पाकिस्तान की जीत पर मातम क्यों ?
” हार जीत तो केवल खिलाडियों के बीच होती है ! पर “खेल” तो हमेशा ही जीतता है !! ” 18 जून को हुए आई सी सी टूर्नामेंट के फाइनल मैच में पाकिस्तान ने भारत को हरा दिया ; हमेशा की तरह इस बार भी सभी भारतवासियों को यह बात नागवार गुजरी है, जिसकी वजह है पाकिस्तान से भारत कि हार। पर पाकिस्तान की जीत पर इतना मातम क्यों ? खेल एक प्रतियोगिता है और प्रतियोगिता वही जीतता है जो बेहतर परफॉर्म करता है।
वर्तमान समय कि अगर बात करें तो क्रिकेट खेलने वाले प्रमुख देशों की संख्या कुल 9 है :
1 – India
2 – Australia
3 – England
4 – Pakistan
5 – Bangladesh
6 – New Zealand
7 – South Africa
8 – Sri Lanka
9 – West Indies
यह वो देश हैं जो क्रिकेट के सारे फॉर्मेट (Test , One Day and T-20) खेलते हैं और जो full time member हैं। इनके अलावा अन्य राष्ट्र भी क्रिकेट खेलते हैं मगर फ़िलहाल उनका कोई वजूद नहीं है। ऊपर तालिका के हिसाब से देखें तो क्रिकेट जिसको लेकर भारत में बहुत हो हल्ला मचा रहता है उसमें कोई खास competition नहीं है।
लगातार कम होती क्रिकेट की प्रतिस्पर्धा में केवल 1 – 2 देश ही ऐसे हैं जो लगभग हर बार जीतते हैं जैसे India और Australia, यह दोनों देश ही वर्तमान में क्रिकेट की दुनियाँ के बादशाह हैं जो हर बार अव्वल आते हैं। यह कहना सही है कि कुल नौ देश जो कि फुल क्रिकेट खेलते हैं उसमें से केवल दो देश ही हर बार विजेता बनते हैं। फुटबॉल , टेनिस जैसे अन्य खेलो की तरह क्रिकेट में कोई विश्व स्तर की प्रतिस्पर्धा नहीं है।
कल पाकिस्तान की जीत मुझे तनिक भी आहत नहीं करती है क्योंकि पाकिस्तान लम्बे वक़्त से किसी भी बड़ी प्रतियोगिता में विजय हासिल नहीं कर पाया है। कल 18 जून को पाकिस्तान ने बेहतर खेल का प्रदर्शन करते हुए अपने चिरप्रतिद्वंदी भारत को 158 रनों से मात देकर ICC Champions Trophy 2017 पर अपना कब्ज़ा किया। यह अच्छा है क्रिकेट के भविष्य के लिए और क्रिकेट में प्रतिस्पर्धा के लिए क्योंकि जब खेल केवल 1 या 2 राष्ट्रों के अधीन हो जाता है तब खेल की मृत्यु हो जाती है। भारतीय होने के नाते अपने देश से लगाव स्वाभाविक है , वैसे भी भारत का किसी अन्य खेल में कोई बड़ा मुकाम नहीं है जिसकी वजह से लोग क्रिकेट में भारत के प्रभुत्व को कम होता नहीं देखना चाहते है। ठीक है मैं भी यह चाहूंगा कि भारत हर बार विजय हासिल करे मगर मुझे उसकी हार भी स्वीकार है क्योंकि यही खेल है ” हार और जीत ” .
भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक कुंठा खेल को और गरम कर देती है दोनों ही तरफ के लोग इसे खेल ना समझ युद्ध मान बैठते हैं लिहाजा हार पर दर्द और गहरा हो जाता है। पर क्या हमने सोचा है की दोनों देश के खिलाड़ी आपस में कैसा व्यव्हार करते हैं ?
