क्यों Amazon है Flipkart पर भारी – Indian E-commerce Market में किसका होगा वर्चस्व

बहुत पीछे न जाते हुए अगर हम बात करें भारत में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले लोगों कि संख्या की तो सन 2015 में India का internet user base था करीब 354 million ऐसा अनुमान लगाया गया कि 2016 के ख़तम होने तक यह आंकड़ा 500 Million को पार कर जायेगा। हालांकि 500 Million को पार कर जाने का अनुमान सही नहीं हो पाया मगर हाँ वर्तमान वर्ष 2017 के June तक यह आंकड़ा 450 से 465 Million के आसपास पहुँचने का अनुमान है। यह अनुमानित आंकड़े तो केवल इंटरनेट यूजर के हैं पर भारत में e-commerce market में भी काफी बढ़ोतरी हुई है।

सन 2009 के आंकड़ों के अनुसार भारत में e-commerce market करीब $3.9 billion था लेकिन सन 2013 तक आते – आते इसमें काफी बढ़ोतरी हुई और यह आंकड़ा $12.6 billion तक जा पहुंचा जिसमें 70% e-commerce market का हिस्सा केवल travel से related है। Google India के अनुसार सन 2014 तक भारत में 35 million online shoppers थे , अनुमान के अनुसार यह आंकड़ा भी सन 2016 के पूरा होने तक 100 million से भी आगे निकल जायेगा। फ़िलहाल अभी इसकी कोई ताज़ा जानकारी नहीं है लेकिन यह कहना गलत नहीं है कि अब हिन्दुस्तान e-commerce की दुनियां में तेजी से उभरता हुआ देश है।

मेरा यह लेख केंद्रित है Flipkart और Amazon पर जो वर्तमान दौर में India की प्रसिद्ध e-commerce company हैं जहाँ प्रतिदिन लाखों लोग सामान खरीदते हैं। दोनों ही कंपनी में बड़े फासले भी हैं जिनमें से एक फासला है अनुभव का। मेरा ईशारा है अमेज़न की तरफ जो कि विगत 22 सालों से e-commerce कि दुनियां का बादशाह बना बैठा है; वहीँ फ्लिपकार्ट केवल विगत 10 वर्ष से भारत में ही अपनी सेवायें दे रहा है जिसकी पहुँच भी समूचे भारत में नहीं बल्कि चन्द बड़े महानगरों और छोटे शहरों तक ही सीमित है। अनुभव और सेवाओं पर ध्यान दिया जाये तो यह कहना ठीक होगा कि Flipkart, Amazon के सामने बौना है।

कौन कब और क्या:

  • Amazon, is an American electronic commerce and cloud computing company.

    Founded by – Jeff Bezos on 5th July 1994
    Headquarters – Seattle, Washington, U.S
    Area served – Worldwide

  • Flipkart is an electronic commerce company.

    Founded by – Sachin Bansal and Binny in October 2007
    Headquarters – Bangalore, Karnataka, India
    Area served – India

जैसा कि ऊपर साफ़ लिखा है Amazon लगभग पूरी दुनियां में ही अपनी सेवायें दे रहा है वहीँ Flipkart को केवल भारत का ही अनुभव है। Amazon ने हिंदुस्तान में अपना business शुरू किया वर्ष 2014 June को। महज 3 वर्षों में ही Amazon भारतीय online खरीदारों को ज्यादा लुभाने लगी जो धीरे – धीरे Flipkart सहित अन्य e-commerce कंपनियों को लगातार पछाड़ती चली गयी। गौर से देखा जाये तो Flipkart 2007 से 2014 तक भारत में बिना किसी बड़ी प्रतिस्पर्धा के मौजूद रहा ऐसे में वह क्या कारण थे कि Amazon के आते ही Flipkart भारतीय ईकॉमर्स के बाज़ार में पिछड़ता चला गया।

इसमें कोई आशंका नहीं कि Amazon ने भारतीय ईकॉमर्स बाजार में आते ही अपने पहले से प्राप्त अनुभवों का इस्तेमाल किया, भारतीय ऑनलाइन खरीदारों को अच्छे से समझा और भारत में पहले से मौजूदा ईकॉमर्स companies एवं उनकी द्वारा जारी सेवाओं पर भी अच्छे से गौर किया जिसका नतीजा यह है कि हर भारतीय ऑनलाइन खरीदार Flipkart के अलावा Amazon पर भी जाकर अपने प्रोडक्ट को सर्च करता है यानि वह अब पूरी तरह जान चुका है कि Amazon क्या है।

