने अंदर सारे ब्राह्मण को इस सारी सृष्टि को, सुनने में इसकी आवृति जितनी छोटी है , उतनी ही बड़ी है इसकी महत्ता इसकी सार्थकता। एक अद्भुत कृति है ईश्वर की, आनंद और ममता से परिपूर्ण, निश्छल भावों को हृदय
विरह, वेदना, वियोग, ज्ञान एवम् भक्ति का अद्भुत संगम है ‘भ्रमर गीत’ । एक ऐसा वृतांत जहाँ ज्ञान चुप्पी साध लेता है, जिसके आगे योग के सारे तर्क विफल हो जाते हैं। शेष कुछ रह जाता है, तो वह है केवल भक्ति सम्पूर्ण समर्पण। भ्रमर गीत काव्य परम्परा का मूल श्रीमद् भागवत का भ्रमर
आज के आधुनिक युग में विभिन्न प्रकार के उत्पादित कचरे की मात्रा दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है । हममें से अधिकांश लोग उपयोग की गई सामग्रियों को रीसाइक्लिंग नहीं करने के प्रभावों से तो अवगत हैं, लेकिन इस बात से अवगत नहीं हैं कि रीसाइक्लिंग एक आकर्षक व्यवसाय भी हो सकता है। कोई भी व्यक्ति