हिंदी गीत – सितारों अब तो सो जाओ, रात ढलने वाली है
इंसान जब बंद आँखों से सोता है तब वह सपने देखता है, पर जब खुली आँखों से सोता है तब वह सपनों को जीता है। कितना सुखदाई होता है टिम-टिमाते सितारों, उनकी चमक और काले अंधेरों से भरे आस्मां को अकेले देखना। ऐसे में किसी की याद ना आए ये मुनासिब कहाँ, नीचे लिखी पंक्तियाँ इसी अहसास पर आधारित हैं।
सितारों अब तो सो जाओ, रात ढलने वाली है
ख्वाबों में फिर वही, सूरत दिखने वाली है ।।
ये रौशनी ये चमक, न करो तुम इतना
वो नाज़नीन मुझसे, अंधेरों में मिलने वाली है
कुछ तो करो लिहाज़, उनके आने का
वो पर्दा-नशीं, शर्मीली अदाओं वाली है ।।
छुप जाओ कहीं, दूर जाकर तुम
न हो ख़लल, मिले उन्हें चैनों सुकून
खुदा करे की, ये शब यहीं रुक जाये
वो आफ़रीं आये, और सहर थम जाये ।।
खुशबु-ए उन्स बिखर जाने दो, इन फ़ज़ाओं में
खिलें फूल हो सुगंध, इन हवाओं में
ज़ुस्तज़ू है की, सच हो जाये ये ताबीर
इश्क़ हो मुक़म्मल, वो आएं एकबार फिर ।।
सितारों अब तो सो जाओ, रात ढलने वाली है
ख्वाबों में फिर वही, सूरत दिखने वाली है ।।
लेखक:
रवि प्रकाश शर्मा