भारत का सविंधान बनाने में 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन का समय लगा था। इसके बनने के बाद भारत को स्वतंत्र गणराज्य बनाने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए सविंधान सभा नें 26 नवंबर 1949 को इसकी मंजूरी दी। इस सविंधान के निर्माण मंडल के अध्यक्ष थे डॉ.
मच्छर बेशक दिखने में एक बेहद छोटा जीव है परन्तु ये हम इंसानों जैसे बड़े जीव की जान भी ले सकता है। आपने देखा होगा की पहले पृथ्वी पर अनगिनत जीव -जन्तु रहा करते थे मगर धीरे धीरे वे स्वतः ही समाप्त होते चले गए। मच्छर एक ऐसा जीव है जो वातावरण के अनुसार
गाय का कटना रुकना चाहिए, लेकिन भारत एक ऐसा देश है जहाँ शुरु से ही अल्पसंख्यक लोगो के हित की बात ज्यादा होती है। बहुसंख्यक लोग अगर कोई फैसला करें कि ये नहीं होना चाहिए तो उस फैसले पर बहस तो दूर सीधा-सीधा कह दिया कह जाता है की ये हमारी आज़ादी पर हमला
Pakheru.com पर हमेशा की तरह एक बार फिर हम कुछ अलग लेख लेकर आये हैं। इस लेख का शीर्षक “अवार्ड लौटंकी के बाद जज नौटंकी” देखकर आप समझ गए होंगे की आज का विषय किसपर आधारित है। दिनांक 12 जनवरी 2018 को सुप्रीमकोर्ट के 4 न्यायाधीशों नें सार्वजानिक रूप से प्रेसकॉन्फ्रेंस करते हुए ये
” देख तेरे संसार की हालत क्या हो गयी भगवान् कितना बदल गया इंसान, कितना बदल गया इंसान सूरज न बदला, चाँद न बदला, न बदला रे आसमान कितना बदल गया इंसान, कितना बदल गया इंसान। “ ऊपर अंकित पंक्तियाँ सुप्रसिद्ध लेखक , कवि व गीतकार “प्रदीप” की हैं जिसे उन्होंने सन 1954 में
ईश्वर की चर्चा जब भी हम करते हैं तो कुछ लोग इसे केवल अन्धविश्वास, सामान्य मान्यता, पूजन प्रथा और सदियों से चली आ रही एक मिथ्य तथ्य ही मानते हैं। वहीँ दूसरी तरफ अनेकों लोग हैं जो ईश्वर के अस्तित्व में पूरा विश्वास रखते हैं, उनका यह मानना है की संसार में हर सजीव
एक आन्दोलन हुआ था फिर एक पार्टी बनी जिसका नाम था “आम आदमी पार्टी” । पार्टी के मुखिया नियुक्त किये गये “अरविंद केजरीवाल” उन्होंने जब नई दिल्ली सीट से शीला के खिलाफ चुनाव लड़ने की ठानी लोगो ने कहा पागल है। अरविंद केजरीवाल जीत गये सरकार भी बन गयी और इस्तीफा भी हो गया।
सुन्दर सुडौल शरीर पाने की चाहत हर किसी में होती है फिर वो चाहे पुरुष हो या महिला हर कोई अपने आप को फिट रखने में जुटा हुआ है। Body Fitness का खयाल करना आज के समय में बेहद जरूरी है, अगर हम अपनी अच्छी Diet and Fitness का पूरा ध्यान रखें तो हमारा
अमूमन तौर पे हम भारतीयों में चाहे पुरुष हो या महिला दोनों ही अपनी सेहत के प्रति बेहद लापरवाह दिखाई पड़ते हैं। ऐसी कई प्रकार की बीमारियां हैं जो हमारी सेहत के प्रति बढ़ती लापरवाही की वजह से दिन प्रतिदिन हमें कमजोर बनाती चली जाती हैं। तमाम बिमारियों में से एक बीमारी Thyroid भी
नव वर्ष के आगमन को लेकर हम सभी कितने उत्साहित रहते हैं। हमारे मन में अनेक प्रकार के ख़याल आते हैं, अनेक प्रकार की योजनाओं का सृजन भी हम अपने मन में करते हैं परन्तु हर बार की तरह हमारी योजनाएं अधूरी ही रह जातीं हैं और फिर अगला वर्ष दस्तक दे बैठता है।