तस्वीर से साफ़ झलक रहा है कि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेन्द्रसिह धोनी कितने खुश हैं। कौन है उनकी बाँहों में नन्ही सी बच्ची ? मैं आपको बता दूँ कि यह फोटो 18 जून को हुए ICC Champions Trophy 2017 के फाइनल मैच के पूर्व की है जिसमें महेन्द्रसिह धोनी ने नन्हें बच्चे को अपनी गोद में लिया है। यह नन्हा बच्चा किसका है ? पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के मौजूदा कैप्टन सरफ़राज़ अहमद जिनके बच्चे को महेन्द्रसिह धोनी ने अपनी गोद में उठाया है। इस फोटो को देख क्या प्रतीत होता है – क्या कोई दुश्मनी कि झलक है इस फोटो में ! मेरा भी जवाब आपकी तरह है “ना” .
दोनों ही देश अपनी राजनीतिक भड़ास को पूरा करने के लिए खेल की बली चढ़ा देते हैं तभी तो भारत और पाकिस्तान आपस में कोई भी टूर्नामेंट नहीं खेल रहे हैं वह भी पिछले 10 साल से। क्या क्रिकेट न खेलने से दोनों देश के रिश्ते मधुर हो जायेंगे अगर ऐसा है तो बंद कर दो क्रिकेट। पर ऐसा नहीं है और ना ही ऐसा होगा कभी क्योंकि रिश्तों में खटास कि वजह खेल नहीं सिर्फ राजनीति है जिसे दोनों ही मुल्क हवा देते हैं।
यह एक और पिक्चर आप देखिये कुछ दिखा आपको ? मैं बता दूँ कि यह फोटो कल समाप्त हुए ICC Champions Trophy 2017 की है जिसमें भारत पाकिस्तान से बुरी तरह हारा। ICC ने इस फोटो को अपने Twitter Account पर शेयर किया जिसमें खेल की भावना और खिलाडियों का प्रेम साफ़ झलक रहा है। हालांकि यह एक पूरा वीडिओ है ; मैच समाप्त होने पर जब post match ceremony की जा रही थी तब वहां भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों के खिलाड़ी मौजूद थे। फोटो को अगर आप ध्यान से देखें तो मौजूदा भारतीय टीम के कैप्टन विराट कोहली साफ दिखाई दे रहे हैं जिसके पास कुछ अन्य भारतीय खिलाड़ी और कुछ पाकिस्तानी खिलाड़ी भी मौजूद हैं जो आपस में बातें कर रहे हैं , हंस बोल रहे हैं। क्या इस फोटो में भी आपको दुश्मनी दिखाई दे रही है ? ना .. नहीं कहीं से भी यह फोटो अपनी ईर्ष्या या द्वेष की भावना को प्रकट नहीं कर रही ; तो फिर आप और हम भारत की हार का मातम मनाने में क्यों लगे हैं ? क्या हम भी राजनेताओं की तरह व्यवहार करें ! या फिर अपने देश के क्रिकेटरों को हार का दोषी बताएं या फिर उनको कोसें !
पाकिस्तान की जीत उसके अच्छे खेल का परिणाम है और भारत की हार सिर्फ ख़राब खेल का नतीजा और दोनों ही खेल के पहलू हैं कोई जीतेगा तो कोई हारेगा। जिसे हम सभी भारतियों को स्वीकारते हुए पाकिस्तान को जीत की बधाई देनी चाहिए और यह कामना करनी चाहिए कि क्रिकेट यूँ ही कड़ी प्रतिस्पर्धा का खेल बना रहे। ऊपर दिखाए गए फोटो जिसमें खेल के साथ प्रेम भावना भी साफ झलक रही है, लिहाजा दोनों ही मुल्कों को यह सोचना चाहिए कि ‘खेल प्रेम का प्रतीक है नफरत का नहीं’ । बी सी सी आई और पी सी बी दोनों मिलकर भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट को आगे बढ़ायें ताकी दोनों देशो के सम्बन्ध मधुर बनें और खेल भी जिन्दा रहे।