ब्लॉग को सफल कैसे बनाएं ? ध्यान देने योग्य बातें

ब्लॉग को सफल कैसे बनाएं ? यह एक ऐसा प्रश्न है जिसे मैंने कई blog writers को पूछते सुना है। इस प्रकार के सवालों की अधिकता क्वोरा जैसी प्रचलित वेबसाइट पर देखने को मिलती है। पुराने Blog Writers की सफलता और उनके द्वारा अर्जित किया जाने वाला धन देखकर नए Blog लेखकों के मन में सवाल जन्म लेने लग जाता है कि – अपने ब्लॉग को उन लोगों ने कैसे इतना सफल बनाया। अगर आप भी यह सोचते हैं कि अपने ब्लॉग को सफल कैसे बनायें और कैसे बड़ा पैसा कमायें तो यह सोचना लाजमी है।

समय के साथ-साथ ऑनलाइन लेखन के अतिरिक्त, ऑनलाइन वीडियो डालने का भी चलन बढ़ा है जिसे हम vlogger के नाम से जानते हैं। व्लॉगर का अर्थ होता है Video Blogger, वीडियो व्लॉगर अपना वीडियो youtube, dailymotion जैसी वेबसाइट पर डालते हैं और उनसे पैसा कमाते हैं। वीडियो व्लॉगर होने का मतलब ये नहीं की आप लेखन ब्लॉगिंग नहीं कर सकते। आप वीडियो और लेखन दोनों तरह के ब्लॉग बनाकर कार्य कर सकते हैं या अपनी क्षमता के अनुसार केवल एक क्षेत्र का चुनाव कर सकते हैं।

क्या है सही Blogger या WordPress ?

2010 में गूगल ने ब्लॉगर को फ्री ब्लॉगिंग प्लेटफार्म के रूप में लॉन्च किया। हालांकि यह गूगल का अपना निर्मित प्रोडक्ट नहीं था बल्कि 2003 में इसे गूगल द्वारा खरीदा गया था। सन 2010 से आम यूजर ने इसका इस्तेमाल करना शुरू किया जिसमें अधिकतर भागीदारी एस.ई.ओ करने वाले लोगों की ही रही। Blogspot का इस्तेमाल ज्यादातर SEO करने वाले बंदे ही किया करते थे जहां वे अपनी कंपनी द्वारा लिखित कॉन्टेंट और खुद के लिए web content को published किया करते थे। मगर ब्लॉग्स्पॉट उस ज़माने में केवल seo techniques के लिए ही उपयोग किया जाने लगा जिसमें फिजूल के कॉन्टेंट और लिंक बनाये जाते थे। दूसरी ओर वर्डप्रेस भी फ्री यूजर कॉन्टेंट पब्लिश करने की इजाजत देता था पर यहाँ फिर भी अच्छे लेखक भी मौजूद रहे।

2011 से 2012 के बीच गूगल नें अपने सर्च इंजन में बदलाव स्वरुप कई कार्य किये जिसमें उन वेबसाइट की वैल्यू ख़तम हो गयी जहाँ यूजर कॉन्टेंट का इस्तेमाल अधिकतर SEO फायदे के लिए करता था। गूगल ने ऐसे प्लेटफार्म को स्पैम प्लेटफार्म की संज्ञा दी और धीरे-धीरे इनकी वैल्यू सर्च इंजन में समाप्त होती गयी। यहां गूगल ब्लॉगर अर्थात ब्लॉग्स्पॉट को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा। ब्लॉग्स्पॉट गूगल का ही है पर फिर भी इसकी उपयोगिता में काफी गिरावट आने लगी और स्वयं गूगल ने भी इसको अपने सर्च इंजन पर दिखाना बेहद कम कर दिया। आज ब्लॉग्स्पॉट पर बनी वेबसाइट या ब्लॉग का search appearance न के बराबर है।

