हिंदी प्रेम गीत – हम तुम जैसे पतंग और डोर

हम तुम जैसे पतंग और डोर
संग संग साथ उड़ेंगे
नील गगन में सबसे ऊपर
दिल से दिल की बात करेंगे ।।

कुछ तुम कहना, कुछ मैं कहूँगी
तेरी बाँहों में लिपटी रहूंगी
कोई न होगा पास हमारे
दिल के सब जज़्बात कहेंगे ।।

कभी न टूटे, ये प्रीत को डोर
तू आकाश मैं तेरा छोर
बादलों में छुपकर दोनों
प्रेम की बरसात करेंगे ।।

हैं कितनीं मदमस्त हवाएं
संग अपने यूँ हमें नचाएं
खुली फ़ज़ाओं में हम तुम
प्यार भरा कोई राग छेड़ेंगे ।।

हम तुम जैसे पतंग और डोर….!!

लेखक:
रवि प्रकाश शर्मा