यूं तो भारतीय छात्रों का विदेशी शिक्षा के प्रति आकर्षण हमेशा ही रहा है लेकिन विगत कुछ दशकों में भारतीय छात्रों में विदेश जा कर पढ़ने का चलन काफी बढ़ा है। The Ministry of External Affairs (विदेश मंत्रालय) के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2023 तक लगभग 15 लाख भारतीय छात्र विदेश में शिक्षा प्राप्त
ऑनलाइन क्लासेज नुकसानDisadvantages of Online Classes in Hindi ऐसी कोई व्यवस्था नहीं हो सकती जिसके केवल फायदे ही फायदे हों। नफा और नुकसान दोनों साथ साथ चलते हैं। यदि मैं इस प्रश्न का सीधा एवं ईमानदारी भरा जवाब दूँ तो ऑनलाइन क्लासेज के नुकसान ज्यादा हैं फायदे बेहद कम हैं। नुकसान का प्रतिशत 95%
बच्चे देश का भविष्य होते हैं, इसलिए बच्चों को जितनी अच्छी शिक्षा प्राप्त होगी उतना ही ज्यादा हमारे देश का विकास होगा। वह शिक्षा ही होती है जो किसी विकासशील देश को विकसित बनाने में मदद करती है। बिना शिक्षा के एक अच्छे देश व अच्छे समाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
गत कुछ वर्षों से सभी को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का बेसब्री से इंतजार था। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 को लेकर सभी के मन में बहुत सारे सवाल उतपन्न हो चुके हैं कि कहीं शिक्षक की भर्ती प्रक्रिया जो थी वो मुश्किल तो नहीं हो गयी है ? तो हम बता दें कि
आजकल हर एक शख्स Creativity के रास्ते पर आगे बढ़ता जा रहा है। सभी को नई चीजों को सीखने का शौक है और सबसे बेहतर बात तो यह है कि अब यह छोटे शौक Career में तब्दील होते जा रहे हैं। जी हाँ, आज मैं आपको बताना चाहूँगी Designing के क्षेत्र से जुड़े कुछ
हम सभी जानते हैं कि दुनिया में प्रतिस्पर्धा हर नए दिन बढ़ती चली जा रही है। आज के वक्त में खुद को सिद्ध करना सबसे ज्यादा जरूरी होता जा रहा है, यही कारण है कि करियर को इतना महत्वपूर्ण माना जाने लगा हैं। यदि एक तरीके से देखा जाए तो यह सही ही है
सफलता कोई रहस्य नहीं जीवन यात्रा का एक पड़ाव मात्र है, सफलता अत्यधिक परिश्रम मंगली है। आप सफल नहीं हुए अर्थात पर्याप्त मात्रा में परिश्रम नहीं किया गया। सफलता का एक रहस्य और है वह यह है कि जीवन के कुछ पहलुओं का सही और सुनिश्चित उपाय। आपका ‘आज’, ईश्वर की ओर से आपको
शिक्षा का अधिकार , शिक्षा मानव का अधिकार और शिक्षा का मौलिक अधिकार ये तीनों ही बातें हमारे शिक्षा अधिकार कि ओर इशारा करतीं हैं जो की अब कानूनी तरीके से भी लागू हो चुका है। खैर यह लेख शिक्षा अधिकार के ऊपर नहीं है बल्कि शिक्षा के बाज़ारीकरण की ओर इशारा करता है।