अतः अगर आप आज भी इसपर अपना Blog Publish कर रहे हैं तो कृपा करके अब बंद कर दें। ब्लॉगिंग का महत्त्व आज के ज़माने में बहुत बढ़ गया है ऐसे में Blogging करने के लिए अपना Domain और Hosting हो तो अच्छा होगा। बेहतर होगा की आप wordpress themes का इस्तेमाल करें और वर्डप्रेस पर ब्लॉग्गिंग करें। वर्डप्रेस सर्च इंजन फ्रेंडली होने के साथ इस्तेमाल में भी बेहद आसान है, वर्डप्रेस पर बने ब्लॉग सर्च रैंकिंग प्राप्त करने में ज्यादा सफल भी होते हैं।

क्या है सफलता:

यह एक ऐसा विषय है जिसे आपको ही तय करना है। कार्य विधा कोई भी हो, उसे सफल बनाने और उससे धन अर्जित करने के लिए स्वयं का कर्मठ होना अनिवार्य है। सफलता प्राप्त करने का कोई सुनिश्चित रास्ता नहीं होता या यूँ कहें की शॉर्टकट-वे नहीं होता। सफलता प्राप्त करने के लिए लगातार प्रयासरत रहना जरूरी है। कार्य के प्रति समर्पण भाव, कार्य के प्रति की गयी प्रतिज्ञा और निरंतर कार्य करते रहने की क्षमता ही आपको सफल बनाती है। यह बात किसी भी काम के लिए लागू होती है। धन प्राप्ति केवल उस कार्य से उपजा हुआ एक फल मात्र है और फल प्राप्त करने के लिए बीज बोने से लेकर वृक्ष को जल और खाद देना जरूरी होता है।

ध्यान दें –
कार्य आरंभ कर देने को कार्य करना नहीं कहते।
कार्य करते रहने को भी कार्य करना नहीं कहते।
कार्य ख़तम कर देने को ही कार्य करना कहते हैं।

ब्लॉगिंग शुरू करने से पहले:

आप ब्लॉगर क्यों बनना चाहते हैं ? क्या आपमें लेखन का गुण है ? क्या आप निरंतर लेखन कर सकते हैं ? आप लेखन के किस विभाग में पारंगत हैं ? यह सवाल आप ब्लॉग शुरू करने से पहले स्वयं से पूछें।

क्या आप ब्लॉग अपने किसी मित्र को देखकर बना रहे हैं ? क्या ब्लॉग लिखने के पीछे धन प्राप्त करने का लालच मात्र है ? या कुछ सोचा नहीं बस ऐसे ही चालू कर दिया ! पहले आप स्वयं को सुनिश्चित करें।

क्या आपको ऐसा लगता है कि लिखना तो आसान है ? क्या आपको ब्लॉगिंग सरल मार्ग लगता है ? इस प्रकार के भ्रम अपने मन में न पालें।

क्या आप ये सोचते हैं कि आज ब्लॉग बनाया और कल से पैसा आना चालू ? यह मात्र एक स्वप्न है इसमें हक़ीक़त कहीं नहीं।

ब्लॉग को सफल कैसे बनाएं-blog-ko-safal-kaise-banaye

अमित अग्रवाल, भारत के पहले प्रोफेशनल ब्लॉगर:

अमित अग्रवाल उत्तर प्रदेश के शहर आगरा के रहने वाले हैं और वे एक बिज़नेस परिवार से आते हैं। सन 1999 में अमित ने IIT-Roorkee से Computer Science में Graduation (B.tech) पूरा किया।

अमित अग्रवाल नें IIT-Roorkee से B.tech की डिग्री प्राप्त करने के उपरांत ADP Inc हैदराबाद में Database पर पांच सालों तक काम किया। वे Goldman Sachs और Meryll Lynch क्लाइंट के लिए काम करते थे। काम करने के दौरान अमित का ध्यान कंप्यूटर प्रोग्राम अथवा कोडिंग से हटकर मैनेजमेंट की ओर हो गया। ADP Inc में कार्य करने के दौरान, अमित कहते हैं कि मैंने काफी अच्छे दोस्त बनाये जिसमें हम सभी एक दूसरे की जानकारियों को साझा किया करते थे। कंपनी में इन्होंने बाहरी क्लाइंट और अपने टीम ग्रुप के साथ पब्लिक डीलिंग का काम अच्छे से समझा।

