क्या होता है बाउंस रेट और एग्जिट रेट – दोनों में अंतर समझिये
ब्लॉग, वेबसाइट या फिर यूट्यूब चैनल, सभी के लिए ‘बाउंस रेट‘ बेहद महत्त्वपूर्ण होता है। सिर्फ ब्लॉग या वेबसाइट बना देने से काम नहीं चलता, हमारे लिए यह भी जानना बहुत जरूरी है की हमारे ब्लॉग एवं वेबसाइट पर रोज कितने विजिटर आ रहे हैं, कौन से देश-शहर से आ रहे हैं, किस सोर्स से आ रहे हैं, वेबसाइट पर कितना समय बिता रहे हैं…इत्यादि। इन जानकारियों को रखने से हम अपनी वेबसाइट, ब्लॉग अथवा यूट्यूब चैनल को और बेहतर कर सकते हैं। हर समय हाई बाउंस रेट का होना, हाई एग्जिट रेट का होना अच्छा नहीं माना जाता। यह संदेश देता है की यूजर हमारे कॉन्टेंट में रुचि नहीं ले रहा है।
आज हम जानेंगे Bounce Rate के बारे में जिसे आप भी Google Analytics में Login कर यह देख सकते हैं की आपके ब्लॉग का कितना बाउंस रेट है। मुझे उम्मीद है कि आप अपने ब्लॉग या वेबसाइट के बाउंस रेट जरूर को जानते होंगे। अगर आप अब तक नहीं जानते तो कृपया अपने ‘गूगल एनालिटिक्स अकाउंट’ में लॉगिन करें। स्क्रीन की बायीं तरफ देखने से आपको Home | Customization के ठीक नीचे ‘REPORTS’ नामक टाइटल दिखाई देगा, जहाँ पर प्रमुख रूप से अन्य 5 Options दिखाई देंगे जैसे – Realtime, Audience, Acquisition, Behavior, Conversions.
कृपया Audience वाले ऑप्शन पर क्लिक करें, इसके अंदर जो सबसे पहला ऑप्शन है ‘Overview’ फिर उसपर क्लिक करें। इसपर क्लिक करते ही कई प्रकार के डेटा लोड हो जायेंगे, यदि नीचे स्क्रॉल करें तो आपको सबसे अंत में ‘Bounce Rate‘ का ऑप्शन दिखाई देगा; जिसमें कुछ ‘प्रतिशत वैल्यू’ लिखी होगी जैसे – 82.57% , 84% , 66.2% , 43%…यहाँ कोई भी संख्या हो सकती।
नीचे तस्वीर में आप Bounce Rate देख सकते हैं, जिसे मैंने लाल तीर के निशान से दर्शाया है:
क्या होता है बाउंस रेट का सूत्र एवं कैसे कैल्कुलेट होता है बाउंस रेट:
ऊपर फोटो में Formula देखकर आप जान गए होंगे की Bounce Rate कैसे Calculate किया जाता है।
जब भी हम बाउंस रेट बोलते हैं तो यहाँ 2 शब्द निकलते हैं पहला – Bounce और दूसरा – Rate. रेट का अर्थ होता है प्रतिशत यानी Percentage, मगर बाउंस क्या होता है ? तो चलिए पहले यही जान लेते हैं कि Bounce का क्या मतलब है !
मान लीजिये,
- एक यूजर आपकी वेबसाइट के किसी पेज पर लैंड किया।
- और लैंड करने के बाद वह ठीक उसी पेज से बहार निकल गया।
इस स्थिति को हम ‘Bounce’ कहेंगे।
जिसका मतलब ये है कि यूजर हमारे किसी एक पेज पर लैंड करने के बाद फिर दुबारा किसी दूसरे पेज पर न जाकर वेबसाइट बंद कर देता है। इसे आप ऐसे भी समझें कि “लैंडिंग पेज” पर आने के बाद यूजर वेबसाइट के किसी अन्य पेज से Interact नहीं करता और बाहर निकल जाता है अतः इस स्थिति को हम ‘Bounce’ हो जाना कहेंगे।
बाउंस तो हम समझ गए, अब ये भी जान लेते हैं कि रेट का क्या मतलब है:
Rate, मैंने पहले ही बता दिया की इसका मतलब है Percentage %.
