यूट्यूब मोनेटाइजेशन क्या है

यूट्यूब मोनेटाइजेशन क्या है ?
दोस्तों, पखेरू पर आज का विषय YouTube Monetization पर केंद्रित है। जिसमें हम सिर्फ ‘मोनेटाइजेशन’ के सन्दर्भ में ही बात करेंगे।

अगर मैं आपको यूट्यूब का परिचय दूँ तो यह एक “Video hosting service” कंपनी है, जहां दुनियां का कोई भी यूजर Free Video Upload कर सकता है। यूट्यूब की स्थापना 14 फरवरी 2005 में हुई और इसके तीन संस्थापक थे – Chad Hurley, Steve Chen और Jawed Karim. वीडियो होस्टिंग सर्विस के अतिरिक्त इसके 2 अन्य प्रोडक्ट भी हैं जिनका नाम – YouTube Music और YouTube TV है.

यूट्यूब के लॉन्च होने के ठीक 19 महीने बाद, सन 2006, 9 अक्टूबर को गूगल ने इसे खरीद लिया। फिलहाल आप जान लें की यूट्यूब अब गूगल का प्रोडक्ट है।

इतिहास से अपने कदम बाहर निकालते हुए फिर बात करते हैं चैनल मोनेटाइजेशन की:

Monetization का हिंदी अर्थ है “मुद्रीकरण”
मोनेटाइजेशन के माध्यम से आप अपने चैनल को पैसा कमाने योग्य बना सकते हैं।
Video यूजर की अपनी प्रॉपर्टी होती है और यूट्यूब यूजर द्वारा अपलोडेड वीडियो कॉन्टेंट से ही खुद भी पैसा कमाता है। अतः जब आप अपना कोई वीडियो यूट्यूब को देते हैं तो वह बदले में आपको कुछ धनराशि प्रदान करता है जिसे ‘Revenue Share‘ कहते हैं।

45/55 के अनुपात में रेवेन्यू शेयर होता है, एडवरटाइजिंग के द्वारा जितना भी पैसा आपके चैनल ने कमाया उसका 45% हिस्सा गूगल रख लेता है और बाकी 55% हिस्सा आपको दे देता है। यानि, हर 100 रुपये में से 45 रुपया गूगल का और 55 रुपया आपका हुआ।

यूट्यूब पर अपना वीडियो अपलोड करने के लिए आपको सर्वप्रथम चैनल बनाना होगा फिर उसमें ‘लोगो आर्ट‘ और ‘बैनर‘ लगाना होगा । इतना प्रारंभिक कार्य पूरा करने के बाद आपका काम होता है video content अपलोड करने का। फिर पैसे कमाने के लिए चैनल को monetize कराना पड़ता है।

तो क्या बस वीडियो अपलोड कर देने से चैनल मोनेटाइज हो जाता है ?

जी नहीं !!
यूट्यूब द्वारा कुछ आवश्यक कायदे कानून व शर्तें बनाई गयी हैं जिन्हें पूरा करना चैनल के मालिक के लिए अनिवार्य हैं। इसे आप चैनल मोनेटाइजेशन एलिजबिलिटी क्राइटेरिया भी कह सकते हैं जो इस प्रकार है-

नीचे की तस्वीर आप ध्यान से देखें:

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जैसा आप ऊपर देख रहे हैं, यूट्यूब चैनल को मोनेटाइज कराने के लिए 2 शर्तों को पूरा करना अनिवार्य है, वो भी चैनल निर्माण के 1 वर्ष के अंदर।

पहली शर्त है – 4000 घंटे का वॉच टाइम
दूसरी शर्त है – 1000 सब्सक्राइबर्स

** इस प्रकार की शर्त पहले नहीं हुआ करती थी। किन्तु जैसे जैसे यूट्यूब पर वीडियो कॉन्टेंट तेज़ी से बढ़ने लगा और कुछ लोग अनावश्यक, बेकार के कॉन्टेंट बनाकर पैसे कमाने लग गए तब यूट्यूब को अपनी पॉलिसी में कठोर बदलाव लाने पड़े जिसके अंतर्गत चार हज़ार घंटे का वॉच टाइम एवं एक हज़ार सब्सक्राइबर्स की आवश्यकता निर्धारित की गयी मोनेटाइजेशन प्राप्त करने के लिए।

