सचिन तेंदुलकर – गॉड ऑफ़ क्रिकेट, हिंदी बायोग्राफी व जीवनी
यूँ तो क्रिकेट एक खेल मात्र है पर क्या ऐसा भी हो सकता है कि किसी व्यक्ति को उस खेल का भगवान कह दिया जाय ! शायद नहीं !! किन्तु Cricket Ka Bhagwan जैसे शब्द से एक व्यक्ति ऐसा भी है जिसे नवाज़ा जा चुका है। अगर आप सच में क्रिकेट प्रेमी हैं तो आप मेरा इशारा समझ गए होंगे।
Sachin Tendulkar जिनका पूरा नाम Sachin Ramesh Tendulkar है, और इन्हें GOD OF CRICKET जैसे उपनामों से नवाज़ा जा चुका है। सचिन एकमात्र ऐसे खिलाडी रहे जिन्हें ऑस्ट्रेलिया के महान cricketer Sir Don Bradman के समकक्ष माना गया और यह बात स्वयं ब्रैडमैन ने स्वीकार की। यह कहना गलत नहीं होगा की सचिन रमेश तेंदुलकर आज क्रिकेट जैसे खेल के पर्यायवाची बन चुके हैं। चलिए पखेरू पर हम आपका परिचय क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर से कराते हैं।
- सचिन तेंदुलकर पूरा नाम सचिन रमेश तेंदुलकर
- पिता का नाम – रमेश तेंदुलकर
- माता का नाम – रजनी तेंदुलकर
- पत्नी का नाम – अंजलि तेंदुलकर (मेहता)
- बच्चों का नाम – सारा तेंदुलकर और अर्जुन तेंदुलकर
- जन्म तारीख – 24 अप्रैल, सन 1973
- जन्म स्थान – दादर बॉम्बे वर्तमान में मुंबई (महाराष्ट्रा)
- अन्य उपनाम – लिटिल मास्टर, क्रिकेट के भगवान, मास्टर ब्लास्टर, द मास्टर, द लिटल च्याम्पियन, रन मशीन
- सचिन के क्रिकेट गुरु – श्री रमाकांत आचरेकर जी हैं
- कद – 5 ft 5 in (165 cm) / पांच फुट पांच इंच, लगभग एक सौ पैंसठ सेंटीमीटर
- बल्लेबाज – दाहिने हाथ के
- गेंदबाजी – दाहिने हाथ से मीडियम, लेग ब्रेक / ऑफ ब्रेक
- क्रिकेट में – बल्लेबाज के रूप में जाने जाते हैं
- कब से कब तक खेले – सन 1989 से लेकर वर्ष 2013 तक
- कौन से देश – भारत के लिए खेले
- क्रिकेट से पूर्ण सन्यास – 16 नवंबर, वर्ष 2013
सचिन रमेश तेंदुलकर के क्रिकेट खेल का संछिप्त विवरण:
- टेस्ट क्रिकेट में प्रथम प्रवेश – 15 नवंबर सन 1989, पाकिस्तान के खिलाफ
- अंतिम टेस्ट कब खेला – 14 नवंबर वर्ष 2013, वेस्ट इंडीज के खिलाफ
- एक दिवसीय क्रिकेट में प्रथम प्रवेश – 18 दिसंबर, सन 1989, पाकिस्तान के खिलाफ
- अंतिम एक दिवसीय क्रिकेट कब खेला – 18 मार्च, वर्ष 2012, पाकिस्तान के खिलाफ
- एक दिवसीय जर्सी – संख्या 10 नंबर की पहनते थे
- टेस्ट खेलों में – कुल मैच की संख्या 200, कुल रन बनाये 15,921
- एक दिवसीय खेलों में – कुल मैच की संख्या 463, कुल रन बनाये 18,426
अगर आप सचिन तेंदुलकर के पूर्ण क्रिकेट इतिहास को जानना चाहते हैं तो कृपया आप उनके विकी पृष्ट अन्यथा क्रिक-बज का प्रोफाइल देखें। छोटे कद के Sachin Tendulkar जिन्होंने अपना प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच मुंबई के लिए मात्र 14 वर्ष की आयु में खेला था। इन्होने अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेल जीवन की शुरुआत भारत के चिरप्रतिद्वंदी देश पकिस्तान के विरूद्ध कराची में खेल कर की थी। इनके छोटे कद देखकर पाकिस्तान के खिलाडियों ने उस दौर में इनका माखौल उड़ाया और कहा की भारत एक बच्चा उठा लाया है खेलने के लिए।
सचिन तेंदुलकर को मिला भारतीय सरकार द्वारा सम्मान:
- भारत रत्न – 16 नवंबर 2013 को घोषणा की गयी और 4 फ़रवरी 2014 को तत्कालीन राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी द्वारा सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न दिया गया। देश का यह सर्वोच्च सम्मान पाने वाले सचिन मात्र एकल खिलाड़ी हैं।
- अर्जुन अवार्ड – वर्ष 1994 में दिया गया।
- राजीव गांधी खेल रत्न – यह पुरस्कार सचिन तेंदुलकर को सन 1997 में दिया गया।
- पद्मश्री अवार्ड – सन 1999 में दिया गया।
- पद्मविभूषण अवार्ड – वर्ष 2008 में दिया गया।
- महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार – जो महाराष्ट्र राज्य के सर्वोच्च नागरिक का है वर्ष 2001 में मिला।
सन 1931 में भारत ने टेस्ट क्रिकेट की दुनियां में प्रथम प्रवेश किया परन्तु भारतीय क्रिकेट का सितारा तब बुलंद हुआ जब इंग्लैंड में आयोजित cricket world cup 1983 का फाइनल मैच जीकर विश्व विजेता बना। 1983 का वर्ल्ड कप जीतना न सिर्फ भारत के लिए अहम रहा अपितु इस विजय ने एशिया में क्रिकेट खेलने वाले अन्य देशों को भी एक उम्मीद दी।
एक तरफ 1983 का विश्व कप भारत का जीतना और दूसरी ओर 1989 में Sachin Tendulkar जैसे महान खिलाड़ी का आग़ाज़ यह साफ़ इशारा दे रहा था की भारत अब क्रिकेट खेल जगत में अपनी धाक ज़माने को तैयार है। जब सुनील गावस्कर और कपिल देव सरीखे खिलाडियों का पतन हो रहा था तब Sachin Ramesh Tendulkar के रूप में क्रिकेट का नया योद्धा भारत को मिल चुका था। लगभग सन 1990 से लेकर 2003 तक सचिन तेंदुलकर के बल्ले की धार ने दुनियां के कई घातक गेंदबाज़ों को काट के रख दिया। अपने इसी धारदार खेल की बदौलत Sachin Tendulkar को The Another Bradman कहा गया किन्तु भारतीय cricket प्रशंसकों नें Sachin को God of Cricket तक कह डाला। धीरे धीरे क्रिकेट की दुनियां भी सचिन रमेश तेंदुलकर को गॉड ऑफ़ क्रिकेट कहने से खुद को रोक नहीं पायी।
कैसे डॉक्टर अंजलि मेहता बनी सचिन की पत्नी:
अंजलि और सचिन दोनों का एक नज़र का प्यार शादी में तब्दील हो गया। जब सचिन 1990 में इंग्लैंड का क्रिकेट दौरा कर मुंबई एयरपोर्ट पर लौटे तो उसी दौरान अंजलि भी उन्हें वहां खड़ी दिखाई दीं, दरअसल अंजलि मुंबई एयरपोर्ट पर अपनी माँ को लेने गयी हुयी थीं। एयरपोर्ट पर सचिन के प्रशंसक पहले से ही सचिन सचिन के नारे लगा रहे थे। तभी अंजलि की दोस्त ने सचिन के बारे में बताते हुए कहा की ये Indian Cricket Team का वंडर बॉय है। अंजलि भी सचिन सचिन कहने लगी, सचिन की नज़र अंजलि पर पड़ी तो वह शरमा गए। इस घटना के बाद अंजलि, सचिन तेंदुलकर का फ़ोन नंबर हासिल करने में कामयाब रहीं जिसके उपरांत फ़ोन और बातों का सिलसिला शुरू हो गया और फिर दोनों जवां दिल करीब आ गए। 24 मई सन 1995 को दोनों सदा के लिए एक दूसरे के हो गए; इस प्रकार सचिन की वैवाहिक पारी शुरू हुई और आज दोनों एक सफल दाम्पत्य जीवन गुजार रहे हैं अपने दो बच्चों सारा और अर्जुन तेंदुलकर के साथ।
एक बार ऑस्ट्रेलियन प्रशंसक ने तो यहाँ तक कह दिया की –
अपराध तब करो जब सचिन तेंदुलकर बैटिंग कर रहा हो क्योंकि भगवान भी उस समय उनकी बैटिंग देखने में व्यस्त होते हैं।
सचिन सिर्फ एक अच्छे इंसान ही नहीं वरन एक समाजसेवक भी हैं –
सचिन हर साल 200 बच्चों के भरण पोषण के लिए एक अपनालय नामक गैर सरकारी संगठन भी चलाते हैं।
खेल की दुनियां है बहुत खिलाड़ी आयेंगे जायेंगे किन्तु अच्छे खेल के साथ साथ सम्मान और नाम कमाना कोई सचिन से सीखे। सचिन नें 5 साल पहले क्रिकेट की दुनियां को अलविदा कह दिया मगर अभी भी Test Cricket और One Day International में सर्वाधिक रन बनाने का Record अभी उनके नाम ही है। रही बात T20 International या फिर Indian Premier League की तो सचिन ने बीस ओवर (20 over) के इस खेल में भी अपनी बल्लेबाजी का लोहा मनवाया। IPL 2010 में 24 फ़रवरी को सचिन ने एक मैच में मुंबई इंडियन के लिए खेलते हुए 200 रन बनाकर एक नया कीर्तिमान रच दिया, इस तरह वे आईपीएल जैसे टूर्नामेंट में दो सौ रन बनाने वाले दुनियां के पहले बल्लेबाज बने।
सचिन के बारे में जितना लिखा अथवा कहा जाय उतना कम है। सचिन का जीवन बेहद सामान्य है, न उनको अपने पैसे का गुमान है और ना ही पैसों का। साधारण व्यक्तित्व वाला यह खिलाड़ी सच में युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणादायी है।
लेखक:
रवि प्रकाश शर्मा