उच्च रक्तचाप – हाई बीपी की समस्या
क्या है रक्तचाप ?
रक्तचाप वो बल है जो ह्रदय की हर एक धड़कन के साथ रक्त वाहिकाओं (blood vessels) की दीवारों पर पड़ता है। रक्तचाप की इस क्रिया से हमारे पूरे शरीर को रक्त पहुँचाने में सहायता मिलती है।
अपने रक्तचाप को कैसे मांपें ?
आज के समय में बड़ी आसानी से आप अपने रक्तचाप को स्वतः ही मांप सकते हैं वो भी घर बैठकर। जी मैं बात कर रहा हूँ blood pressure monitor की, यह एक प्रकार का डिजिटल ब्लड प्रेशर मापक यंत्र होता है जिसकी सहायता से आप अपने रक्तचाप की गणना कर सकते हैं।
ब्लड प्रेशर मॉनीटर में एक पाइप और चौड़ी पट्टी जुड़ी होती है, चौड़ी कपड़े की पट्टी को कफ़ कहा जाता है। ब्लड प्रेशर मॉनीटर पर लगा बटन दबाने से कफ़ में हवा भरने लगती है जो हमारी बाँह के ऊपरी हिस्से को दबाने लगता है। फिर भरी हवा के निकलने के साथ रक्चाप की गणना होने लगती है और वह अंतिम गिनती पर आकर रुक जाता है। आप blood pressure monitor की screen पर ब्लड प्रेशर गणना देख सकते हैं जिसके आधार पर ये पता चलता है की आपको high blood pressure है या low blood pressure.
रक्तचाप की रीडिंग कुछ इस तरह से दर्शित हो सकती है 120/80
- 120 – ऊपरी संख्या उच्चतर होती है और इसे सिस्टॉलिक रीडिंग (systolic reading) कहा जाता है। यह हृदय द्वारा पम्प किए जान पर रक्तवाहिकाओं में दबाव है।
- 80 – निचली संख्या निम्नतर है और इसे डायस्टोलिक रीडिंग (diastolic reading) कहा जाता है। यह धड़कनों के बीच हृदय के आराम करने के समय रक्त वाहिकाओं में दबाव है।
सामान्य रक्तचाप क्या है ?
Normal Blood Pressure
यदि आपकी रक्चाप गणना 120/80 आयी है तब आप सामान्य स्थिति में हैं अर्थात यह सामान्य स्तर का रक्तचाप है।
सामान्य रक्तचाप एक ऊपर की संख्या है जो 120 तक (systolic) और एक नीचे की संख्या है जो 80 तक होती है (diastolic)। प्रत्येक व्यक्ति का रक्तचाप प्रति घंटे और प्रतिदिन बदलता रहता है।
निम्न सामान्य रक्तचाप क्या है ?
Low Normal Blood Pressure
यदि आपकी रक्चाप गणना 110/75 आयी है तब आप निम्न सामान्य रक्तचाप के दायरे में आएंगे। हालांकि इस स्थिति को भी सामान्य कहा जा सकता है किंतु इसके नीचे जाना सही नहीं होता अतः व्यक्ति को लो ब्लड प्रेशर की चपेट में आने से बचना चाहिए।
उच्च रक्तचाप क्या है ?
High Normal Blood Pressure
उच्च रक्तचाप को अतिरिक्त दाब (hypertension) भी कहा जाता है।
उच्च रक्तचाप 130 या अधिक बटा 85 या अधिक होता है। उच्च रक्तचाप के विभिन्न चरण होते हैं, जो आपकी संख्याओं के उच्च होने पर आधारित होता है।
उच्च रक्तचाप है या नहीं यह एक बार के जांच से नहीं कहा जा सकता। व्यावहारिक जीवन की कुछ परिस्थितियों में हमारा रक्तचाप उच्च हो जाता है। अतः यदि 1,2 बार की रक्तचाप गणना में 130/85 का फिगर आ भी जाय तो चिंता की बात नहीं। मगर ये फिगर प्रतिदिन आ रहा है और हर जांच में आ रहा है तब यह अवश्य चिंता का विषय है।
आपके ‘रक्त’ को आपकी रक्त वाहिकाओं में प्रवाहित होना जितना कठिन होगा, आपके रक्तचाप की संख्या उतनी ही उच्च होगी। इसका अर्थ ये हुआ की आपका हृदय उच्च रक्तचाप के कारण सामान्य से अधिक काम कर रहा है। अतः आप डॉक्टर की परामर्श जरूर लें और उनके निर्देशों का पालन करें।
उच्च रक्तचाप के क्या लक्षण हैं ?
