दोस्तों हम सभी जानते हैं की गूगल एक सर्च इंजन है। गूगल का कार्य है यूजर द्वारा पूछी गयी किसी क्वेरी का वाज़िब जवाब बतलाना। किन्तु क्या आप जानते हैं की गूगल सर्च इंजन में हमें किस प्रकार की क्वेरी को सर्च नहीं करना चाहिए ! मुझे मालूम है कि आप यह बात नहीं
क्या है एफिलिएट मार्केटिंग हिंदी में जानिए:What is Affiliate Marketing in Hindi एक मार्केटिंग व्यवस्था जिसके द्वारा कोई ऑनलाइन रिटेलर अपने रेफरल से उत्पन्न हुए ट्रैफिक या बिक्री के लिए किसी बाहरी वेबसाइट को कमीशन देता है। संबद्ध विपणन की अधिक जानकारी के लिए विकिपीडिया देखें। संछिप्त उदहारण, जैसे Amazon एक ऑनलाइन रिटेलर है
CPA Marketing in Hindi, सीपीए मार्केटिंग क्या होती है आज पखेरू के इस विशेष लेख में समझेंगे। दोस्तों इंटरनेट केवल समाचार पढ़ने और ईमेल भेजने के लिए ही इस्तेमाल नहीं होता। आज 21वीं सदी में इंटरनेट हमारी रोजमर्रा की जरूरत बन पड़ा है; कुछ पल के लिए यदि हमारे स्मार्टफोन का इंटरनेट बंद हो
जानवरों से प्रेम रखना अच्छी बात है और मैं तो कहता हूँ की घर में एक ना एक पालतू जानवर होना भी चाहिए। वैसे जब पालतू जानवर की बात आती है तो बिल्ली और कुत्ता सबसे ज्यादा पालतू जानवरों के रूप में देखे जाते हैं। साउदी अरब जैसे देशो में लोग शेर को भी
क्रॉल बजट क्या है ? Crawl Budget Kise Kahte Hain ? दोस्तों जब बात SEO की होती है या जब बात Search Engine Ranking की होती है तो उसमें एक शब्द अधिकतर सुनने को मिलता है जिसे ‘crawl budget‘ का नाम दिया जाता है । एस.ई.ओ या डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में काम करने
Pakheru.com पर आज का यह लेख उन लड़के , लड़कियों व उन तमाम लोगों के लिए है जो घर बैठकर पैसे कमाना चाहते हैं । मैं स्वयं एक डिजिटल मार्केटर हूँ प्राइवेट कंपनी में नौकरी भी करता हूँ इसके अतिरिक्त मैं अपने हिंदी ब्लॉग ‘पखेरू’ नियमित लेखन का कार्य भी करता हूँ । अपने
भारत जैसे समृद्ध और विविधतापूर्ण देश में , जंहा घाट-घाट पर पानी बदले बीस कोस पर बानी जैसी कहावतें वास्तविकता हों , वंहा कलाओं एवं नाना प्रकार के शिल्प का होना कोई नयी बात नहीं । दरअसल ये विविधता ही हमारी विरासत है , चाहे वो भौगोलिक दृष्टि से , मौसम , भाषा , वेशभूषा , कला संस्कृति , रीतिरिवाज़ , खानपान से ही क्यों न
उन आँखों ने भी देखें होंगे कुछ ख्वाब, ख्वाब एक भरे पूरे परिवार का, बच्चों के प्यार और अपनेपन का, ख्वाब खुद के सम्मान का, जीवन के अंतिम पलों में तनाव रहित समय का । अपने पूरे जीवन को बच्चों की ख़ुशी के लिए समझौते का रूप दे देते हैं जो माता-पिता , क्या
भारत हमेशा से ही विविधता से समृद्ध रहा है। भले वो भौगोलिक परिदृश्य हो, मौसम हो, खान-पान, रहन-सेहन यँहा तक कि कला-संस्कृति भी इससे अछूती नहीं है। इस देश में मौलिकता भी विविधता से विभूषित है। इसलिये इस अद्भुत देश का कण-कण विशेषता की अपनी परिभाषा से अभिव्यक्त है। तभी तो हमारे देश में ये कहावत
विश्व में जब से सूचना-प्रौद्योगी क्रांति द्वारा सूचनायें सर्वसुलभ होने लगी है, तब से समाज में नवचेतना के साथ कई तरह की विसंगति भी देखने में आयी है। तकनीक ने जंहा एक ओर जीवन को नवीन जानकारी एवम संसाधन पूर्ण बनाया है, वंही सामाजिक बुराईयों को भी नये कलेवर के साथ पेश किया है।