हमारे ब्लॉग, वेबसाइट या यूट्यूब चैनल पर कोई 1 Visitor तो आएगा नहीं ! प्रतिदिन हमारी वेबसाइट पर पचास, सौ, हज़ार एवं लाख विजिटर आ सकते हैं। वेबसाइट बहुत ज्यादा पॉपुलर है या बड़ी सर्विस प्रोवाइडर है तो प्रतिदिन करोड़ों विजिटर भी हो सकते हैं; ऐसे में Bounce Rate भी average out हो जाता है।
मान लीजिए,
आपके ब्लॉग पर 1 दिन में 100 Visitor आये।
- जिसमें से कुल 40 विजिटर पहले लैंडिंग पेज से ही बाहर निकल गए।
- बाकि बचे 60 विज़िटर्स ने लैंडिंग के बाद, वेबसाइट के अन्य पेज पर भी क्लिक किया और कुछ एक्टिविटी परफॉर्म की।
अब इसे हम ऊपर बताये बाउंस रेट के फॉर्मूले पर रख देते हैं –
bounce rate = one page visits 40 / total visits 100.
The answer is 40%
अतः ऊपर बताई गयी कंडीशन के हिसाब से आपकी वेबसाइट का बाउंस रेट हुआ 40 प्रतिशत।
यहाँ तक Bounce Rate का माजरा तो समझ में आ गया होगा, चलिए अब जानते हैं Exit Rate क्या होता है ?
Exit क्या होता है पहले इसे समझते हैं –
गूगल एनालिटिक्स में आप बायीं ओर लिखे Reports सेक्शन में देखें, वहां एक Behavior नाम का ऑप्शन दिखेगा। Behavior पर क्लिक करते ही Overview का ऑप्शन आयेगा, इसपर क्लिक करके आप अपनी वेबसाइट या ब्लॉग का Exit Rate आसानी से देख सकते हैं।
नीचे तस्वीर में आप Exit Rate देख सकते हैं जिसे मैंने लाल तीर के निशान से दर्शाया है:
ब्लॉग और वेबसाइट दोनों पर 1 से ज्यादा पेज होते हैं। साधारण वेबसाइट की बात करें तो उसमें भी 15 – 20 पेज होंगे ही। मगर ब्लॉग की बात करें तो यहां पेजों की संख्या काफी ज्यादा होती है। ब्लॉग पर जितने भी आर्टिकल पब्लिश होते हैं वह सब एक पेज ही माने जाते हैं। तो हम जान गए की ब्लॉग एवं वेबसाइट पर कई सारे पेज होंगे।
क्या होता है एग्जिट रेट का सूत्र एवं कैसे कैल्कुलेट होता है एग्जिट रेट:
मान लीजिये,
कोई विजिटर आपके ब्लॉग के किसी एक पेज पर लैंड किया।
- जिस पेज पर वह लैंड किया, उसके बाद उसने ब्लॉग के अन्य 2, 3, 4, 5 पेज देखे।
बारीकी से ध्यान दें:
यदि 1st Landing Page से ही कोई विजिटर बाहर निकल जाता है तो वह BOUNCE कहलाता है।
किन्तु जब 1st Landing Page पर आने के बाद विजिटर ब्लॉग के किसी 2nd page, 3rd page या 4th page..आदि से बाहर निकलता है तो वह EXIT कहलाता है।
** यानि Exit का Case तभी बनेगा जब विजिटर ब्लॉग या वेबसाइट के 1st Landing Page को छोड़कर किसी Inner Page से Out होगा।
अब ऊपर वाली बात को फिर दोहराते हैं –
आपके ब्लॉग पर 1 दिन में 100 Visitor आये।
गूगल सर्च इंजन की यह 2 मैट्रिक्स “Bounce और Exit” को जानना हर ब्लॉगर एवं वेबसाइट ओनर के जरूरी है। अगर आप जानकारी रखते हैं तो इस विषय पर आपको कोई बेवक़ूफ़ नहीं बना सकता। इसको जान लेने के बाद यह भी जानना जरूरी हो जाता है कि बढ़ते बाउंस रेट को कैसे कंट्रोल किया जाय। सदैव हाई बाउंस रेट एवं हाई एग्जिट रेट का होना अच्छा नहीं माना जाता। अगले आर्टिकल में मैंने आपको हाई बाउंस रेट को कम करने के तरीके बताऊंगा।
हाई बाउंस रेट के कारण: जानने के लिए क्लिक करें।
धन्यवाद ।
लेखक:
रवि प्रकाश शर्मा