अमित कहते हैं कि मैं अपनी फॅमिली के साथ रहना चाहता था मगर आगरा जैसे शहर में मेरे लिए काम के अवसर नहीं थे। जब मैं अपने home town आगरा वापस लौट आया तो मैं यही सोच रहा था कि करूँ क्या। चूँकि मैं एक बनिया परिवार से था तो मैंने पहले ये सोचा की क्यों न accounting से जुड़ा सॉफ्टवेयर बनाऊ और यहाँ लोकल बिज़नेस मालिकों को उसके इस्तेमाल के बारे में बताऊं। लेकिन 2004 में अमित ने अपना यह विचार त्याग दिया और अपने लिए दूसरे रास्ते के तौर पर Freelance Blogger बनने का निर्णय लिया।

अमित कहते हैं कि लोग जब भी मुझसे पूछते की मैं करता क्या हूँ तो मैं कहता था कि मैं एक ब्लॉगर हूँ। लोग कहते ठीक है, पर करते क्या हो ? मैं फिर कहता की मैं ब्लॉग्गिंग ही करता हूँ। मेरी बात हर कोई नहीं समझ पाता और ये सोचता कि मैं IIT से पढ़कर आगरा में क्या कर रहा हूँ। उस ज़माने में Blogging को एक Career के रूप में लेकर चलना मूर्खता जैसा कदम था। मुझे भी शुरू में कुछ खास इंटरेस्ट नहीं आया ब्लॉग्गिंग करने में मगर फिर भी मैं लिखता रहता था। एक वाकया सुनाते हुए अमित कहते हैं कि मैंने पापा से Laser Printer लाने को कहा। वे जब लेकर आये तो मैंने सोचा कि क्यों न इसपर एक ब्लॉग लिखूं, मैंने लेज़र प्रिंटर पर एक आर्टिकल लिखा जिसमें उसके इस्तेमाल से लेकर उसके फीचर के बारे में बताया। अमित कहते हैं कि वो आर्टिकल मेरे लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुआ, देखते ही देखते उसपे ढेरों विजिटर आये देश और विदेश से और वो मेरा आर्टिकल टॉप विजिटिंग आर्टिकल बन गया। धीरे-धीरे मैंने सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर, ड्राइवर इंस्टालेशन आदि जैसे विषय पर लिखना शुरू किया। मैं यह देख रहा था कि मेरा ब्लॉग विदेशों में ज्यादा पढ़ा जा रहा है, ऐसा करने से मेरे ब्लॉग को पहचान मिलनी शुरू हो गयी। करीब 1 साल की मेहनत से मेरा ब्लॉग कुछ पैसे कमना शुरू कर चुका था, हां मगर वो पैसे बेहद कम थे।

अमित कहते हैं कि मुझे कुल 13 साल हो गए ब्लॉग्गिंग करते और आज मैं सालाना करोड़ों रुपये अपने ब्लॉग labnol.org से कमा लेता हूँ जिसमें Google Ad-sense का revenue सबसे ज्यादा है, बाकि कुछ कंटेक्सटुअल ऐड नेटवर्क, डायरेक्ट ऐड इत्यादि हैं। आज अपने ब्लॉग को सफल बनाने का जरिया बहुत है जिसमें सोशल मीडिया मुख्य है, किन्तु जब मैंने शुरू किया था तो ऐसा कुछ भी नहीं था। मैं हौसला नहीं हारा और लगातार मेहनत करता गया। आने वाले कुछ पैसे, रुपये बने फिर हज़ार बने और आज करोड़ बन गए। खुद को आज इंडिया का पहला प्रोफेशनल ब्लॉगर कहलाने पर गर्व महसूस होता है।

अमित जी से क्या सीख मिलती है ?

