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पढ़िये नवीन रोचक लेख हिन्दी में

प्रतियोगी छात्र और लॉकडाउन

ये कोई ऐरू गैरू नथ्थू खैरू टाइप का शब्द बिल्कुल नहीं है, ये वन्स इन अ लाइफटाइम टाईप का टर्मिनोलॉजी है। ये एक ऐसा शब्द है जो आने वाले आपके नाती पोतों के सामने आपको हीरो बनाने के लिए तैयार एक पटकथा जैसी है। किसी ने कुछ जीवन में किया हो ना किया हो

हिंदी कहानी – डाइवोर्स

कब शादी हुई थी आपकी ? .. वकील ने ‘विभा’ की ओर देखते हुए ये सवाल किया।अह्ह..यही कोई डेढ़ साल पहले, ..विभा ने बड़े अधीर मन से; न चाहते हुए जवाब दिया। क्यों डाइवोर्स देना चाहती हैं आप ? ..विभा, ..मन में इस प्रश्न का उत्तर खोज ही रही थी कि, वकील ने कहा

सर्च इंटेंट क्या है – कितने प्रकार की सर्च क्वेरी होती है

आज का विषय बड़ा ही रोचक है। इसे हर उस व्यक्ति को जानना चाहिए जो ब्लॉग लिखता है, जो ऑनलाइन सर्विस देता है, जो ऑनलाइन कुछ बेचता है या फिर जिसका अपना कोई स्टोर या रेस्तरां है । चाहे ब्लॉग की कामयाबी हो, चाहे सर्विस प्रोवाइडर वेबसाइट की कामयाबी हो या ईकॉमर्स वेबसाइट की

सत्य घटना पर आधारित हिंदी कहानी – अंतिम इच्छा

सड़क किनारे एक घना नीम का पेड़ और उसके नीचे एक ‘साईकल रिपेयर‘ की दुकान। ..दुकान के ठीक दाहिने हाँथ पर कुछ दूरी पर स्थित एक ‘चाय की झोपड़ी‘ । सड़क के दोनों ओर खेत-खलिहान व ग्रामीण लोगों के कच्चे-पक्के मकान। वहीं पर नज़दीक स्थित एक प्राइमरी पाठशाला की आखरी घंटी बजती है और

यूट्यूब मोनेटाइजेशन क्या है

यूट्यूब मोनेटाइजेशन क्या है ?दोस्तों, पखेरू पर आज का विषय YouTube Monetization पर केंद्रित है। जिसमें हम सिर्फ ‘मोनेटाइजेशन’ के सन्दर्भ में ही बात करेंगे। अगर मैं आपको यूट्यूब का परिचय दूँ तो यह एक “Video hosting service” कंपनी है, जहां दुनियां का कोई भी यूजर Free Video Upload कर सकता है। यूट्यूब की

हाई बाउंस रेट के कारण व कम करने के उपाय

अक्सर ब्लॉगर का ये सवाल होता है कि मेरे ब्लॉग का बाउंस रेट हाई क्यों आ रहा है ?जब मैं पूछता हूँ कि कितना बाउंस रेट हैं तो कोई कहता है 80%, कोई कहता है 85% यहाँ तक की कुछ लोग 90% तक भी बाउंस रेट बताते हैं। …भाई ये तो सच में बहुत

क्या होता है बाउंस रेट और एग्जिट रेट – दोनों में अंतर समझिये

ब्लॉग, वेबसाइट या फिर यूट्यूब चैनल, सभी के लिए ‘बाउंस रेट‘ बेहद महत्त्वपूर्ण होता है। सिर्फ ब्लॉग या वेबसाइट बना देने से काम नहीं चलता, हमारे लिए यह भी जानना बहुत जरूरी है की हमारे ब्लॉग एवं वेबसाइट पर रोज कितने विजिटर आ रहे हैं, कौन से देश-शहर से आ रहे हैं, किस सोर्स

‘पर्सनल’ एवं ‘प्रोफेशनल’ ब्लॉग्गिंग – दोनों में क्या है अंतर ?

पखेरू पर आज का विषय है Personal Blogging और Professional Blogging. अधिकांश लोग ब्लॉग को केवल एक रूप में ही देखते हैं। मगर ऐसा नहीं है, ब्लॉग के भी 2 रूप होते हैं जिसे ‘पर्सनल‘ एवं ‘प्रोफेशनल‘ नाम दिया जाता है। ऑनलाइन लेखन का कार्य पहले विदेशों में देखने को मिलता था मगर अब

V से विज्ञान और वाइरस

क्रिया प्रतिक्रिया का नियम मेरे ख्याल में एक मात्र ऐसा विज्ञान का सिद्धान्त होगा जो कि एक दम कोरोना से मेल खाता है, केवल एक दो नहीं बल्कि कई मायनों में। अब देखिये क्रिया प्रतिक्रिया ही एक मात्र ऐसा कान्सेप्ट है जो हर एक वर्ग, हर एक जाति अनपढ़ गंवार गांव शहर; हर जगह

गूगल ऐड या फेसबुक ऐड दोनों में कौन बेहतर ?

किसी भी व्यापार को सफल बनाने में ‘विज्ञापन‘ के महत्त्व को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। अख़बार के माध्यम से वर वधु की तलाश करना भी विज्ञापन कहलाता है। नौकरी या साक्षात्कार के लिए भी विज्ञापन उपयोगी है। किसी प्रकार की सरकारी सूचना में भी विज्ञापन का इस्तेमाल किया जाता है। हमारे जीवन में