गूगल ऐड क्वॉलिटी स्कोर किसे कहते हैं

गूगल ऐड क्वॉलिटी स्कोर किसे कहते हैं ?
What is Quality Score in Google Ads

पखेरू पर SEO Tutorial के संबंध में हमने कई आर्टिकल लिखे हैं। आज का टॉपिक बेहद खास जिसका नाम है Google Ad Quality Score, यह टॉपिक इसलिए खास है क्योंकि इसी पर सर्च ऐड की रैंकिंग व रेवेन्यू का भार टिका हुआ है। क्वॉलिटी स्कोर पर चर्चा आरंभ करने से पहले गूगल ऐड ‘ऑक्शन’ के बारे में जान लेते हैं।

Google Ads Auction में 3 बातें प्रमुखता से आती हैं –

  • पहला है – ऐड रैंक (Ads Rank)
  • दूसरा है – पैसे की बोली (Bidding)
  • तीसरा है – गुणवत्ता स्कोर (Quality Score)

क्या है ऐड रैंक ?

ऐड का ‘स्थान’ , अर्थात गूगल सर्च में दिखाई देने वाले स्पॉन्सर्ड या पेड विज्ञापनों का ‘क्रम’ ।
गूगल सर्च इंजन प्लेटफॉर्म पर स्पॉन्सर्ड ऐड दिखाने के लिए कुछ स्थान सुनिश्चित किये गए हैं। सर्च पेज के सबसे ऊपर एवं सबसे नीचे स्पॉन्सर्ड ऐड देखने को मिलते हैं। ऊपर और नीचे अधिकतम कुल चार-चार ऐड दिखाए जा सकते हैं। ज़्यदातर हमारा ध्यान ऊपर वाले ऐड पर जाता है, दिखाए जाने वाले गूगल ऐड के पहले दूसरे तीसरे और चौथे क्रम को ही ‘ऐड रैंक’ कहा जाता है।

क्या है बिडिंग ?

हम अपने ऐड के 1 क्लिक पर कितने रुपये खर्च कर सकते हैं, यह बिडिंग द्वारा सुनिश्चित किया जाता है।
मान लीजिये आपने ऐड पर प्रति 1 क्लिक के लिए 5 रुपये की बोली लगाई, जिसका अर्थ ये हुआ की आप अधिकतम 5 रुपये खर्च करेंगे 1 क्लिक के ऊपर।

क्या है क्वॉलिटी स्कोर ?

कीवर्ड और लैंडिंग पेज की समानता, अर्थात आपके द्वारा चुने हुए कीवर्ड एवं उससे रिलेटेड लैंडिंग पेज में कितनी समानता है।
गूगल ऐड के ऑक्शन में क्वॉलिटी स्कोर का मसला बहुत ही महत्वपूर्ण है। एक अच्छे क्वॉलिटी स्कोर की मदद से हम बिडिंग प्राइस कम रख कर भी नंबर 1 ऐड रैंक प्राप्त कर सकते हैं।

नीचे दिए गए चित्र पर गौर फरमाइए: buy health insurance कीवर्ड पर गूगल ऐड चलाया जा रहा है।

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पॉलिसी बाजार, टाटा एआईजी, आदित्य बिरला कैपिटल के ऐड क्रमशः नंबर 1, 2, 3 पर आ रहे हैं। TATA AIG और Aditya Birla दोनों के पास Policy Bazaar से ज्यादा पैसा है मगर फिर भी पॉलिसी बाजार का ऐड सबसे ऊपर नंबर 1 स्थान पर आ रहा है। इसका सीधा सा अर्थ है की पॉलिसी बाजार ने अपनी ऐड रेलेवेंसी एवं लैंडिंग पेज के Quality Score को टाटा एवं आदित्य बिरला से ज्यादा बेहतर रखा होगा।

मैक्सिमम बिड और क्वॉलिटी स्कोर के आधार पर गूगल Ad Rank निर्धारित करता है।

फॉर्मूला है, maximum bid गुणे quality score = ad rank

यदि मैक्सिमम बिड 5 रुपये की है और क्वॉलिटी स्कोर 10 है तब ऐड रैंक 50 होगी। अगर अन्य किसी ऐड्वर्टाइज़र को 50 से ज्यादा ऐड रैंक नहीं प्राप्त हुई तब आपका ऐड सर्च इंजन में पहले नंबर पर दिखाई देगा।

** गूगल ऐड ऑक्शन में अनगिनत लोग हिस्सा लेते हैं लेकिन गूगल सभी का ऐड स्वीकार नहीं करता।
maximum bid, quality score एवं ad rank value के आधार पर ही Google Ads स्वीकार की जाती है। चूँकि कुल चार ऐड ही दिखाए जा सकते हैं, अतः ऐड स्वीकार होने के लिए अच्छे Ad Rank की प्राप्ति करना अनिवार्य हो जाता है।