मुख्य बिंदु जिनपर Flipkart को शुरू में ही गौर करना चाहिए था:

  • 2007-2014 तक बिना किसी से बड़े competition में रहने के बावजूद ग्राहकों से जुड़े मूलभूत सुधारों को न लाना।
  • लगातार बढ़ते हुए customer complaints, bad feedback’s और dissatisfaction’s की अनदेखी।
  • Customer service पर primary focus ना होना।
  • Flipkart को अपनी पहचान बनाने में काफी वक़्त का लेना।
  • Customers द्वारा order किये गए product की कम समय में डिलीवरी ना हो पाना।
  • ख़रीदे हुए सामान को customer द्वारा लौटने कि जटिल और परेशान करने वाली प्रक्रिया।

ऊपर दर्शाये हुए वो बिंदु हैं जिनपर Flipkart को शुरू में ही गौर करना चाहिए था। Online purchasing में customer का विश्वास काफी महत्वपूर्ण होता है, जब customer का विश्वास डगमगाता है तब वह दूसरे दरवाजे तलाश में लग जाता है। 7 साल का लंबा समय मिलने के बावजूद भी Flipkart खरीदारों से जुड़ी परेशानियों का उचित समाधान नहीं निकाल पाया और कंपनी अपने पुराने ढर्रे पर ही चलती रही।

वो खासियतें जो Amazon को बनातीं हैं Flipkart से अलग:

  • Customer satisfaction जिसपर है कंपनी का primary focus.
  • Call centre और web chat पर खरीदार कि हर समस्या का तुरंत समाधान।
  • Deliver और Return कि पुख्ता policies जिसे कम समय में ही पूरा कर दिया जाता है।
  • सामान खरीदने से लेकर सामान को पहुँचाने तक customers के साथ अच्छा समन्वय।
  • Customers के पैसे लौटाने की सीधी और सरल प्रक्रिया जिसे कम समय में ही पूरा कर दिया जाता है।
  • Customer services के basis पर लोगों का दिल जीतना।

“जब भी हम बात करते हैं customer service की तब हमें यही देखने में आता है कि India में बेहतर customer service आखिर क्यों नहीं है। क्या इसकी वजह हमारे अपने देश के लोग हैं जो सामान खरीदते हैं या फिर देश में व्याप्त कंपनियां ? इस प्रश्न का जवाब मैं यही देना चाहूंगा कि हमारी स्वदेशी कंपनियों को शायद पता ही नहीं है कि customer service कहते किसको हैं। मगर जैसे – जैसे विदेशी कंपनियों का भारत में आना हुआ customer service होती क्या है यह हमारी घरेलु कंपनियों को भी पता चल गया। हिंदुस्तान में customer service को बेहतर बनाने और बढ़ावा देने में विदेशी कंपनियों का ही हाथ है जिसके लिए मैं उनका धन्यवाद भी करता हूँ।”

Flipkart के साथ भी कुछ ऐसी ही कहानी है क्योंकि शायद ये भी इंतज़ार कर रहे थे कि Amazon हमारे देश में आये और हमें customer service सिखाये। हुआ भी कुछ ऐसा ही 2014 तक Flipkart की लचर customer service रही शायद इनको भारत में एक बड़ी e-commerce company कहलाने का एक व्यक्तिगत गुमान हो गया था। मगर 2014 के बाद Flipkart नें अपनी customer services को बेहतर बनाने पर जोर देना शुरू कर दिया। आज Flipkart की कस्टमर सर्विस भी काफी अच्छी हो चुकी है। वर्तमान में Flipkart भी Amazon से customer service के मामले में पीछे नहीं है फिर भी ऐसे क्या कारण हैं की खरीदार Amazon कि ओर ज्यादा देखते हैं ?

अगर मैं अपने व्यक्तिगत रिसर्च की बात करूँ तो मैंने यह देखा है कि – Flipkart पर product search करने वाला ग्राहक एक बार Amazon पर भी जाकर वही product search करता है जिसको वह Flipkart पर देख रहा था।

दूसरी एक बात यह भी है कि – Amazon पर product search करने वाला ग्राहक एक बार Flipkart पर भी जाकर वही product search करता है जिसको वह Amazon पर देख रहा था।