ऊपर लिखी अमित अग्रवाल की बातों से नये bloggers को सीख लेनी चाहिए। अमित IIT के छात्र थे, फिर उन्होंने बड़ी प्राइवेट कंपनी में काम भी किया। अगर अमित प्राइवेट नौकरी को जारी भी रखते तो आज उनके पास करोड़ों रुपये होते या शायद न भी होते। पर यहाँ बात ध्यान देने योग्य है की वे आज घर में अपने परिवार के साथ रहकर करोड़ो पैसा कमा रहे हैं। न तो उनका कोई ऑफिस बॉस है , न उनके लिए ऑफिस के प्रतिबंध हैं , न कंपनी काम का दबाव है और न ही एक सीमित तनख्वा।

अमित जी का पैसा देखकर शायद आपको यही लग रहा होगा की कल से आप भी ब्लॉग्गिंग करना शुरू कर देंगे और 10 साल बाद आप भी लाखों या करोड़ों कमाने लगेंगे। पर ऐसा नहीं है, बेशक अमित जी ने 13 साल दिए ब्लॉग्गिंग में परन्तु गुजरे 13 साल से वे अपने ब्लॉग पर निरंतर काम भी कर रहे हैं। आज वो जो कुछ भी हैं 13 साल की लगातार मेहनत की बदौलत हैं। यही बात हर ब्लॉगर को ध्यान में रखनी है की लगातार मेहनत करें फल आपको जरूर मिलेगा। भागवत गीता में भी श्री कृष्ण ने कहा है – कर्म कर फल की चिंता मत कर।

ब्लॉग सफल बनाने के कुछ प्रमुख बिंदु:

  • हिंदी या इंग्लिश, अपने ब्लॉग के लिए कोई एक भाषा का चुनाव करें।
  • हिंगलिश भाषा में ब्लॉग्गिंग ना करें, यह कोई भाषा नहीं है।
  • कॉन्टेंट ऐसा लिखें जो पाठक के लिए उपयोगी हो न की गूगल के लिए।
  • उस प्रकार के कॉन्टेंट ज्यादा लिखें जिसकी एडसेंसे मॉनेटाइज़ेशन वैल्यू ज्यादा हो।
  • हाई एडसेंसे मॉनेटाइज़ेशन वैल्यू के कॉन्टेंट जैसे – हेल्थ, टेक्निकल, ट्रेवल, हॉलिडे टूर, होटेल हॉस्पिटैलिटी।
  • अपना लेख एक विषय पर केंद्रित करके ही लिखें।
  • एक ही लेख में कई सारी बातें या उस विषय से जुड़ी दूसरी बातों को शामिल न करें।
  • जिस प्रकार के कॉन्टेंट पर ज्यादा विजिट आती है उन विषयों पर आधारित कॉन्टेंट में बढ़ोतरी करते रहें।
  • जिस विषय का चुनाव आपने किया है उस विषय की पूरी जानकारी उसमें दें।
  • यह हमेशा ध्यान दें की जिस विषय पर आप लिख रहे हैं क्या वह पाठक के लिए उपयोगी है।
  • क्या विषय को पाठक पढ़कर समझने में सक्षम है।
  • विषय को जटिलता से नहीं सरलता से लिखें।
  • अपने लेख को हेडिंग, पॉइंट्स और सारांश में विभाजित करें।
  • अगर विषय से जुड़ा ऑडियो, वीडियो, ग्राफ़िक्स, इमेज की उपलब्धता आपके पास है तो उसे लेख में शामिल करें।
  • कॉन्टेंट का पहला उद्देश्य होता है पाठक को जानकारी प्रदान करना।
  • कॉन्टेंट जानकारी देने के बजाय मनोरंजन करने हेतु भी हो सकता है, दोनों ही रूप में वह उपयोगी होना चाहिए।
  • अच्छा होगा आप रोजाना कम से कम 1 कॉन्टेंट अपने ब्लॉग पर तो डाल ही दें।
  • महीने में 1 या 2 कॉन्टेंट डालने जैसी स्थिति से बचें।

गूगल क्या कहता है ?