यदि आपकी रक्तचाप गणना 130/85 या इससे आ रही है तो इसका अर्थ ये है की आपको हाई ब्लड प्रेशर है।
उच्च रक्तचाप के लक्षणों में सबसे कॉमन लक्षण है सिर दर्द होना और दृष्टि का धुंधला होना। यदि आप नहीं जानते की आपको High Blood Pressure है तो आप इस लक्षण के होने पर अपना B.P जरूर जांच करवायें।
उच्च रक्तचाप में देखभाल कैसे करें ?
- अपने भोजन में नमक की मात्रा कम करें
- खाने में ऊपर से नमक डालकर खाने की आदत छोड़ दें
- फल को खाते समय उसपर नमक लगाकर ना खायें
- शराब मदिरा जैसे पेय पदार्थ का सेवन बंद कर दें
- धूम्रपान, तंबाकू का सेवन बंद कर दें
- अपने रक्तचाप को प्रतिदिन जांचते रहें
- उच्च रक्तचाप की स्थिति में डॉक्टर के दिए हुए निर्देशों का पालन जरूर करें
- डॉक्टर की दी हुई दवा का सेवन नियमित रूप से करते रहें
- हाई बीपी की दवाई का सेवन तब भी करते रहें जब आप स्वस्थ महसूस कर रहे हों
- वजन को भी मापते रहें
- यदि वजन जरूरत से ज्यादा हो रहा है तो उसे कम करें
- रोजाना व्यायाम करने की आदत डाल लें
- कपाल भाति, प्राणायाम, अलोम विलोम रोज करें
- तनाव से दूर रहें, सदैव खुश रहने का प्रयास करें
- नींद अच्छी लें और प्रतिदिन आराम करें
- यदि आप नौकरी पेशा हैं तो कार्य की चिंता से दूर रहें
- घर परिवार बच्चे व पत्नी के साथ आनंद पूर्वक रहें
- संतुलित भोजन करते रहें
लगातार उच्च रक्तचाप की मुख्य जटिलताओं को जानिए:
निम्न परेशानियों में अपने डॉक्टर को कॉल करें:
क) तेज़ सिरदर्द का होना
ख) धुंधला दिखाई देने लगना
ग) सीने में दबाव, दर्द या कड़ापन होना
घ) सांस फूलना या सांस लेने में तकलीफ
ङ) बांह, चेहरा व टांग में झुनझुनी होना या सुन्न पड़ जाना
च) बोलने में कठिनाई, घबराहट या समझने में समस्या होना
छ) निगलने में कठिनाई होना
उच्च रक्तचाप का वर्गीकरण:
Classification of HIGH Blood Pressure
यदि एक या दोनों संख्याएं आमतौर पर उच्च होती हैं, तो आपको उच्च रक्तचाप होता है।
Systolic pressure (mm Hg) | Diastolic pressure (mm Hg) | उच्च रक्तचाप के चरण |
210 | 120 | Stage 4 |
180 | 110 | Stage 3 |
160 | 100 | Stage 2 |
140 | 90 | Stage 1 |
आयु के अनुसार महिला व पुरुष की रक्तचाप कितनी होनी चाहिए, नीचे तालिका में ध्यान से देखिये:
लेखक:
रवि प्रकाश शर्मा
Aapne achhi jankari di hai jo sabhi ke kaam aayegi.