उपर्युक्त दोनों बातों को अगर आपस में मिलाकर देखा जाये तो Flipkart और Amazon एक दूसरे के आमने-सामने खड़ीं हैं और दोनों कंपनियों को भारतवासी जानते हैं पहचानते हैं यानि कि भारत में दोनों कि Brand Value बराबर की है। जब name and fame दोनों कंपनी कि बराबर है और अब Flipkart नें customer services को भी पहले से बेहतर भी कर लिया है तब आखिर समस्या क्या है कि Flipkart product sell के मामले में Amazon से पीछे हो रहा है। मैं बता दूँ कि मैं यहाँ केवल Flipkart की बात कर रहा हूँ न कि उनके द्वारा acquired अन्य e-commerce कंपनियों की। अगर Flipkart और उसके द्वारा acquired अन्य e-commerce कंपनियों की sell को मिला दिया जाए तो वह Amazon से आगे निकल जायेगी।

खैर हम बात कर रहे थे केवल Flipkart की जो Amazon के आगे product sell में पीछे होता जा रहा है। Brand Value और customer service में बराबर होने के बावजूद अगर Flipkart पीछे है तो फिर कमी है user purchasing behaviour को समझने में। Flipkart से Amazon – Amazon से Flipkart और फिर Flipkart से Amazon पर आकर final order हो जाता है यानि बाज़ी Amazon मार ले जाता है।

Understanding customer’s buying behaviour is the key to success e-commerce business

बड़े शहरों में online खरीदारी का बढ़ता हुआ चलन देखने और सुनने में अच्छा लगता है। पर यहाँ एक बात और है जो खुलकर सामने आती है वो है customer और e-commerce कंपनी के बिच कमजोर तालमेल जिसकी वजह से खरीदार के मन में हमेशा एक आशंका बनी रहती है। Customer buying behaviour का सबसे पहला बिंदु है विश्वास (trust, faith). मेरे अनुभव के अनुसार अगर e-commerce company अपने खरीदारों के साथ अच्छा विश्वास कायम रखने में कामयाब रहती है तो उसके द्वारा बेची जाने वाली वस्तु में हमेशा बढ़ोतरी होगी। ऐसे ही कुछ और प्रमुख बिंदु हैं जिनपर ध्यान दिया जाना चाहिए।

विशेष बात: यह हमेशा ध्यान रहे कि चाहे Flipkart हो या Amazon दोनों websites पर customer अपने interest और पिछले अनुभव के आधार पर सामान खरीदता है क्योंकि यहाँ दुकान की तरह उसे convince करने के लिए कोई salesman नहीं होता।

क्या है customer’s buying behaviour?

1 – किसी भी product को order करने से पहले उसको कई e-commerce website पर देखना।
2 – Product price को कई e-commerce website पर जाकर compare करना।
3 – पिछले customer’s द्वारा दिए गए same product के reviews को देखना।
4 – Sellers कि rating और अन्य customer’s द्वारा उसको दिए गए reviews को देखना।

ऊपर दिए हुए चार बिंदु जिसे ग्राहक हर बार दोहराता है कोई सामान खरीदने से पहले, पर इतना करने पर भी वस्तु वहीँ से खरीदता है जहाँ पर उसे भरोसा होता है। कुछ जानकारों का मानना है कि प्रोडक्ट की कीमत ही बड़ा factor है purchasing का, पर मैं ऐसा नहीं सोचता। अगर product कि कीमत में बहुत बड़ा अंतर है जैसे 500 – 1000 या फिर उससे भी ज्यादा तो फिर customer एक बार अपना मन बदल सकता है ; पर मौजूदा व्यवस्था में किसी भी e-commerce website पर अब इतने बड़े price का अंतर नहीं देखने को मिलता। केवल 50 ,100 या 150 रुपये के अंतर पर ग्राहक अपने बने हुए विश्वास के साथ नहीं खेलते खासकर वो ग्राहक जो अधिकतर online shopping करते हों। इसके अलावा आजकल coupon code, credit card offers and discounts जैसी बातें भी देखने में आतीं हैं मगर वो लगभग हर e-commerce company अपना रही है ऐसे में इनका प्रभाव purchaser पे कुछ खास नहीं है।

Flipkart Vs Amazon Website:

Flipkart कि website attractive है और navigation के मामले में भी Amazon से बहुत बेहतर है।
Search result दोनों का ही quick है और product category , product range दोनों के ही अच्छे हैं।
Product page Flipkart का Amazon के मुकाबले बहुत ख़राब है।
Amazon के product page पर – Product Description , Seller Rating & Info, Customer Questions & Answers, Customer Reviews को बहुत अच्छे तरीके से दर्शाया गया है।
Flipkart के product page पर – Product Description बहुत आंशिक रूप से हैं जिससे customer’s को पूरी जानकारी नहीं मिल पाती।