** आप ये सोच रहे होंगे Ad Rank में जो पहले स्थान पर होगा उसे cost per click ज्यादा देना होता होगा।
जी नहीं, ऐड रैंक में नंबर 1 स्थान वाला सबसे कम पैसे खर्च कर रहा होता है और नंबर 4 वाला सबसे ज्यादा। नंबर 1 का स्थान क्वॉलिटी स्कोर पर आधारित है अतः जिसने क्वॉलिटी स्कोर के बल पर पहला स्थान अर्जित किया है उसके सबसे कम पैसे खर्च होते हैं प्रति क्लिक पर।

क्या होता है क्वॉलिटी स्कोर ?
Understanding quality score

क्वॉलिटी स्कोर एक प्रकार की गूगल ऐड रेटिंग है।
जब भी हम गूगल पर अपना ऐड चलाते हैं तो उसके संबंध में कुछ आवश्यक कार्य करने होते हैं; जैसे कीवर्ड का चुनाव, टाइटल, डिस्क्रिप्शन एवं लैंडिंग पेज।

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चित्र में दिखाए गए प्रतिशत पर गौर ना करें। इसका अर्थ ये है की क्वॉलिटी स्कोर के लिए सभी बिंदुओं का होना अनिवार्य है।

1 – हमारा कीवर्ड हमारे लैंडिंग पेज से मेल खा रहा है या नहीं।

2 – चलने वाले ऐड पर क्लिकथ्रू रेट कितना है।

3 – पेज पर लैंड होने के बाद यूजर का एक्सपीरियंस कैसा है।

4 – पेज पर लैंड होने के बाद यूजर पेज से नेविगेट हो पा रहा है या नहीं।

5 – लैंड होने के बाद यूजर पेज पर कितना समय व्यतीत कर रहा है।

आसान शब्दों में आप समझें तो ads, keywords, and landing pages के संदर्भ में ही Quality Score तय किया जाता है। हाई क्वॉलिटी वाले ऐड ‘कम कीमत’ में और बेहतर ‘रैंक’ पर चलते हैं। अतः Google Ads की दुनियां में क्वॉलिटी स्कोर को समझना बेहद आवश्यक है क्योंकि इससे हम कम पैसे खर्च करके कंपनी को बड़ा रेवेन्यू दे सकते हैं।

  • क्वॉलिटी स्कोर को 1-10 पैमाने पर रिपोर्ट किया जाता है और इसमें अपेक्षित क्लिकथ्रू रेट, ऐड रेलेवेंस, लैंडिंग पेज एक्सपीरियंस शामिल होता है।
  • हमारा ऐड और लैंडिंग पेज यूजर के लिए जितने अधिक रेलेवेंट होंगे, उतनी ही अधिक संभावना है कि हमें हाई क्वॉलिटी स्कोर रिपोर्ट में देखने को मिलेंगे।

ऐड रेलेवेंसी क्या होती है ?

कीवर्डस + यूजर इंटेंट + एक्सपेक्टेड रिजल्ट
यूजर ने सर्च बॉक्स में क्या क्वेरी की ? यूजर का क्वेरी करने के पीछे क्या इंटेंट था ? और क्या यूजर को वह एक्सपेक्टेड रिजल्ट मिला जिसकी वो अपेक्षा कर रहा था !

अतः ऐड की रेलेवेंसी तभी अच्छी मानी जाती है जब वह यूजर द्वारा की गयी क्वेरी एवं उसके इंटेंट से पूरी तरह मेल खा जाये।

उदहारण:

यदि यूजर ने क्वेरी की buy health insurance और उसे रिजल्ट मिला senior citizen insurance plans तो यह ऐड यूजर इंटेंट के रेलेवेंट नहीं माना जायेगा। अतः हमें गूगल ऐड बनाने के दौरान कीवर्डस, यूजर इंटेंट एंड एक्सपेक्टेड रिजल्ट का पूरा ध्यान रखना होगा नहीं तो पैसे भी खर्च होंगे और रेवेन्यू भी नहीं आएगा।

एक गलती यह भी हो जाती है की हमने Ad Relevant तो बना दिया, मगर Landing Page भूल गए।
हमारे ऐड को रेलेवेंट होने के साथ-साथ लैंडिंग पेज को भी रेलेवेंट होना पड़ेगा। अब buy health insurance कीवर्ड पे हमारा ऐड तो रेलेवेंट दिख रहा है मगर यूजर ने जैसे ही उसपर क्लिक किया और लैंडिंग पेज पर गया वहां उसे senior citizen insurance plans से रिलेटेड मटेरियल मिला। अतः यहाँ हम कह सकते हैं हमारा Landing Page ऐड के Relevant नहीं है।

गूगल ऐड क्वॉलिटी स्कोर क्या है, ऐड रेलेवेंसी क्या है और ऐड रैंक क्या है जैसे प्रश्नों का जवाब आपको मिल गया होगा।
गूगल ऐड और एसईओ के संबंध में आगे कई आर्टिकल आपको पखेरू पर पढ़ने को मिलते रहेंगे।

लेखक:
रवि प्रकाश शर्मा