टेक्नोलॉजी की दुनियां में हमें इन सब बदलावों के लिए हमेशा तैयार रहना होगा। हो सकता है यूट्यूब आगे चलकर अपनी वर्तमान शर्तें और सख्त करे। किन्तु जिसे ईमानदारी से अपना काम करना है उसको कभी कोई खतरा नहीं है।

मान लीजिए,

आपने चैनल बना लिया और कुछ महीने में अच्छे खासे गिनती के वीडियो भी आपने अपलोड कर दिए और उसपर 1000 सब्सक्राइबर्स भी आ गए एवं वॉच टाइम भी 4000 घंटे का पूरा हो गया। अब आप निकल पड़े चैनल मोनेटाइजेशन की ओर, अतः आपने मोनेटाइजेशन के लिए रिक्वेस्ट डाल दी।

Monetization Request डालने के बाद भी चैनल मोनेटाइज हो जायेगा इसकी कोई गारंटी नहीं होती।
बेशक आपने 4000hrs का watch time और 1000 subscribers की शर्त को 1 साल में पूरा कर दिया; मगर फिर भी YouTube आपके चैनल को Review करने के बाद ही Monetization Approval देगा।

यूट्यूब की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह जान सके यूजर ने कैसे उसकी शर्तों को पूरा किया, अतः वह यूजर के चैनल की पूरी तरह जांच करता है। जिससे यह पता लगाया जा सके कि कहीं यूजर ने कोई ट्रिक या टेक्निक का इस्तेमाल तो नहीं किया शर्तों को पूरा करने के लिए।

आपका मोनेटाइजेशन रिक्वेस्ट किन हालातों में अस्वीकार हो सकता है ?

  • 1 – सब्सक्राइब के बदले सब्सक्राइब: आपने कुछ ऐसा किया कि, यार तुम मेरा चैनल सब्सक्राइब कर लो और मैं तुम्हारा चैनल सब्सक्राइब कर लेता हूँ।
  • 2 – वॉच के बदले वॉच: आपने कुछ ऐसा किया कि, यार तुम मेरा वीडियो देख लो और मैं तुम्हारा वीडियो देख लेता हूँ।
  • 3 – रोबॉट सब्सक्राइबर्स: आजकल बहुत सारे ऑनलाइन सॉफ्टवेयर आते हैं जिसमें आप अपने चैनल का लिंक देकर नकली सब्सक्रिप्शन हासिल कर सकते हैं।
  • 4 – रोबॉटिक वॉच टाइम: इसी प्रकार आप अपने चैनल का वॉच टाइम भी सॉफ्टवेयर की मदद से बढ़ा सकते हैं।
  • 5 – असंगत कॉन्टेंट: यदि आपके चैनल का नीश ‘फ़ूड और कुकिंग’ है, लेकिन वॉच टाइम को बढ़ाने के लिए अचानक आपने एक दिन कुछ ऐसा वीडियो बनाकर डाल दिया जो चैनल नीश से मेल नहीं खाता। जैसे – कोई भड़कता राजनीतिक मसला, कोई बड़ा सामाजिक बवाल, दंगा फसाद या एडल्ट कॉन्टेंट। इस तरह का कार्य भी यूट्यूब पसंद नहीं करता। सीमा में रहकर कभी कोई अलग सा वीडियो डाल देने में बुराई नहीं किन्तु यदि उस वीडियो का वॉच टाइम आपके नीश वीडियो से अधिक जाएगा तो यूट्यूब को ऐसा लगेगा की आपने यह जानकार किया है। इसलिए नीश पर आधारित चैनल को हमेशा नीश वीडियो पर ही केंद्रित रहना चाहिए।