वैसे तो गूगल अपने सर्च इंजन के संबंध में कोई जानकारी बाहर उजागर नहीं करता किन्तु वह सदैव एक बात दोहराता रहता है कि क्वॉलिटी कॉन्टेंट लिखें। अब ये क्वॉलिटी कॉन्टेंट क्या है ? क्वॉलिटी की कोई एक निश्चित परिभाषा नहीं हो सकती। क्वॉलिटी में कई मापदंड होते हैं ,पैमाने होते हैं जो मिलकर किसी विषय या वस्तु को क्वॉलिटी कहलाने लायक बनाते हैं।

कॉन्टेंट के लिए क्वॉलिटी का आशय कुछ इस प्रकार है-

  • यूजर अथवा पाठक सर्वोपरि है अतः कॉन्टेंट उसे ही मानक मानकर लिखा होना चाहिए
  • कॉन्टेंट किसी अन्य वेबसाइट या ऑनलाइन पीडीऍफ़ फाइल्स की कॉपी न होकर स्वजनित होना चाहिए
  • कॉन्टेंट को सर्च इंजन फ्रेंडली बनाने का प्रयास न करते हुए यूजर फ्रेंडली बनाएं
  • कॉन्टेंट बड़े पैमाने पर लिखा गया हो वह बेहद लघु अर्थात छोटा नहीं होना चाहिए
  • कॉन्टेंट इन्फॉर्मेशन रिच होना चाहिए न कि आधा अधूरा
  • इंफोग्राफिक्स , इमेज , वीडियो और ऑडियो कॉन्टेंट की क्वॉलिटी को बढ़ाता है
  • हिंदी या इंग्लिश जिसमें भी लिखें भाषा और व्याकरण को ध्यान में रखें

ब्लॉग के लिए एस.ई.ओ (SEO) ना करें:

सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन एक ऐसा कार्य है जिसका कोई पंडित नहीं है। यह क्षेत्र ऐसा है जहां कोई ये नहीं कह सकता की वह एस.ई.ओ में पारंगत है। जो लोग यह कहते हैं कि वे आपके ब्लॉग का एस.ई.ओ करके 1 महीने में गूगल टॉप रैंकिंग प्रदान कर देंगे उनसे दूरी बनायें। गूगल का सर्च एल्गोरिदम हमेशा ही बदलता रहता है फलस्वरूप वेबसाइट की रैंकिंग का ऊपर और नीचे आना लगा रहता है।

जहां तक ब्लॉग का प्रश्न है उसके लिए एस.ई.ओ की उपयोगिता है ही नहीं। ब्लॉग केवल कॉन्टेंट आधारित वेबसाइट होती है जिसपर लिखा कॉन्टेंट अगर गूगल की क्वॉलिटी पर खरा उतरता है तो वह स्वतः ही रैंकिंग के ऊपरी पायदान तक पहुँच जायेगा। एस.ई.ओ स्वयं अपने आप में एक खेल है जिसमें किसी की जगह पूर्णतः सुनिश्चित नहीं अतः इस खेल में न पड़कर अपने क्वॉलिटी लेखन पर केंद्रित रहें।

ब्लॉग पर क्या करें ?

