ऐप्प स्टोर ऑप्टिमाइजेशन हिंदी में जानें
ऐप्प स्टोर ऑप्टिमाइजेशन हिंदी में जानें
App Store Optimization
ऐप्प स्टोर में मोबाइल एप्लीकेशन की रैंकिंग में सुधार करना ही ऐप्प स्टोर ऑप्टिमाइजेशन कहलाता है। ऐप्प स्टोर ऑप्टिमाइजेशन करने का उद्देश्य यह है की आपका ऐप्प ज्यादा से ज्यादा लोगों को दिखाई दे, ज्यादा से ज्यादा लोग उसे डाउनलोड कर इस्तेमाल करें।
मैं आपको बता दूँ की हर कंपनी का अपना ऐप्प स्टोर होता है जैसे –
- 1 – गूगल प्ले (यह गूगल का ऐप्प स्टोर है)
- 2 – एप्पल स्टोर (यह एप्पल कंपनी का है)
- 3 – विंडो स्टोर (यह विंडो मोबाइल का है)
एंड्रॉइड, आईओएस और विंडो सभी ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए ऐप्प स्टोर ऑप्टिमाइजेशन किया जाता है।
जैसा की हम जानते हैं एंड्रॉइड गूगल का प्रोडक्ट है अतः हमारा यह लेख गूगल प्ले स्टोर ऑप्टिमाइजेशन पर आधारित है। परन्तु आप याद रखें सभी ऐप्प स्टोर की ऑप्टिमाइजेशन विधि एक ही है।
App Store Optimization को संछिप्त में ASO कहा जाता है। अतः इंटरव्यू के दौरान कोई आपसे पूछे की ‘एएसओ’ के बारे में आप क्या जानते हैं! तो आप समझ जायें की वह ऐप्प स्टोर ऑप्टिमाइजेशन की बात कर रहा है। SEO के क्षेत्र में इसे ASO Optimization कहते हैं। तो चलिए वापस आते हैं Google Play Store के Mobile App Optimization पर।
ऐप्प स्टोर ऑप्टिमाइजेशन का लक्ष्य क्या है ?
- (क) – मोबाइल एप्लीकेशन की विजिबिलिटी ऐप्प स्टोर में बढ़ाना
- (ख) – मोबाइल एप्लीकेशन के डाउनलोड एवं इंस्टालेशन को बढ़ाना
- (ग) – रेगुलर अपडेट, यूजर वैल्यू को बरक़रार रखना ताकि हमारा ऐप्प अन-इंस्टॉल कर यूजर कोई दूसरा ऐप्प ना इस्तेमाल करे
ऐप्प स्टोर ऑप्टिमाइजेशन की प्रक्रिया:
पहला – सर्वप्रथम कीवर्ड का चुनाव करना, हम अपने ऐप्प को प्ले स्टोर में कौन-कौन से कीवर्डस से रैंक कराना चाहते हैं।
यहाँ ध्यान देने वाली बात ये है की कीवर्ड आपको ऐसे चुनने होंगे जो सदाबहार हों। ऐसा न हो कि कोई ऐसा कीवर्ड आपने चुन लिया जिसकी सर्च 1 से 2 महीने रही और फिर वह दुबारा सर्च नहीं किया गया। इसलिए हमें बेहद सेलेक्टिव कीवर्ड रखने हैं जिनपर सर्च हमेशा बरक़रार रहे।
दूसरा – चुने हुए कीवर्डस को ऐप्प के नाम, यूआरएल, और सब-टाइटल में रखना है।
यह आप ध्यान रखें की चुने हुए कीवर्डस को मोबाइल एप्लीकेशन के नाम में, यूआरएल में और उसके सब-टाइटल जरूर रखें ताकि सर्च किये जाने पर वह ऐप्प स्टोर में आसानी से दिख सके।
तीसरा – कीवर्ड फील्ड एवं डिस्क्रिप्शन में कीवर्डस को जरूर रखें।