यूट्यूब बहुत अच्छे से सब जांचता है कि चैनल के सब्सक्राइब, वॉच टाइम, व्यू, लाइक..आदि सब कुछ ऑर्गनिक तरीके से आये हैं अथवा यूजर ने किसी तकनीकि का इस्तेमाल किया है। वर्तमान समय में सोशल मीडिया पर सब्सक्राइब, व्यू, लाइक और वॉच टाइम बढ़ाने के ऑफर देने वाले लोग मिल जायेंगे। मेरा अनुरोध है की आप ऐसे लोगों के झांसे में न आएं। यदि आप ऐसा काम करते हैं तो यूट्यूब आपका चैनल कभी मोनेटाइज नहीं होने देगा और हो सकता है आपका चैनल हमेशा के लिए डिलीट कर दिया जाय।

वॉच टाइम बढ़ाने के लिए लोग ClickBait का भी सहारा लेते हैं:

क्लिक बैट, एक प्रकार की ब्लैक हैट टेक्निक है जिसका इस्तेमाल न्यूज़ वेबसाइट, ईकॉमर्स वेबसाइट, कूपन वेबसाइट और यूट्यूब चैनल वाले खूब करते हैं। क्लिक बैट के द्वारा आप CTR को बढ़ा सकते हैं, जिससे की ज्यादा से ज्यादा क्लिक आपको मिल सके।

यूट्यूब के संदर्भ में क्लिक बैट कैसे काम करता है ?

यह तो आप जानते होंगे की वीडियो अपलोड करने से पहले उससे संबंधित एक thumbnail बनाया जाता है। थंबनेल, एक प्रकार का लोगो, फोटो, ग्राफ़िक, टेक्स्ट ..आदि कुछ भी हो सकता है। क्लिक बैट, के नज़रिये से मिसलीडिंग थंबनेल इमेज बनाई जाती है जिसे देखकर यूजर तुरंत वीडियो पर क्लिक कर दे।

आपने कई बार ऐसा देखा होगा की वीडियो थंबनेल पर कुछ और ही लिखा था या कुछ और ही फोटो थी; मगर वीडियो पर क्लिक किया तो बात कुछ और निकली। इस तरह के ‘मिसलीडिंग थंबनेल‘ तैयार कर, लोग बहुत ज्यादा CTR Rate प्राप्त करते हैं और Watch Time भी; मगर चूँकि यूजर Mislead होकर आता है अतः वो वीडियो 10 सेकंड भी नहीं देखता; मगर कुछ परिस्थितियों में वह वीडियो देख भी लेता है।

फ़िलहाल यूट्यूब misleading thumbnails को लेकर पॉलिसी बनाने में लगा है; किन्तु आप जान लें की मिसलीडिंग थंबनेल का इस्तेमाल कर यदि आप वॉच टाइम बढ़ा रहे हैं तो फिर आपका monetization request cancel हो सकता है। जो लोग मोनेटाइजेशन प्राप्त कर लेने के बाद मिसलीडिंग थंबनेल बनाकर वीडियो पे व्यूअर ला रहे हैं तो उनके चैनल का भविष्य खतरे में है।

चैनल मोनेटाइजेशन क्या है ? चैनल मोनेटाइजेशन के पूर्व किन बातों को ध्यान रखना अनिवार्य है ? आप अब तक जरूर जान चुके होंगे। ये आर्टिकल केवल मोनेटाइजेशन की शर्तों व जरूरी बातों पर आधारित था। अभी बहुत सारी बातें यूट्यूब मार्केटिंग से सम्बंधित बाकी हैं जिनकी चर्चा मैं समय-समय पर करता रहूँगा। यूट्यूब का क्षेत्र एक उभरता हुआ करियर है, यदि आप ईमानदारी, मेहनत, समझदारी, प्लानिंग के साथ काम करें तो पैसा कमाने की कोई लिमिट नहीं।

मैं आपको बता दूँ की मोनेटाइजेशन से प्राप्त होने वाली रक़म के अलावा भी आप अनगिनत पैसे कमा सकते हैं। शर्त बस इतनी है की आप निरंतरता के साथ और वैल्युएबल कॉन्टेंट लोगों के समक्ष परोसें।

यूट्यूब से संबंधित अन्य बेहद जरूरी पहलुओं पर मैं आगे लिखूंगा।

धन्यवाद

लेखक:
रवि प्रकाश शर्मा

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