  • सर्वप्रथम क्वॉलिटी कॉन्टेंट ही डालें
  • सदैव अपने पाठक पर केंद्रित रहें
  • लिखे गए लेख का टाइटल , यूआरएल उचित बनायें न की एस.ई.ओ के लिए ज्यादा कीवर्ड्स
  • गूगल सर्च कंसोल रिपोर्ट हमेशा देखें उसमें आने वाली कमिओं को दूर करते रहें
  • गूगल एनालिटिक्स रिपोर्ट हमेशा देखें उसमें यूजर फ्लो चार्ट , कीवर्ड , जियोग्राफी , मोस्ट विजिटेड पेज को समझते चलें
  • एनालिटिक्स में जो नए कीवर्ड आ रहे हैं उनपे आधारित कॉन्टेंट बना सकते हैं

चूँकि नए ब्लॉगर या फिर 2 से 3 साल पुराने ब्लॉगर का ब्लॉग अपनी पहचान नहीं बना पाता जिसकी वजह से उसके डायरेक्ट यूजर अथवा पाठक नहीं होते। सर्च इंजन में होने वाले कीवर्ड सर्च के आधार पर ही उक्त ब्लॉग दिखाई देता है अतः यह कहा जा सकता है कि वेबसाइट ट्रैफिक का मुख्य स्रोत सर्च इंजन ही हैं और उनमें भी गूगल सर्च सर्वाधिक चलन में रहता इसलिए वह महत्वपूर्ण है।

एस.ई.ओ के खेल से हमेशा दूरी बनाएं यह किसी के भी बस का काम नहीं है। हाँ कुछ जानकारी अगर आपको व्यक्तिगत तौर पर है तो आप उसे इस्तेमाल कर सकते हैं मगर ब्लॉग प्रमोशन हेतु एस.ई.ओ प्रोफेशनल्स को हायर बिल्कुल न करें। मात्र क्वॉलिटी कॉन्टेंट लिखने पर जोर दें, निरंतर लिखें आप जरूर सफल होंगे।

खास बात:

गूगल एडसेंसे मॉनेटाइज़ेशन ब्लॉग के लिए तुरंत न करें। गूगल कहता है कि 20 कॉन्टेंट प्रकाशित करने के बाद आप एडसेंसे के लिए अप्लाई कर सकते हैं मगर आप 20 क्या 50 पर भी मॉनेटाइज़ेशन अप्लाई न करें। बेहतर है अपने ब्लॉग को कम से कम 1 साल तक बिना एडसेंसे के चलाएं। इन 1 सालों में अपने लेख और सर्च इंजन की बदौलत अपना यूजर बेस बढ़ायें। कुछ पाठक आपकी वेबसाइट या ब्लॉग पर आना शुरू हों और कम से कम 100 से अधिक आर्टिकल प्रकाशित हो चुके हों तो उत्तम होगा।

ऐसा देखने में आता है की गूगल एडसेंसे मॉनेटाइज़ेशन के बाद ब्लॉगर उससे आने वाली कम धनराशि को देख उदास हो जाता है। वह अपने लेखन पर केंद्रित न रहकर बार बार एडसेंसे एकाउंट को निहारता रहता है।

यह भी याद रहे की अगर आपने जल्द गूगल एडसेंसे मॉनेटाइज़ेशन कर भी लिया है तो उसका कोई फायदा नहीं होने वाला। ऐड पर क्लिक तब ज्यादा आएंगे जब आपके ब्लॉग पर पाठकों अथवा यूजर की संख्या अधिक हो। अगर संख्या अधिक भी है तो शुरुआत में गूगल एडसेंसे, ऐड क्लिक के पैसे बहुत कम देता है जो आपके लिए अपर्याप्त होता है। गूगल एडसेंसे से पैसा कमाने के लिए आपको कम से कम 5 वर्षों का तो इंतज़ार करना ही होगा। इसलिए अपने मुख्य कार्य के प्रति प्रतिबद्ध रहें न की गूगल एडसेंसे एकाउंट पर। किसी अन्य मित्र या स्वयं ऐड पर क्लिक करके पैसा न बनाएं अन्यथा गूगल आपका अकाउंट हमेशा के लिए बंद कर सकता है।

अपने ब्लॉग की पहचान को बढ़ाने के लिए ब्लॉगर्स कम्युनिटी और सोशल मीडिया का सहारा लें।

लेखक:
रवि प्रकाश शर्मा