मोबाइल ऐप्प को स्टोर में लिस्ट करने के दौरान कीवर्डस फील्ड का ऑप्शन भी मिलता है जहाँ आप चुनिंदा कीवर्डस डाल दें। एप्लीकेशन के संबंध में जब आप डिस्क्रिप्शन लिखें तब वहां भी कीवर्डस का समझदारी पूर्वक इस्तेमाल करें।
चौथा – ऐप्प को हमेशा अपडेटेड, एरर फ्री, यूजर फ्रेंडली बनाकर रखना।
यदि हमारे ऐप्प में कोई बग है, वो अपडेटेड नहीं है या यूजर फ्रेंडली नहीं है; तब इस परिस्थिति में रैंकिंग आने पर भी कोई लाभ नहीं मिलेगा। हो सकता है यूजर टॉप रैंकिंग देखकर ऐप्प को डाउनलोड कर ले मगर यदि इस प्रकार की खामियां रहेंगी वो यूजर रिमूव कर देगा।
उदहारण:
मान लिया आपने कोई Food से Related ‘Mobile App’ बनाया है तो उसका कीवर्ड कुछ ऐसा हो सकता है –
Food Apps, Food Delivery, Food Delivery Apps, Local Food Delivery
ऊपर लिखे 4 कीवर्डस फ़ूड डिलीवरी से संबंधित ऐप्प के लिए बेहतर हैं। जो लोग अपने मोबाइल फ़ोन में फूड डिलीवरी एप्लीकेशन रखना चाहते हैं वो इस तरह के कीवर्डस को गूगल प्ले स्टोर में सर्च करते हैं।
नीचे पहली तस्वीर में देखकर समझें, food delivery apps नाम का कीवर्ड सर्च करने पर कितने ऐप्प रैंक में आ रहे हैं।
नीचे दूसरी तस्वीर में देखें Uber Eats मोबाइल एप्प ने अपने नाम के साथ Local food delivery कीवर्ड भी टाइटल में जोड़ा है।
तीसरी तस्वीर में आप देख सकते हैं Uber Eats की रैंकिंग का कारण यूजर द्वारा प्राप्त 4.3 की रेटिंग भी है।
चौथी तस्वीर में आप देख सकते हैं App का Description बिना स्पैम किये keywords को इस्तेमाल करके लिखा गया है।
रैंकिंग फैक्टर क्या हैं ?
गूगल प्ले स्टोर या अन्य ऐप्प स्टोर में मोबाइल एप्लीकेशन को रैंक करने के कुछ फैक्टर भी होते हैं, आप उन्हें रैंकिंग सिग्नल भी कह सकते हैं। मोबाइल ऐप्प बनाकर, प्ले स्टोर में लिस्ट कर, नाम टाइटल डिस्क्रिप्शन में कीवर्ड डालकर हमें एक बार रैंकिंग मिल सकती है। पर क्या ये रैंकिंग हमेशा बरक़रार रहेगी !
- 1 – यूजर डाउनलोड्स
- 2 – यूजर हाई रेटिंग्स
- 3 – यूजर पॉजिटिव फीडबैक या कमेंट्स
हमारे ऐप्प का ज्यादा से ज्यादा डाउनलोड होना, ज्यादा से ज्यादा लोगों द्वारा रेट किया जाना और ज्यादा से ज्यादा लोगों का पॉजिटिव फीडबैक मिलना या कमेंट मिलना गूगल को पॉजिटिव रैंकिंग सिग्नल देता है। इसलिए ऐप्प को हर मामले में बेहतर बनाना बेहद जरूरी है ताकि टेक्निकली वह अच्छा परफॉर्म करे और यूजर के लिए हेल्पफुल हो।
सच कहूं तो पहले ऐप्प पर डेवलपमेंट एवं यूजर एक्सपीरियंस के पॉइंट ऑफ़ व्यू से बहुत बढ़िया काम किया जाना चाहिए जैसे कि उसका साइज कम हो, लोड स्पीड अच्छी हो, फ्रेंडली ऑपरेशन और एरर फ्री हो।
लेखक:
रवि प्रकाश शर्मा