दोनों ही website पर अच्छे से गौर करें तो Amazon ने अपनी website को user information पर focus करके बनाया है वहीँ Flipkart ने अपनी website product sell पर focus करके बनाया है। काम चलाऊ छोटे-मोटे product पर तो कम information होने से भी कोई फर्क नहीं पड़ता पर कुछ product ऐसे होते हैं जिनके बारे में सटीक जानकारी का होना जरूरी है वरना customer शंका में आकर सामान नहीं खरीद पाता।

Indian E-commerce Market में किसका होगा वर्चस्व? यह एक चर्चा का विषय है जो खासकर दो प्रतिद्वंदी Flipkart and Amazon की ओर ईशारा करता है। यह प्रतिद्वंदता इसकदर है कि Flipkart नें अपने अस्तित्व को कायम रखने और Amazon को भारतीय बाजार में कड़ा मुकाबला देने के लिए अन्य कई e-commerce companies को acquire कर लिया जिससे online customer’s को ज्यादा से ज्यादा अपने पाले में डाला जा सके। सवाल यह है कि क्या इतना करने के बाद भी Flipkart भविष्य में Amazon के सामने सच में बड़ा प्रतिद्वंदी बन कर रह पायेगा , Amazon को पछाड़कर आगे निकल जायेगा या फिर Amazon से हार जायेगा ? फ़िलहाल ये एक ऐसा प्रशन है जिसका तुरंत कोई जवाब नहीं दिया जा सकता।

Flipkart द्वारा acquired की गयीं e-commerce companies:

1) – Letsbuy.com को सन 2012 में
2) – Myntra.com को सन 2014 में
3) – Jabong.com को सन 2016 में
4) – eBay.in को सन 2017 में (ebay.in जो कि Flipkart के साथ एक separate entity की तरह काम करेगी)

ऊपर दिए हुए नामों को देखा जाए तो वे सभी काफी प्रसिद्ध हैं जिनके पास अपना अच्छा customer base भी है ऐसे में उन सभी को Flipkart ने अपने पाले में लिया जिसके लिए मोटी रकम भी चुकानी पड़ी। अगर हम Flipkart के साथ ऊपर कि कुल चार कंपनियों को भी जोड़ लें तो इनका revenue निश्चित तौर पर Amazon से अधिक होगा। मैं इससे इंकार नहीं कर सकता कि Amazon के बढ़ते हुए अधिपत्य को धराशाही करने के लिए Flipkart के लिए Company Acquisitions अनिवार्य था पर सवाल यही है कि ऊपर दिए हुए चारों e-commerce companies को acquire कर के भी Amazon के बढ़ते हुए प्रभाव को रोका जा सकता है जो कि – Best Price, Wide Range of Product, Strong Control on Listed Sellers, Quick Delivery, Communication with Customer’s, Excellent Customer Services, Faith of Customer’s, Trust on Amazon and 22 Years of Industry Experiences के आधार पर टिका है।

एक भारतीय होने के नाते मैं चाहूँगा कि Flipkart भारतीय e-commerce बाजार में मजबूती से बनी रहे क्योंकि Flipkart ने हिंदुस्तान में e-commerce व्यापार को आगे बढ़ाने में बहुत योगदान दिया है। Flipkart नाम लोगों कि ज़ुबान पर है पर इस जुबान पर सत्यता कि मुहर लगाना Flipkart का काम है। मैं यह चाहूँगा कि Flipkart सिर्फ सामान ना बेचे बल्कि लोगों को अपना विश्वास भी बेचे जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग Flipkart के करीब जाएं। Flipkart को यह समझना होगा कि महज company acquisition के सहारे Amazon जैसी विश्वव्यापी e-commerce company को दबाया नहीं जा सकता क्योंकि ये जगजाहिर है कि Amazon जिन देशों से गुजरकर भारत तक आया है वहां भारत से कहीं ज्यादा प्रतिस्पर्धाएं थीं और प्रतिद्वंदी भी। यह कहना गलत नहीं होगा कि Amazon अपनी सेवाओं और अनुभव के आधार पर भारतीय ईकॉमर्स के बाजार में वर्चस्व की लड़ाई जीत सकता है अगर Flipkart को सच में आगे निकलना है तो उसके पास केवल – विश्वास , गुणवत्ता और ईमानदारी ही एकमात्र सहारा हैं।