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पढ़िये नवीन रोचक लेख हिन्दी में

देहाती दुल्हन – हास्य व्यंग हिंदी कथा

अपने गांव में भूषण सिंह का अलग ही रुतबा था, एक दम चोकस राजपूताना ठाट-बाट। धन संपदा का आलम तो ऐसा था की आँख उठाकर देखते जाईये, गारंटी है की आपकी आँख की पुतली बाहर आ जाएगी मगर आप उनकी ज़मीन का छोर नहीं देख पायेंगे। खेत बाड़ी बागीचा के अलावा भूषण सिंह अपना

गर्म पानी में नमक डालकर नहाने के फायदे – कई बिमारियों में लाभदायक है नमक का स्नान

खाना कितना भी अच्छा बना हो अगर नमक थोड़ा सा ऊपर नीचे हो जाये पूरा स्वाद बिगड़ जाता है। जी हां जनाब, कई लोग नमक कम खाते हैं कई लोग थोडा सा ज्यादा लेकिन नमक ऐसी चीज़ है जिसके बिना किसी का भी गुजरा नहीं हो सकता। फीकी सी हो जाएगी जिंदगी अगर ये

बीत गया वो वक़्त, गुजरा गया और अब तक नहीं लौटा – हिंदी कविता

कहते हैं की गुजरा वक़्त कभी लौटकर नहीं आता, आज यह बात सच्ची मालूम पड़ती है। मनुष्य आज कितना आज़ाद है संपन्न है फिर भी वो अपने आपको इस आज़ादी में जकड़ा हुआ ही मसहूस करता है। असल में आज़ादी हमारी मानसिकता से जुड़ा हुआ एक विषय है पर हम उसे अपने व्यव्हार में

काश इस जीवन की फिर शुरुआत हो जाए – हिंदी कविता

बचपना कुछ ऐसा होता है कि हम बूढ़े होकर भी उसे भुला नहीं पाते। हम सभी का बचपन तमाम किस्से व् कहानियों से भरा होता है जिसे हम जीवन के हर मोड़ पर याद किया करते हैं। बेशक बढ़ती उम्र हमारे बचपने को ढकती चली जाती है पर फिर भी कहीं न कहीं दिल

विमला – हिंदी कहानी

वही रोज के ताने, कहाँ है री….आँगन में बैठी सास जोर से आवाज़ लगा रही थी। विमला अपने कमरे से बाहर निकलकर बोली बच्चे को सुला रही थी माँ जी, कहिये क्या काम है। सास नें आँखें दिखाते हुए कहा – अरे काम पूछती है तुझे दिखाई नहीं देता की घर में कितना काम

सौतेली माँ – हिंदी कहानी

माधव की शादी को पूरे तीन बरस हो चुके थे, पर गुजरे तीन बरसों में माधव नें बहुत दुःख देखे व् सहे जिसमें से सबसे दुःखदायी पल रहा पत्नी अवंतिका की आकस्मिक मृत्यु। माधव अपनी पत्नी अवंतिका से बेहद प्रेम करता था; दोनों पति पत्नी को देख यही लगता था की यह जोड़ा सच

कौन हूँ मैं क्या जानूँ , कैसे खुद को पहचानूँ

हमारा जीवन सच में कितना गहरा है , क्या हम खुद को भली भाँति जानते हैं। जीवन में ऐसे कई मोड़ आते हैं जहाँ मनुष्य कुछ पल के लिए स्वयं में ही विलीन हो जाता है। ऐसी अवस्था में जाकर हम स्वयं से ही प्रश्न पूछ बैठते हैं कि आखिर कौन हैं हम। नीचे

82 हज़ार लोग बिना टिकट पकड़े गये, रेलवे ने वसूला 4.82 करोड़ का जुर्मना

अगर रेलवे की ये घोषणा आप दिल से लगा के बैठे हो कि ‘भारतीय रेल आप की अपनी सम्पति है‘। मतलब की जब सम्पति ही अपनी है तो टिकट क्यों लेना आखिर अपने मकान का कोई किराया थोड़ी देता है। लेकिन गुरु, बिजली पानी … ये … वो तो देना पड़ता है; अच्छा समझ

वामपंथ Left Wing और दक्षिणपंथ Right Wing विचारधारा Ideology in India – क्यों वामपन्थी नहीं स्वीकारना चाहते राष्ट्रवाद Nationalism ?

भारत में राजनीति का इतिहास बहुत ही गहरा है जिसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। मुख्यतः लोगों को सिर्फ इतना ही पता है कि हिंदुस्तान में राजनीति केवल BJP और Congress कि व्यक्तिगत लड़ाई है और यह इन्हीं दो पार्टियों तक ही सिमित है। भारत वो देश है जहाँ के हालात

जहाँ सबकुछ पैसा ही है – हिंदी कविता

जहाँ सबकुछ पैसा ही है। कितनी सच्ची लगती है ये बात; मौजूदा दौर पैसों का है तभी तो कहा जाता है – न बाप बड़ा न भईया सबसे बड़ा रुपईया। निचे लिखी कविता समाज के असल चेहरे को चरित्रार्थ करती है। पैसे का बढ़ता बोलबाला व्यक्तिगत संबंधों में दरार पैदा करता जा रहा।