टॉयलेट एक प्रेम कथा Toilet Ek Prem Katha – व्यंगात्मक पर सकारात्मक फिल्म
टॉयलेट एक प्रेम कथा, भला कोई अपनी फिल्म का नाम ऐसा रखता है क्या ? Toilet Ek Prem Katha आखिर क्या खास है इस पिक्चर में ? आप यह जान लें कि नीरज पांडेय और अक्षय कुमार की जोड़ी ने दो बेहतरीन दी है जिनका नाम है ‘स्पेशल 26’ और ‘बेबी’; यह दोनों फिल्में box office पर अच्छी खासी कमाई कर पाने में सक्षम रहीं।
एक बार फिर नीरज पाण्डेय और अक्षय कुमार साथ आ रहे हैं अपनी आगामी फिल्म के साथ जिसका नाम है Toilet Ek Prem Katha, यह नाम सुनने में जरूर अजीब लगता है पर फिल्म आपको अजीब नहीं लगेगी। अक्षय कुमार एक बेहतरीन अभिनेता हैं वहीँ नीरज पाण्डेय एक मझे हुए फिल्म डायरेक्टर। टॉयलेट एक प्रेम कथा जैसा कि नाम से ही प्रतीत होता है फिल्म की कहानी में Toilet एक मुख्य subject है जिसे Akshay Kumar और Bhumi Pednekar के बिच अच्छे से बुना गया है। इस फिल्म का मुख्य उद्देश्य है खुले में मूत्र और मल त्याग से फैलने वाली गन्दगी एवं बीमारियों से अवगत कराना।
Toilet Ek Prem Katha को हंसी मजाक यानि की व्यंगात्मक रूप में प्रस्तुत किया गया है पर विषय बहुत गंभीर है। अभी तक आपने कई तरह की फ़िल्मी कहानियों को देखा सुना पर Toilet पर आधारित किसी फिल्म को देखना सच में अद्भुत होगा खासकर जब उस फिल्म में प्रसिद्द कलाकार हों। इस film की कहानी प्रेरित है “स्वच्छ भारत अभियान” से जिसे हमारे देश के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी नें 2 October 2014 को शुरू किया था। इसमें कोई शक नहीं है कि भारत में अभी भी अधिकांश आबादी खुले में ही शौच करती है जिसमें महिला, बच्चे, पुरुष और बुजुर्ग सभी शामिल हैं। खुले में शौच करने वालों में अधिकांश लोग भारत के ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं और कुछ आंशिक रूप से शहरों में भी देखने को मिलता है।
टॉयलेट एक प्रेम कथा Swachh Bharat Mission के उद्देश्य को पूरा करती है। इस फिल्म के मुख्य कलाकारों में शामिल Akshay Kumar, Bhumi Pednekar, Anupam Kher और Sana Khan हैं। पूरी कहानी को तो व्यक्त नहीं किया जा सकता पर इतना जरूर कहा जा सकता है कि यह फिल्म आपको थोड़ा हँसायेगी, थोड़ा गुदगुदाएगी, थोड़ा रुलायेगी और बहुत कुछ सिखायेगी। 11 August 2017, around India’s Independence day के समय पर इस फिल्म को भारत के सभी सिनेमा घरों में प्रदर्शित किया जाएगा।
Toilet Ek Prem Katha व्यंग नहीं एक हक़ीक़त है जिसे हम झुठला नहीं सकते।