2019 की नई राष्ट्रिय शिक्षा नीति

गत कुछ वर्षों से सभी को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का बेसब्री से इंतजार था। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 को लेकर सभी के मन में बहुत सारे सवाल उतपन्न हो चुके हैं कि कहीं शिक्षक की भर्ती प्रक्रिया जो थी वो मुश्किल तो नहीं हो गयी है ? तो हम बता दें कि ऐसा कुछ भी नहीं है, आप लोगों को इससे डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। आज नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 के बारे में आप भी जान लीजिये

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2019 नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति

नई शिक्षा नीति 2016 का पहला ड्राफ्ट आते-आते, यह नई राष्ट्रिय शिक्षा नीति 2019 के रूप में पहला ड्राफ्ट नये मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल को उनके पदभार ग्रहण करते ही के.कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा सौंप दिया गया। 2016 में इस शिक्षा नीति की रिपोर्ट दे दी गई थी और उम्मीद की गई थी कि 2018 आते-आते यह शिक्षा नीति लागू हो जाएगी मगर ऐसा नहीं हुआ और इस शिक्षा नीति को लागू 2019 में किया गया। नई शिक्षा नीति में प्राथमिक स्तर पर शिक्षण में मातृभाषा को प्राथमिकता देने का एलान किया गया है; जिसको लेकर विरोध के साथ बहस अभी जारी है।

नई राष्ट्रिय शिक्षा नीति की जो मुख्य बातें हैं वो निम्नलिखित हैं:

  • इसके अंतर्गत यानी कि नई राष्ट्रीय शिक्षा के अंतर्गत, शिक्षा अधिकार के कानून के दायरे को और भी व्यापक बनाना है। सब पढ़े सब बढ़े और RIGHT TO EDUCATION की जो आयु सीमा थी वो 6 से 14 वर्ष की थी मगर अब इस आयु सीमा को बढ़ा दिया गया है और जो बच्चे 6 साल से कम उम्र के हैं उन्हें भी मुफ्त में शिक्षा देने का प्रयास किया जाएगा। जो दायरा पहले 10+2 का था अब वो दायरा 10+2 न होकर के 5+3+3+4 का हो जाएगा। बच्चों के मस्तिष्क के विकास के लिए पूर्व प्राथमिक शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण होती है। इसीलिए प्राथमिक शिक्षा को ग्रहण करने से पहले बच्चा पूर्व प्राथमिक शिक्षा को ग्रहण करेगा।
  • शिक्षा को इस प्रकार से दिया जायेगा कि शिक्षा के क्षेत्र में भारत का नाम दुनिया में टॉप 20 में आ सके। अगर अभी बात करें भारत की शिक्षा क्षेत्र में रैंकिंग की तो अभी भारत टॉप 20 में भी नहीं है। इसीलिए भारत के शिक्षा स्तर को बढ़ाने के लिए राष्ट्रिय शिक्षा नीति में बदलाव किए गए हैं। खेलकूद को भी महत्त्व दिया गया है और घर से स्कूल तक बच्चों को ज्यादा बोझ ले जाने की ज़रूरत नहीं है।
  • आवासीय विद्यालयों में बालिकाओं के लिए नवोदय जैसी व्यवस्था करने का भी सुझाव है। लड़कियों की शिक्षा जारी रहे इसके लिए उनको भावनात्मक रूप से सुरक्षित वातावरण देने का सुझाव दिया गया है।
  • बच्चों को CLASSICAL LANGUAGES सिखाना आवश्यक है जैसे कि हिंदी , संस्कृत आदि भाषायें।

शिक्षक और उनकी भर्ती की प्रतिक्रिया:

  • अब Bed. को भी 4 साल का Integrated कोर्स बनाया जाएगा। जिसमें वही बच्चा भाग लेगा जो सच में चाहता होगा कि वो टीचर बने। Bed. भी अब एक Professional कोर्स हो सकता है।
  • परीक्षा का जो Process है वो अब और अच्छा हो जाएगा। परीक्षा पहले वाले ही होंगे मगर अब उनको कराने की प्रक्रिया और व्यवस्थित व सुनिश्चित हो जाएगी।
  • Demo आदि भी कराया जा सकता है जिससे आपकी Skills की जांच हो सके। इसके तहत वो बच्चे बाहर हो जाएंगे जो सिर्फ मज़े लेने के लिए परीक्षा में भाग लेते थे, अब योग्य विद्यार्थी ही इसका लाभ ले पाएंगे।

ध्यान दें,

शिक्षा मानव विकास के लिए बेहद जरूरी है अतः इसमें कुछ व्यापक बदलाव लाना निःसंदेह एक जरूरी कार्य है जिसको लेकर वर्तमान सरकार जागरूक दिखाई दे रही है। राष्ट्रीय शिक्षा निति 2019 के तहत अन्य जो भी जानकारियां प्राप्त होंगी हम आपको पखेरू पर सूचित करते रहेंगे।

लेखिका:
सुप्रिया श्रीवास्तव